अनिल दुजाना गिरोह का शातिर बदमाश गिरफ्तार, पिस्टल और कारतूस बरामद

डीसीपी पीएस कुशवाहा ने बताया कि स्पेशल सेल के दो इंस्पेक्टर अपनी टीम के साथ एसीपी के निर्देशन में एनसीआर से सक्रिय बदमाशों के बारे में जानकारी जुटाकर उनकी धरपकड़ का प्रयास कर रही।

By Prateek KumarEdited By: Publish:Mon, 09 Dec 2019 09:27 PM (IST) Updated:Mon, 09 Dec 2019 09:27 PM (IST)
अनिल दुजाना गिरोह का शातिर बदमाश गिरफ्तार, पिस्टल और कारतूस बरामद
अनिल दुजाना गिरोह का शातिर बदमाश गिरफ्तार, पिस्टल और कारतूस बरामद

नई दिल्ली [लोकेश]। अनिल दुजाना गिरोह के एक शातिर बदमाश को एक देशी और एक विदेशी पिस्टल के साथ स्पेशल सेल ने गिरफ्तार किया है। पकड़ा गया बदमाश हत्या, हत्या के प्रयास और रंगदारी के 12 मामलों में जेल जा चुका है। आरोपित की पहचान उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले के लाल कुंआ के गांव खेड़ा धरमपुर निवासी अमित शर्मा उर्फ अमित पंडित के रूप में हुई है। वह इस समय भजनपुरा में पत्नी और दाे बेटियों के साथ किराए के मकान में रह रहा था।

एनसीआर के सक्रिय बदमाशों की जानकारी जुटा रही पुलिस

डीसीपी पीएस कुशवाहा ने बताया कि स्पेशल सेल के दो इंस्पेक्टर अपनी टीम के साथ एसीपी के निर्देशन में एनसीआर से सक्रिय बदमाशों के बारे में जानकारी जुटाकर उनकी धरपकड़ का प्रयास कर रही थी। टीम को अनिल दुजाना गिरोह के बदमाश उमेश पंडित के बारे में जानकारी मिली। इससे पहले कि स्पेशल सेल कोई कार्रवाई करती, उसे गौतमबुद्ध नगर की पुलिस ने 27 अगस्त को एके 47 और पिस्टल के साथ गिरफ्तार कर लिया।

अमित पंडित को भजनपुरा से किया गया गिरफ्तार

इसके बाद स्पेशल सेल की टीम ने अन्य बदमाशों के बारे में जानकारी जुटाई। इसी दौरान टीम को पता लगा कि उमेश पंडित ने पकड़े जाने से पहले अनिल दुजाना गिरोह के बदमाश अमित पंडित के पास कुछ पिस्टल छोड़ दी थी। सूचना के आधार पर स्पेशल सेल की टीम ने अमित पंडित को भजनपुरा से गिरफ्तार कर लिया। उसके पास से एक पिस्टल बरामद हुई। पूछताछ के बाद उसकी निशानदेही पर टीम ने तुर्की की बनी हुई जी-लॉक कंपनी की ऑटोमैटिक पिस्टल बरामद की गई।

दोस्‍त के जरिए अनिल दुजाना से मिला

पूछताछ में उसने बताया कि वह अपने एक दोस्त संजय के जरिये अनिल दुजाना से मिला था। प्रापर्टी के एक विवाद में संजय की हत्या कर दी गई थी। उसकी हत्या का बदला लेने के लिए अमित पंडित ने अनिल दुजाना को सोनू शर्मा को मारने के लिए दस लाख रुपये की सुपारी दी थी। इसके बाद वह अनिल दुजाना गिरोह में शामिल हो गया और हत्या की कई वारदात व हत्या के प्रयास और रंगदारी के मामलों में शामिल रहा है। उसे पुलिस ने 12 मामलों में गिरफ्तार किया था। छह वर्ष जेल में रहने के बाद वह 19 अप्रैल 2018 में जेल से बाहर आया था। इसके बाद से वह भजनपुरा में रह रहा था।

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