मेक इन इंडिया का कमाल : रहें तैयार, देश के इस शहर में आ रहीं 1 लाख नौकरियां

सैमसंग के बाद पतंजलि ऐसा ग्रुप है, जो यूपी में बड़ा निवेश करने वाला है। यह प्रधानमंत्री मोदी की पहल 'मेक इन इंडिया' के तहत सबसे बड़ी उपलब्धि है।

By JP YadavEdited By: Publish:Tue, 10 Jul 2018 02:11 PM (IST) Updated:Tue, 10 Jul 2018 04:55 PM (IST)
मेक इन इंडिया का कमाल : रहें तैयार, देश के इस शहर में आ रहीं 1 लाख नौकरियां
मेक इन इंडिया का कमाल : रहें तैयार, देश के इस शहर में आ रहीं 1 लाख नौकरियां

नई दिल्ली (जेएनएन)। पीएम मोदी के 'मेक इन इंडिया' का ही कमाल है कि देश की राजधानी दिल्ली से सटे नोएडा में अगले कुछ सालों में एक लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा। इसमें सबसे बड़ी भूमिका निभाएगी दक्षिण कोरिया की सैमसंग कंपनी, वहीं पतंजलि ग्रुप ने भी अपनी यूनिट लगाकर हजारों युवाओं को रोजगार देने की तैयारी में है। विशेषज्ञों की मानें तो सैमसंग और पतंजलि ग्रुप दोनों नोएडा में अपनी यूनिट लगाकर एक लाख लोगों को रोजगार देंगे।

सैमसंग की यूनिट धरातल पर है और इस कंपनी में हजारों लोग काम कर रहे हैं। एक दिन पहले ही 9 जुलाई को नोएडा सेक्टर-81 में सैमसंग की नई यूनिट का उद्घाटन होने के साथ ही नोएडा मोबाइल निर्माण का हब बन गया है। नोएडा के सेक्टर-81 में स्थित यह नई यूनिट 5,000 करोड़ रुपये के निवेश से तैयार हुई है। सिर्फ इतना ही नहीं इस कंपनी के शुरू होने से करीब 70 हजार लोगों को नौकरी मिलने की भी संभावना है। वहीं, रामदेव का पतंजलि ग्रुप यहां स्थापति होने में थोड़ा समय लेगा। कहा तो यह भी जा रहा है कि सैमसंग के बाद पतंजलि ऐसा ग्रुप है, जो यूपी में बड़ा निवेश करने वाला है। यह प्रधानमंत्री मोदी की पहल 'मेक इन इंडिया' के तहत सबसे बड़ी उपलब्धि है।

पांच साल में यूपी में 70 लाख लोगों को रोजगार
साल 2014 में 'मेक इन इंडिया' की जब शुरुआत हुई थी, उस समय भारत में मोबाइल कंपनियों का बाजार लगभग 19,000 करोड़ रुपये का था, लेकिन इस पहल के बाद महज दो सालों में ही इसमें रिकॉर्ड 373 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। ​जहां तक यूपी की बात है तो आने वाले पांच सालों में प्रदेश सरकार का 70 लाख लोगों को रोजगार देने का लक्ष्य है।

साढ़े तीन करोड़ मोबाइल होंगे निर्यात
सैमसंग द्वारा सेक्टर 81 में बनी यूनिट में सालाना 12 करोड़ मोबाइल हैंडसेट बनाए जाएंगे। इनमें से 30 फीसद यानी तीन करोड़ 60 लाख मोबाइल यूरोप, पश्चिम एशियाई देश (आर्मीनिया, अजरबैजान, बहरीन, ईरान, इजराइल, कुवैत, ओमान, तुर्की, सऊदी अरब, यूएई आदि), सार्क (बांग्लादेश, अफगानिस्तान, श्रीलंका, पाकिस्तान, भूटान, मालदीव, नेपाल) और अफ्रीका के कई देशों में निर्यात होंगे।

वियतनाम में थी सबसे बड़ी निर्माण यूनिट
नोएडा के सेक्टर 81 से पहले वियतनाम में सबसे ज्यादा मोबाइल का निर्माण होता था। इंडियन सेल्युलर एसोसिएशन के विजेश कुमार का कहना है कि वियतनाम में कितने मोबाइल का निर्माण होता है, इसे ठीक तौर पर नहीं बताया जा सकता था। लेकिन, अब सेक्टर 81 की यूनिट दुनिया की सबसे बड़ी निर्माण यूनिट बन जाएगी। भविष्य में इस में प्रतिमाह 1.2 करोड़ मोबाइल का निर्माण होगा।

यूपी में होगा बड़ा निवेश
यूपी इंवेस्टरमीट से पहले 10 कंपनियों ने 7227 करोड़ रुपये के निवेश के लिए एमओयू साइन हुए थे। इस कड़ी में इंफोसिस को भी प्लाट भी आवंटित किया था, लेकिन उसने बिल्डिंग प्लान प्राधिकरण में जमा नहीं किया था। ऐसे में पिछले दिनों कंपनी ने प्राधिकरण ने बिल्डिंग प्लान जमा करा दिया। यह निवेश करीब पांच हजार करोड़ का होगा। ऐसे में कंपनियों द्वारा कुल 12 हजार 227 करोड़ रुपये का निवेश हो रहा है, जिससे बनने वाली कंपनी में एक लाख 15 हजार लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे।

कई नामी कंपनियों को आवंटित की गई हैं जमीनें
प्राधिकरण ने सेक्टर-155, 156, 157 व 159 में औद्योगिक भूखंड योजना निकाली थी। स्कीम के तहत पांच एकड़ से कम 122 औद्योगिक भूखंडों का आवंटन किया गया। जिसमें अफलाटस ग्राफिक प्राइवेट लिमिटेड, धर्मपाल प्रेम चंद लिमिटेड, रिवर इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड, मुरली प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड फ्राग टेल्स प्राइवेट लिमिटेड, बाबा ग्लोबल लिमिटेड, गौरव इंटरनेशनल, वेस्ट वे इलेक्ट्रॉनिक लिमिटेड हैं।

ओपन एंड स्कीम के तहत पांच एकड़ प्लॉट अलॉट
इन कंपनियों को कुल 2 लाख 5 हजार 385 वर्ग मीटर जमीन अलॉट की गई, जिसमें एक हजार करोड़ रुपये का पूंजी निवेश प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से किया जाएगा। साथ ही करीब 35 हजार लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे। इसी तरह पांच एकड़ से अधिक प्लॉट ओपन एंड स्कीम के तहत अलॉट हुए।

इंफोसिस करेगा 5 हजार करोड़ का निवेश
इंफोसिस को एक प्लाट आवंटित किया गया था। लेकिन कंपनी ने अपना बिल्डिंग प्लान प्राधिकरण में जमा नहीं किया था। मंगलवार को कंपनी द्वारा बिल्डिंग प्लान मंजूरी के लिए प्राधिकरण के नियोजन विभाग में जमा किया गया। साफ है कि इंफोसिस द्वारा यहा करीब 5 हजार करोड़ रुपये का निवेश किया जा रहा है। यानी कुल 12 हजार 227 करोड़ रुपये का निवेश नोएडा में किया जाएगा। आगामी 10 सालों में यह कंपनियां अपना काम पूरा कर, यहां नए उद्योगों को शुरू कर देंगी। जाहिर है इनके शुरू होते ही रोजगार के अवसरों के साथ शहर की छवि बनेगी, साथ ही प्रदेश सरकार को करोड़ों रुपये का राजस्व प्राप्त होगा।

नोएडा बना दुनिया का मोबाइल निर्माण हब
सैमसंग की नई यूनिट के उद्घाटन के साथ ही गौतमबुद्धनगर दुनिया में मोबाइल निर्माण का हब बन गया है। अब यहां मोबाइल निर्माण की सबसे ज्यादा फैक्ट्री हैं। साथ ही सैमसंग इंडिया के रूप में दुनिया की सबसे बड़ी मोबाइल निर्माण फैक्ट्री भी अब नोएडा में शुरू हो गई। इसके साथ ही भारत अब दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल निर्माता देश बन गया है। चीन पहले पायदान पर है। नोएडा में बनी सैमसंग मोबाइल की यूनिट में वर्ष 2020 तक प्रतिमाह एक करोड़ मोबाइल का निर्माण होगा। जिससे पूरी दुनिया में नोएडा की धूम होगी। साथ ही मेक इन इंडिया को उड़ान मिल गई।

चरणबद्ध तरीके से शुरू होगा स्मार्टफोन का निर्माण
सेक्टर-81 स्थित सैमसंग की नई यूनिट में स्मार्ट फोन का निर्माण अगले कुछ दिनों में प्रारंभ हो जाएगा। यहां प्रतिवर्ष 12 करोड़ स्मार्टफोन का निर्माण होगा। फिलहाल यूनिट में 6 करोड़ 80 लाख स्मार्टफोन का निर्माण हो रहा है। शेष बचे 5 करोड़ 20 लाख स्मार्टफोन का चरणबद्ध तरीके से निर्माण प्रारंभ होगा। सैमसंग कंपनी ने अपने मोबाइलों की संख्या बढ़ाने के लिए इस यूनिट से 50 फीसद अधिक निर्माण शुरू किया है। स्मार्टफोन के निर्माण के लिए 50 फीसद कंपोनेंट्स नोएडा की ही अन्य फैक्टियों में तैयार किए जा रहे हैं। वहीं इन स्मार्टफोन में उपयोग होने वाले सॉफ्टवेयर भी भारत की कई कंपनियों से लिए जाएंगे। वर्ष 2020 तक हर माह स्मार्टफोन के उत्पादन की क्षमता चरणबद्ध तरीके से बढ़ाई जाएगी। यहां पर निर्मित 30 फीसद मोबाइल फोन निर्यात किए जाएंगे, यानी अप्रत्यक्ष रूप से भारत में विदेशी मुद्रा आएगी। वहीं, कंपनी का लक्ष्य है कि 2020 से वह हर साल 12 करोड़ मोबाइल फोन बनाए। 

नोएडा में ही बनते हैं सैमसंग के सभी मॉडल
सैमसंग इंडिया अपनी नोएडा की मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट में ही अपने फ्लैगशिप मॉडल एस-9 समेत सभी तरह के हैंडसेट का निर्माण करती है। सैमसंग भारत में वर्ष 2007 से ही मोबाइल फोन का निर्माण कर रही है। नोएडा के अलावा कंपनी की एक इकाई चेन्नई के नजदीक श्रीपेरंबुदुर में भी है। कंपनी ने पांच आरएंडडी सेंटर और एक डिजाइन सेंटर स्थापित करके अपनी लीडरशिप पोजीशन को और मजबूती दी है। कंपनी डेढ़ लाख से अधिक रिटेल आउटलेट और 3,000 कस्टमर सर्विस प्वाइंट्स के जरिये ग्राहकों को सेवा दे रही है। यह देश में किसी भी कंपनी द्वारा स्थापित सबसे बड़ा नेटवर्क है। सैमसंग इंडिया के सीईओ एचसी हांग ने कहा कि कंपनी भारत की लंबी अवधि की सहयोगी है और हम मेक इन इंडिया, मेक फॉर इंडिया के बाद अब मेक फॉर वर्ल्ड पर काम करेंगे। उन्होंने कहा कि सैमसंग भारत को मोबाइल फोन के लिए ग्लोबल एक्सपोर्ट हब बनाने के सरकार के सपने को पूरा करेगी।

रोजगार मिलने से अपराध होगा कम
दिल्ली से सटा होने के चलते नोएडा और ग्रेटर नोएडा दोनों ही अंतरराष्ट्रीय फलक पर हैं। ऐसे में यहां पर बढ़ता अपराध बड़ी समस्या है। दोनों शहरों में रोजगार के अवसर पैदा होने पर अपराध में भी कमी आएगी।

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