नेहरू प्लेस बस टर्मिनल पर उड़ती धूल से लोग परेशान

नेहरू प्लेस बस डिपो में सड़क ना होने के कारण बस आने पर उड़ती धूल के कारण पैदल यात्रियों को बस पकड़ने के लिए धूल में से होकर गुजरना पड़ता है।

By Pooja SinghEdited By: Publish:Thu, 14 Nov 2019 12:05 PM (IST) Updated:Thu, 14 Nov 2019 12:05 PM (IST)
नेहरू प्लेस बस टर्मिनल पर उड़ती धूल से लोग परेशान
नेहरू प्लेस बस टर्मिनल पर उड़ती धूल से लोग परेशान

नई दिल्ली, संवाददाता। नेहरू प्लेस बस टर्मिनल पर उड़ रही धूल के कारण यहां काम करने वाले अधिकारियों, कर्मचारियों व सवारियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। नेहरू प्लेस व इसके आसपास तमाम ऑफिस हैं। इसके साथ ही यहां लोटस टेंपल, कालकाजी भैरव मंदिर होने के कारण इस टर्मिनल पर बड़ी संख्या में यात्रियों की आवाजाही होती है। यहां से विभिन्न रूटों की बसों का संचालन होता है। इस बस टर्मिनल पर हमेशा धूल उड़ती  रहती है। यात्रियों को इससे बहुत परेशानी होती है।

सरिता विहार से आए संतोष ने बताया कि धूल-मिट्टी के कारण सांस से जुड़ी बीमारी होने का खतरा बना रहता है।आरकेपुरम से आई रोशनी ने बताया कि टर्मिनल की सड़क टूटी हुई है। टूटी सड़क से बसें गुजरती हैं तो धूल का गुबार छा जाता है। उन्होंने बताया कि यहां पर लोग खुले में ही पेशाब करते हैं। इसकी वजह से दिन भर दुर्गंध आती है। कालकाजी के डिपो मैनेजर प्रवीण कुमार ने कहा कि इस बारे में विभाग ही बता सकता है। 

बता दें कि एनसीआर की हवा में प्रदूषण का जहर बुधवार को और बढ़ गया। मंगलवार को दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स 425 यानी गंभीर श्रेणी में था। बुधवार को इसमें 42 अंकों की बढ़ोतरी हुई और यह आपात स्थिति में पहुंच गया। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के मुताबिक बुधवार को देश का सबसे प्रदूषित शहर गाजियाबाद रहा, जहां एयर इंडेक्स 483 रहा। दिल्ली का एयर इंडेक्स 467 रहा। शाम के छह बजे पीएम 10 की मात्र 500 और पीएम 2.5 कणों की मात्र 344 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रहा। मानकों के अनुसार पीएम 10 की मात्र 100 व पीएम 2.5 की मात्र 60 से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। इस हिसाब से देखा जाए तो दिल्ली की हवा में पांच गुना ज्यादा प्रदूषण का जहर घुला हुआ है।

सीपीसीबी व पृथ्वी विज्ञान मंत्रलय की वायु गुणवत्ता निगरानी संस्था सफर के अनुसार हवा में कई तरह की गैस आपस में रिएक्शन कर सेकेंड्री पार्टिकल बना रही हैं। इस कारण भी लोगों को काफी ज्यादा परेशानी महसूस हो रही है। 15 नवंबर तक तो एनसीआर के शहर इसी तरह घुटते रहेंगे। सीपीसीबी की टास्क फोर्स ने बुधवार शाम स्थिति की समीक्षा की। इसमें विशेष रूप से पीएम 2.5 के लगातार 300 से ऊपर रहने पर चिंता जाहिर की गई।

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