Delhi Lockdown 4.0 News: उद्योगों की रफ्तार में बढ़ाने में सहयोग नहीं कर रहा पुलिस प्रशासन

Delhi Lockdown 4.0 News पुलिस-प्रशासन को जहां उद्यमियों-कारोबारियों का सहयोग करना चाहिए। वहीं वे अपरोक्ष रूप से उनके उत्पीड़न के हथकंडे अपना रहे हैं।

By Edited By: Publish:Fri, 22 May 2020 09:18 PM (IST) Updated:Fri, 22 May 2020 10:58 PM (IST)
Delhi Lockdown 4.0 News: उद्योगों की रफ्तार में बढ़ाने में सहयोग नहीं कर रहा पुलिस प्रशासन
Delhi Lockdown 4.0 News: उद्योगों की रफ्तार में बढ़ाने में सहयोग नहीं कर रहा पुलिस प्रशासन

नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। Delhi Lockdown 4.0 News: लॉकडाउन-4 में ज्यादातर गतिविधियां धीरे-धीरे पटरी पर आ रही हैं, लेकिन उद्योग-धंधे अभी भी घिसट ही रहे हैं। तमाम कोशिशों के बाद अब 50 फीसद से ज्यादा उद्योग शुरू हो गए हैं, तो विभिन्न स्तरों पर परेशानी का सामना कर रहे हैं। विडंबना तो यह है कि पुलिस-प्रशासन को जहां उद्यमियों-कारोबारियों का सहयोग करना चाहिए। वहीं वे अपरोक्ष रूप से उनके उत्पीड़न के हथकंडे अपना रहे हैं। दिल्ली के अधिकांश औद्योगिक क्षेत्रों में 50 फीसद से ज्यादा फैक्ट्रियां शुरू हो गई हैं।

यह बात अलग है कि वे केवल कहने के लिए चालू हुई हैं। कामगारों की कमी, कच्चे माल और ऑर्डर के अभाव तथा आर्थिक तंगी से उनमें उत्पादन 50 फीसद से भी कम हो रहा है। दिक्कत यह है कि देश की राजधानी में भी इन हालातों के बावजूद पुलिस-प्रशासन उद्यमियों को सहयोग करने के बजाय इनका उत्पीड़न करने में लगा है। काफी जगह अभी तक बैरिकेड हटाकर रास्ते नहीं खोले गए हैं। फैक्ट्रियों के समय को लेकर भी उद्यमियों पर दबाव बनाया जा रहा है।

केंद्र सरकार की गाइडलाइंस में कहा गया है कि जो इकाइयां लगातार चलने वाली हैं, वे रात में भी चल सकती है। मास्क, सैनिटाइजर और शारीरिक दूरी के मानकों को लेकर भी उद्यमियों पर गाहे बगाहे भय बनाया जा रहा है।

एनसीआर की बात करें तो गाजियाबाद के औद्योगिक क्षेत्रों में उद्योगों को चलाने की सशर्त अनुमति के बाद शुक्रवार तक 10,694 इकाइयां संचालित होने लगी हैं। बची कुछ इकाइयां ऐसी हैं, जो कच्चा माल न मिलने की वजह से शुरू नहीं हो सकी हैं। बहुत सी इकाइयों को लोहा मंडी खुलने का इंतजार है। सोनीपत में भी दाल, चावल की मिलें , दवा एवं सैनिटाइजर इत्यादि की कुछ छोटी फैक्ट्रियां चल रही हैं, जबकि ज्यादातर अभी बंद हैं। वजह, दिल्ली से कच्चा माल, मशीन के पुर्जे आदि का नहीं आना और मजदूरों की कमी तो है ही।

गुरुग्राम में सीमावर्ती इलाकों के नाकों पर शुक्रवार को भी सख्ती जारी रही। बिना पास वाले एक भी वाहन को सीमा में प्रवेश करने नहीं दिया गया। लोग विनती करते रहे, लेकिन गुरुग्राम पुलिस ने उनकी एक न सुनी। वाहनों की जांच की वजह से पूरे दिन सभी बॉर्डरों पर खासकर सिरहौल एवं कापसहेड़ा बॉर्डर पर ट्रैफिक का दबाव बना रहा।

दिल्ली से फरीदाबाद में प्रवेश को लेकर भी बदरपुर बॉर्डर पर स्थिति ज्यों की त्यों है। पुलिस ई-पास के अलावा ऐसे लोगों को ही फरीदाबाद में प्रवेश करने दे रही है, जिनके पास जिले का निवासी होने का प्रमाण है। वाहन चालकों से भी पूछताछ के बाद ही प्रवेश दिया जा रहा है।

अभी उद्योगों के पहिये को घूमने में काफी वक्त लगेगा। एक तरफ कामगारों की कमी है तो दूसरी ओर कोरोना का डर सता रहा है। लोहा मंडी में कच्चा माल भी नहीं मिल रहा है। जो थोड़ा बहुत माल है, उसी के सहारे धीरे-धीरे काम शुरू कर रहे हैं। सिर्फ कल पुर्जे ही बना रहे हैं। पुलिस-प्रशासन का सहयोग बिल्कुल नहीं मिल रहा है। बगल में स्थित झुग्गी बस्ती में पांच लोगों को कोरोना हो चुका है, फिर भी उस बस्ती का रास्ता हमारे क्षेत्र से ही जा रहा है। -नीरज सहगल, महासचिव, मायापुरी इंडस्ट्रियल वेलफेयर एसोसिएशन

दिल्ली की तरफ से फैक्ट्री मालिक तो मूवमेंट पास के जरिये आ जाते हैं, लेकिन फैक्ट्रियों में काम करने वाले कर्मचारियों की मूवमेंट नहीं हो पा रही है। कर्मचारियों के बिना उद्योग धंधे चल पाना मुश्किल है। सरकार को चाहिए कि फैक्ट्री कर्मचारियों को दिल्ली से आने-जाने की अनुमति दी जाए। -राकेश देवगन, प्रधान, राई (सोनीपत) इंडस्ट्रीज एसोसिएशन

सरकार की गाइडलाइंस के अनुसार सभी उद्योग-धंधे चल सकते हैं। प्रशासन द्वारा अलग से कोई दिशा निर्देश नहीं दिया गया है। अगर पुलिस के स्तर पर कोई परेशानी आ रही हो तो इसे लेकर मुझे जानकारी नहीं है। -पीयूष रोहनकर, एसडीएम, दिल्ली कैंट

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