ममता को राष्ट्रवादी लोग पंसद नहीं, अर्बन नक्सलियों के इशारे पर कर रहीं हैं कामः मनोज तिवारी

भाजपा नेता मनोज तिवारी ने कहा कि हिंदूवादी सोच रखने वाले लोगों को ममता बनर्जी खत्म कर देना चाहती हैं।

By Edited By: Publish:Wed, 15 May 2019 08:45 PM (IST) Updated:Wed, 15 May 2019 09:07 PM (IST)
ममता को राष्ट्रवादी लोग पंसद नहीं, अर्बन नक्सलियों के इशारे पर कर रहीं हैं कामः मनोज तिवारी
ममता को राष्ट्रवादी लोग पंसद नहीं, अर्बन नक्सलियों के इशारे पर कर रहीं हैं कामः मनोज तिवारी

नई दिल्ली, जेएनएन। भाजपा के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने पश्चिम बंगाल में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के रोड शो में हुई हिंसा पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि यह लोकतंत्र के ऊपर हमला है। लोकतंत्र में हिंसा की कोई जगह नहीं है। बंगाल की जनता बुलेट का जवाब ईवीएम मशीनों पर कमल का बटन दबाकर देगी।

मनोज तिवारी ने कहा कि ममता बनर्जी अपनी हार से बौखला गई हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति पूरे देश में विश्वास की लहर चल रही है जिसे देखकर तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के कार्यकर्ताओं को समझ में नहीं आ रहा है कि वो अपना वजूद बचाने के लिए क्या रास्ता अख्तियार करें। तिवारी ने कहा कि हर छोटी बड़ी घटना पर प्रतिक्रिया व्यक्त करने वाले उन राजनीतिक दलों से भी मैं पूछना चाहता हूं कि बंगाल में हो रही गुंडागर्दी और भारी हिंसा पर चुप्पी साध कर क्यों बैठे हुए हैं?

उन्होंने कहा कि पूरे देश में शांतिपूर्वक चुनाव चल रहा है, लेकिन क्या कारण है कि बंगाल में चाहे स्थानीय चुनाव हो और चाहे लोकसभा का चुनाव हो, हर बार वहां भारी हिंसा क्यों होती है? आखिर कौन लोग हिंसा करने वाले हैं और उनके ऊपर राज्य सरकार कोई कार्रवाई क्यों नहीं करती है? प्रदेश अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि ममता बनर्जी अर्बन नक्सलियों के इशारे पर काम कर रही हैं। इसलिए उन्हें राष्ट्रवादी लोग पंसद नहीं आते हैं।

भाजपा नेता ने कहा कि हिंदूवादी सोच रखने वाले लोगों को ममता बनर्जी खत्म कर देना चाहती हैं, लेकिन इस बार 2014 से भी ज्यादा प्रचंड बहुमत से राष्ट्रवादी विचारधारा दोबारा सत्ता में लौट रही है। तिवारी ने कहा कि धर्म विशेष की राजनीति करने वाली ममता ने पश्चिम बंगाल को विकास के मामले में कई राज्यों से पीछे कर दिया है। स्वार्थपरक राजनीति करना व सत्ता के लालच में डूबकर अपने अहंकार को सर्वोपरि मानने वाली ममता दीदी ने संविधान की मर्यादा व देश के लोकतंत्र को हानि पहुंचाई है।

उन्होंने कहा कि बांग्लादेशियों व रोहिंग्या को शरण देकर उन्हें वोट बैंक की तरह इस्तेमाल कर तुष्टीकरण की राजनीति करने वाली मुख्यमंत्री ने अपनी सीमाओं से बाहर निकलकर प्रधानमंत्री मोदी के लिए भी अमर्यादित भाषा का प्रयोग बार-बार किया है।

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