अब हिंदू मंदिरों को सरकारी कब्जे से मुक्त कराने का एजेंडा हाथ में लेगा विश्व हिंदू परिषद
Vishwa Hindu Parishad इसके लिए विहिप के केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल की बैठक में भावी रणनीति तय की जाएगी। कुंभ के दौरान यह बैठक 9 अप्रैल को हरिद्वार के भोपतवाला स्थित युगपुरुष परमानन्द महाराज के आश्रम अखंड परमधाम में होगी।
नई दिल्ली [नेमिष हेमंत]। उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर की लड़ाई जीतने के बाद विश्व हिंदू परिषद (विहिप) अब हिंदू मंदिरों को सरकारी कब्जे से मुक्त कराने का एजेंडा अपने हाथ में लेगा। इसके लिए विहिप के केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल की बैठक में भावी रणनीति तय की जाएगी। कुंभ के दौरान यह बैठक 9 अप्रैल को हरिद्वार के भोपतवाला स्थित युगपुरुष परमानन्द महाराज के आश्रम अखंड परमधाम में होगी। इसमें विहिप के वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ ही देशभर से जुटे कोई 150 से अधिक साधु-संत हिस्सा लेंगे। बता दें कि इसके पहले देशभर के मंदिरों को सरकारी कब्जे से मुक्त कराने को लेकर एक बैठक फरवरी माह में राष्ट्रीय राजधानी में हुई थी, जिसमें सरसंघचालक मोहन भागवत व विहिप के शीर्ष पदाधिकारियों के अलावा देश के प्रमुख चुनिंदा संतोंं की भी मौजूदगी थी। उसमें इस मुद्दे को आगे बढ़ाने का फैसला लिया गया था।
विहिप के मुताबिक आजादी के पहले अंग्रेजों ने मंदिरों को अपने नियंत्रण में लेने की परंपरा शुरू की और आजादी के बाद निहित स्वार्थ के कारण देश की सरकारों और नौकरशाहों ने उसे जारी रखा है। स्थिति यह कि सबरीमाला मंदिर, तिरुपति बाला जी व पद्मनाभस्वामी मंदिर समेत देश के हजारों मंदिर सरकारी नियंत्रण में है। अब इन्हें मुक्त कराने की आवश्यकता है। क्योंकि मंदिर चलाने का काम सरकार का नहीं, समाज का है।
विहिप के कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने बताया कि मार्गदर्शक मंडल की बैठक में इस मुद्दे पर विस्तार से संत समाज चर्चा करेगा और आगे की रणनीति तय की जाएगी। इसके अलावा अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए चलाए गए निधि समर्पण अभियान की समीक्षा होगी। दूसरे धर्म में गए लोगों की घर वापसी व परिवार प्रबोधन जैसे विषय पर चर्चा के साथ आगामी रूपरेखा तय की जाएगी।
वैसे तो यह बैठक अमूमन दो दिनों की होती है, लेकिन कोरोना को देखते हुए यह बैठक एक दिन की ही रखी गई है। इसमें श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय, विहिप के केंद्रीय महामंत्री मिलिंद परांडे, धर्माचार्य संपर्क प्रमुख अशोक तिवारी व केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल के संयोजक जीवेश्वर मिश्रा समेत अन्य प्रमुख लोगों की मौजूदगी रहेगी। इसके पहले मार्गदर्शक मंडल की बैठक राष्ट्रीय राजधानी में पिछले वर्श नवंबर में हुई थी, जिसमें राम मंदिर निर्माण की रूपरेखा तैयार करने के साथ ही मंदिर निर्माण में जनभागीदारी के लिए 44 दिवसीय निधि समर्पण अभियान चलाने की घोषणा की गई थी।