Cheating Case : ठगी के लिए वीरेंद्र सहवाग के साथ पत्नी आरती का भी हुआ इस्तेमाल

आरती ने पुलिस को बताया कि फर्म ने साजिश के तहत धोखाधड़ी को अंजाम दिया है। उनके पाटर्नर को यह पता था कि कंपनी वीरेंद्र सहवाग और उनके नाम के प्रभाव में आकर ऋण दे देगी।

By JP YadavEdited By: Publish:Tue, 16 Jul 2019 08:38 AM (IST) Updated:Tue, 16 Jul 2019 10:43 AM (IST)
Cheating Case : ठगी के लिए वीरेंद्र सहवाग के साथ पत्नी आरती का भी हुआ इस्तेमाल
Cheating Case : ठगी के लिए वीरेंद्र सहवाग के साथ पत्नी आरती का भी हुआ इस्तेमाल

नई दिल्ली, जेएनएन। पूर्व क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग की पत्नी के फर्जी हस्ताक्षर कर साढ़े चार करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। वीरेंद्र की पत्नी आरती सहवाग धोखाधड़ी करने वाली फर्म की पार्टनर हैं। फर्म ने बगैर आरती सहवाग की जानकारी के न केवल एक कंपनी से करोड़ों का ऋण ले लिया, बल्कि दस्तावेज में उनके फर्जी हस्ताक्षर भी कर दिए। कोर्ट में मामला पहुंचने के बाद इसका पता पीड़िता को चला। जिसके बाद उन्होंने इसकी शिकायत दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) में की। पुलिस ने फर्म और उनके सात पाटर्नर के खिलाफ नामित मुकदमा दर्ज किया है। हालांकि अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं की गई है। ईओडब्ल्यू के एडिशनल सीपी सुवाशीष चौधरी ने कहा कि मामले की जांच जारी है। पुलिस अधिकारी के मुताबिक, अशोक विहार के फेज-1 में एसएमजीके एग्रो एक्सपोर्ट नाम की फर्म है।

धोखा देने के लिए वीरेंद्र सहवाग का नाम भी लिया

पूर्व क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग की पत्नी आरती सहवाग इस फर्म में पार्टनर बनी थीं। हालांकि वह इसमें ज्यादा सक्रिय नहीं थीं। इसी बीच वर्ष 2016 में फर्म ने मालवीय नगर स्थित लखनपाल प्रमोटर्स एंड बिल्डर प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी से साढ़े चार करोड़ रुपये का ऋण ले लिया। लोन लेने के लिए आरती और उनके पति वीरेंद्र सहवाग के नाम का इस्तेमाल किया गया। कंपनी को भरोसा दिलाया गया कि वीरेंद्र सहवाग जैसे नामी लोग फर्म से जुड़े हैं, इसलिए फर्म पर विश्वास किया जा सकता है। उनका पैसा नहीं डूबेगा। लेकिन, ऋण लेने के बाद फर्म ने कंपनी को वापस नहीं किया। जिसके बाद ऋण देने वाली कंपनी लखनपाल प्रमोटर्स एंड बिल्डर प्राइवेट लिमिटेड ने एसएमजीके एग्रो एक्सपोर्ट फर्म के खिलाफ नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट में शिकायत कर दी।

फर्म के आरोपित पार्टनरों में आरती सहवाग का भी नाम था। लिहाजा कोर्ट ने केस का नोटिस उनके पास भी भेजा। मामले की सुनवाई के लिए जब आरती साकेत कोर्ट पहुंचीं तो उनको पता चला कि ऋण एग्रीमेंट में उनके भी हस्ताक्षर हैं, जबकि उन्हें न तो फर्म द्वारा ऋण लेने की जानकारी दी गई थी और न ही उन्होंने किसी दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए थे। इसके बाद आरती ने धोखाधड़ी की शिकायत पुलिस में की।

आरती ने पुलिस को बताया कि फर्म ने साजिश के तहत धोखाधड़ी को अंजाम दिया है। उनके पाटर्नर को यह पता था कि कंपनी वीरेंद्र सहवाग और उनके नाम के प्रभाव में आकर ऋण दे देगी। पुलिस ने इस मामले में एसएमजीके एग्रो एक्सपोर्ट सहित रोहित कक्कड़, प्रभा कक्कड़, ऋषि प्रकाश गुप्ता, अशोक मेहरोत्रा, हरि कृष्ण चावला, गौरव मेहरा, शशि कक्कड़ और अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। इसमें दो आरोपित मां-बेटे हैं।

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