दिल्ली सरकार के अस्पतालों में सिर्फ दिल्लीवालों का इलाज, हाई कोर्ट पहुंचा मामला

दिल्ली सरकार के अस्पतालों में बाहरी मरीजों के इलाज न करने के केजरीवाल कैबिनेट के फैसले को दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी है।

By Mangal YadavEdited By: Publish:Mon, 08 Jun 2020 03:45 PM (IST) Updated:Mon, 08 Jun 2020 03:51 PM (IST)
दिल्ली सरकार के अस्पतालों में सिर्फ दिल्लीवालों का इलाज, हाई कोर्ट पहुंचा मामला
दिल्ली सरकार के अस्पतालों में सिर्फ दिल्लीवालों का इलाज, हाई कोर्ट पहुंचा मामला

नई दिल्ली, विनीत त्रिपाठी दिल्ली सरकार के अस्पतालों में बाहरी मरीजों के इलाज न करने के केजरीवाल कैबिनेट के फैसले को दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी गई है। केजरीवाल सरकार के फैसले के खिलाफ दो याचिकाएं सोमवार को दायर की गई।

याचिकाकर्ता अभिजीत मिश्रा ने याचिका में कहा है कि दिल्ली सरकार का सात जून को किया गया फैसला मानवता के खिलाफ है। राज्य सरकार का यह फैसला भेदभाव पूर्ण है और इससे नागरिकों में फूट पैदा होगी।

कोरोना काल तक लागू रहेगी यह व्यवस्था

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के साढ़े सात लाख लोगों से मिले सुझाव और डॉ. महेश वर्मा की कमेटी की सिफारिशों के बाद रविवार को कैबिनेट में फैसला लिया कि दिल्ली सरकार के अस्पतालों व यहां के निजी अस्पतालों में केवल दिल्लीवासियों का इलाज होगा। वहीं केंद्र सरकार के अस्पतालों में देशभर के लोग इलाज करा सकते हैं। यह व्यवस्था कोरोना काल तक लागू रहेगी।

उन्होंने कहा कि आंकोलॉजी सर्जरी, ट्रांसप्लांटेशन, न्यूरो समेत कुछ सर्जरी हैं, जो दिल्ली के चंद प्राइवेट अस्पताल करते हैं। ये अस्पताल देशभर के लोगों के लिए खुले रहेंगे। मुख्यमंत्री ने बताया कि दिल्ली के 7.5 लाख से अधिक लोगों से मिले सुझाव में से 90 फीसद लोग कोरोना काल तक सारे अस्पतालों को दिल्ली के लोगों के लिए रखने के पक्ष में हैं।

डॉक्टरों की कमेटी ने दिया था सुझाव

वहीं पांच विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमेटी का कहना है कि अगर दिल्ली के सारे अस्पताल सबके लिए खोल दिए तो अस्पतालों में उपलब्ध 9000 कोविड-19 बेड मात्र तीन दिन में भर जाएंगे। कमेटी ने जून के अंत तक दिल्ली को 15 हजार बेड की जरूरत पड़ने की संभावना जताई है। इस समय दिल्ली सरकार के अस्पतालों में 10 हजार बेड हैं और केंद्र सरकार के अस्पतालों में भी 10 हजार बेड हैं। उन्होंने कहा कि बॉर्डर खोलने के बाद दिल्ली सरकार के अस्पताल केवल दिल्ली के लोगों के लिए रिजर्व रहना चाहिए। वहीं, केंद्र सरकार के जो अस्पताल हैं, उनमें भी 10 हजार बेड हैं और वहां पर कोई भी आकर इलाज करा सकता है।

बता दें कि अगर अब दिल्ली के अस्पताल में इलाज कराना है तो आपको दिल्ली का पहचान पत्र दिखाना होगा। पहचान के तौर पर वे सभी दस्तावेज मान्य होंगे जो यह प्रदर्शित करेंगे कि आप दिल्ली के निवासी हैं। मतदाता पहचान पत्र, आधार कार्ड, पासपोर्ट, बैंक पास बुक, गैस कनेक्शन की पास बुक आदि वे सभी दस्तावेज मान्य होंगे, जिनके माध्यम से आप चुनाव के समय दिल्ली में मतदान कर सकते हैं।

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