Nirbhaya Case: पटियाला हाउस कोर्ट ने जारी किया नया डेथ वारंट, 1 फरवरी को होगी फांसी

निर्भया केस में पटियाला हाउस कोर्ट ने नया डेथ वारंट जारी किया है। नए डेथ वारंट के अनुसार चारों दोषियों को 1 फरवरी सुबह 6 बजे फांसी दी जाएगी।

By Arun Kumar SinghEdited By: Publish:Fri, 17 Jan 2020 04:57 PM (IST) Updated:Sat, 18 Jan 2020 07:26 AM (IST)
Nirbhaya Case: पटियाला हाउस कोर्ट ने जारी किया नया डेथ वारंट, 1 फरवरी को होगी फांसी
Nirbhaya Case: पटियाला हाउस कोर्ट ने जारी किया नया डेथ वारंट, 1 फरवरी को होगी फांसी

नई दिल्ली, जेएनएन। निर्भया सामूहिक दुष्कर्म और हत्याकांड मामले में शुक्रवार को पटियाला हाउस कोर्ट ने चारों दोषियों के खिलाफ नया डेथ वारंट जारी किया। इसके मुताबिक, इन दोषियों को 1 फरवरी को सुबह 6 बजे फांसी दी जाएगी। इसके पहले कोर्ट ने 22 जनवरी को फांसी मुकर्रर की थी। लेकिन दोषियों में से एक मुकेश कुमार सिंह द्वारा राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका लगाने के कारण फांसी टालनी पड़ी।

आखिरकार राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा शुक्रवार को ही दया याचिका खारिज किए जाने के बाद तिहाड़ जेल के अधिकारियों ने कोर्ट से चारों दोषियों के खिलाफ नया डेथ वारंट जारी करने की मांग की थी। दोषी मुकेश ने राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका लगाए जाने का हवाला देते हुए 22 जनवरी को होने वाली फांसी टालने की मांग करते हुए अर्जी लगाई थी।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सतीश कुमार अरोड़ा द्वारा मुकेश की इसी अर्जी पर सुनवाई के दौरान सरकारी वकील इरफान अहमद ने कोर्ट को बताया कि राष्ट्रपति ने मुकेश की दया याचिका खारिज कर दी है। मालूम हो कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मुकेश की दया याचिका गुरुवार देर रात राष्ट्रपति को अग्रसारित की थी। इसके पहले दिल्ली सरकार तथा उपराज्यपाल अनिल बैजल ने भी दया याचिका खारिज करने की सिफारिश की थी। मुकेश ने दो दिन पहले ही दया याचिका लगाई थी, जिस पर सभी स्तरों पर त्वरित कार्रवाई हुई।

निर्भया के दोषियों को फांसी देने के लिए दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने नया डेथ वारंट जारी किया। अब चारों दोषियों को 22 जनवरी को नहीं बल्कि 1 फरवरी को सुबह 6:00 बजे फांसी दी जाएगी।@JagranNews

— Mala Dixit (@mdixitjagran) January 17, 2020

उधर, निर्भया के दोषी पवन ने फिर सुप्रीमकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। सुप्रीमकोर्ट में याचिका दाखिल कर दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी। पवन के वकील एपी सिंह ने यह जानकारी दी। पिछले दिनों हाईकोर्ट ने घटना के समय उसके नाबालिग होने का दावा करने वाली याचिका खारिज कर दी थी। निचली अदालत ने दोषियों को फांसी की तारीख तय कर रखी है।

निर्भया के दोषी पवन ने फिर खटखटाया सुप्रीमकोर्ट का दरवाजा। सुप्रीमकोर्ट में याचिका दाखिल कर दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश को दी चुनौती। हाईकोर्ट ने घटना के समय उसके नाबालिग होने का दावा करने वाली याचिका खारिज कर दी थी। निचली अदालत ने दोषियों को फांसी की तारीख तय कर रखी है।@JagranNews

— Mala Dixit (@mdixitjagran) January 17, 2020

इससे पहले पटियाला हाउस कोर्ट ने निर्भया केस में चारों दोषियों के लिए 22 जनवरी का डेथ वारंट जारी किया गया था। चारों दोषियों में से एक मुकेश कुमार ने राष्‍ट्रपति के पास के पास दया याचिका दायर की थी, जोकि शुक्रवार को खारिज हो गई। दया याचिका खारिज होने के बाद भी फांसी देने के लिए 14 दिन का नोटिस दिया जाता है। ऐसे में मुकेश सिंह के पास फांसी से बचने का अंतिम रास्ता भी बंद हो गया और मुकेश को फांसी लगना तय है।

वहीं, गृह मंत्रालय ने राष्ट्रपति के पास दया याचिका खारिज होने के बाद अब फाइल दिल्ली सरकार के पास भेज दी है। बता दें कि मुकेश की दया याचिका राष्ट्रपति के पास भेजने के साथ उसे खारिज करने की भी सिफारिश गृह मंत्रालय की ओर से की गई थी। इस पर अमल करते हुए राष्ट्रपति की ओर यह याचिका खारिज की गई।

इससे पहले दिल्ली सरकार की ओर याचिका खारिज करने की अपील करते हुए इसे उपराज्यपाल अनिल बैजल के पास भेजा गया था। ज्ञात हो कि पिछले दिनों दोषी मुकेश सिंह ने तिहाड़ जेल प्रशासन के पास दया याचिका दी थी। यह याचिका राष्‍ट्रपति के पास तिहाड़ प्रशासन के जरिये दिल्ली सरकार फिर उपराज्यपाल और फिर केंद्रीय गृह मंत्रालय होते हुए राष्‍ट्रपति के पास पहुंची थी।

क्या दोषियों के पास अब भी बचे हैं विकल्प 

कानून के जानकारों के अनुसार, चूंकि चार में से सिर्फ एक ही दोषी ने अभी दया याचिका के संवैधानिक हक का इस्तेमाल किया है और तीन के पास यह विकल्प बाकी है, इसलिए वे फांसी टालने के लिए बारी--बारी से इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। ऐसी स्थिति में इन्हें अलग--अलग फांसी देने का भी विकल्प हो सकता है।

निर्भया केस पर दौड़ गई थी गुस्‍से की लहर   

16 दिसंबर, 2012 को पैरा मेडिकल की छात्रा निर्भया के साथ दक्षिण दिल्ली के वंसत विहार इलाके में चलती बस में दरिंदगी हुई थी। मिली जानकारी के मुताबिक, बस में मौजूद ड्राइवर राम सिंह, एक नाबालिग के अलावा अक्षय सिंह कुमार, विनय कुमार शर्मा, पवन कुमार गुप्ता और मुकेश सिंह ने निर्भया के साथ दरिंदगी की थी। इसी के साथ निर्भया को मानसिक और शारीरिक कष्ट इस कदर दिया कि इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। 

इसके बाद पूरे देश में गुस्से की लहर दौड़ गई और पूरे देश में प्रदर्शन हुए। इसको देखते हुए केंद्र सरकार के निर्देश पर फास्ट ट्रैक कोर्ट में मुकदमा चला था। पहले निचली अदालत, फिर दिल्ली हाईकोर्ट और अंत में सुप्रीम कोर्ट ने चारों दोषियों अक्षय, मुकेश, पवन और विनय की फांसी पर मुहर लगाई, वहीं, राम सिंह ने जेल में ही फांसी लगाकर जान दे दी थी तो अन्य नाबालिग जुवेनाइल कोर्ट में सजा पूरी कर चुका है।

chat bot
आपका साथी