दिल्ली में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की कालाबाजारी मामले में आरोपित नवनीत कालरा को मिली जमानत

ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की कालाबाजारी के मामले में मुख्य आरोपित नवनीत कालरा को मुख्य महानगर दंडाधिकारी अरुण कुमार गर्ग की अदालत ने ₹100000 के निजी मुचलके पर जमानत दे दी है। कालरा को ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की कालाबाजारी करने और अधिक मूल्य पर बेचने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।

By Mangal YadavEdited By: Publish:Sat, 29 May 2021 06:07 AM (IST) Updated:Sat, 29 May 2021 04:12 PM (IST)
दिल्ली में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की कालाबाजारी मामले में आरोपित नवनीत कालरा को मिली जमानत
ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की कालाबाजारी के मुख्य आरोपित नवनीत कालरा

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। ऑक्सीजन कंसंट्रेटर कालाबाजारी मामले में शनिवार को कारोबारी नवनीत कालरा को अदालत ने जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए। कालरा के ''खान चाचा'' समेत अन्य रेस्टोरेंट से पुलिस ने 524 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर जब्त किए थे। कोर्ट में जमानत देते हुए यह हिदायत दी कि नवनीत कालरा ऑक्सीजन कंसंट्रेटर के खरीदारों से मुलाकात नहीं करेंगे। साथ ही जांच में शामिल गवाहोंं को प्रभावित करने की कोशिश भी नहीं करेंगे। इसके अलावा वह कालरा पुलिस जांच में भी सहयोग करेंगे।

साकेत स्थित मुख्य महानगर दंडाधिकारी अरुण कुमार गर्ग ने आरोपित नवनीत कालरा को एक लाख रुपये के निजी मुचलके एवं इतने ही रुपये मूल्य के जमानती के आधार पर जमानत दी है। अदालत ने कहा कि आरोपित का कोई आपराधिक रिकार्ड नहीं रहा है ऐसे में उसे जेल में रखने से कोई मकसद पूरा नहीं होगा। साथ ही अदालत ने आरोपित को हिदायत दी है कि वह उन ग्राहकों से संपर्क नहीं करे जिन्हें उसने ऑक्सीजन कंसंट्रेटर बेचे थे। साक्ष्यों से छेड़छाड़ नहीं करने, गवाहों काे प्रभावित नहीं करने और पुलिस द्वारा बुलाए जाने पर जांच में शामिल होने के भी निर्देश दिए गए हैं।

बता दें पुलिस ने कालरा के टाउन हॉल, खान चाचा और नेग एंड जू रेस्तरां पर की गई छापेमारी में 524 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर जब्त किए थे जोकि कोविड-19 मरीजों के लिए बेहद आवश्यक मेडिकल उपकरण है। इससे पहले दिल्ली पुलिस नेे कोर्ट में पेश की गई अपने दलील में कहा कि नवनीत कालरा ने सफेदपोश अपराध किया है। उसने बेहद जरूरतमंद लोगों को महंगे दामों पर कंसंट्रेटर बेचे जो की पूरी तरह से काम ही नहीं कर रहेे थे।

धोखाधड़ी के आरोप को प्रथमदृष्टया अदालत ने स्वीकार किया

अदालत ने अपने 23 पन्नों के आदेश में कहा कि प्रथमदृष्टया यह नजर आता है कि आरोपित धोखाधड़ी के इस मामले में शामिल था। आवश्यक वस्तु अधिनियम व महामारी अधिनियम के तहत अधिकतम सात साल तक की सजा का प्रावधान है। अदालत ने कहा कि पुलिस की जांच लगभग पूरी हो चुकी है। फिर भी आरोपित को तफ्तीश में शामिल करने की आवश्यकता पड़े तो नवनीत कालरा पुलिस की जांच में शामिल हो। जब उसे बुलाया जाए तो वह पुलिस के समक्ष पेश हो।

chat bot
आपका साथी