आज देशभर की जिला अदालतों में वकील सिर्फ लंच तक करेंगे काम

बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआइ) के अध्यक्ष मनन कुमार मिश्र ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि नए विधेयक में वकीलों की स्वतंत्रता पर हमला किया गया है।

By JP YadavEdited By: Publish:Fri, 21 Apr 2017 08:03 AM (IST) Updated:Fri, 21 Apr 2017 05:01 PM (IST)
आज देशभर की जिला अदालतों में वकील सिर्फ लंच तक करेंगे काम
आज देशभर की जिला अदालतों में वकील सिर्फ लंच तक करेंगे काम

नई दिल्ली (जेएनएन)। एडवोकेट एक्ट के संशोधित विधेयक का विरोध कर रहे देशभर के वकील शुक्रवार को जिला अदालतों में लंच के बाद कामकाज ठप रखेंगे। संशोधित विधेयक की प्रति भी जलाएंगे। काननू मंत्रालय ने विधि आयोग की 266वीं रिपोर्ट के आधार पर एडवोकेट एक्ट में परिवर्तन करने का निर्णय लिया है।

इसमें कोर्ट रूम में न्यायाधीश व मुवक्किलों से दुर्व्यवहार से लेकर वकीलों द्वारा हड़ताल करने पर सख्त कार्रवाई की बात कही गई है।  बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआइ) के अध्यक्ष मनन कुमार मिश्र ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि नए विधेयक में वकीलों की स्वतंत्रता पर हमला किया गया है।

न्यायालयों की गलत प्रथा के खिलाफ आवाज उठाने की हिम्मत केवल वकीलों में है। नए विधेयक में हमारे इस अधिकार को छीनकर जजों की शक्तियां बढ़ाई गई हैं। शुक्रवार को बीसीआइ के सदस्य कानून मंत्री से मिलेंगे। सकारात्मक निष्कर्ष न निकलने पर दो मई को राष्ट्रव्यापी हड़ताल की जाएगी।

उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में बीसीआइ में प्रत्येक राज्य बार काउंसिल से एक सदस्य है। नए विधेयक में यह संख्या घटाकर 11 की गई है। राज्य के बजाए प्रत्येक जोन से एक प्रतिनिधि बार काउंसिल में होगा। छह सदस्यों का चुनाव सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित समिति करेगी।

अगर नया कानून आया तो सभी राज्यों को बीसीआइ में प्रतिनिधित्व भी नहीं मिल पाएगा। विधेयक में बीसीआइ में चुनाव की व्यवस्था को चोट पहुंचाते हुए ऐसे प्रावधान किए गए हैं, जिसमें सुप्रीम कोर्ट द्वारा चुने हुए प्रतिनिधि बीसीआइ में राज करेंगे। इन चुने हुए सदस्यों का वकील होना भी अनिवार्य नहीं है। देशभर में बीसीआइ से 14 लाख 50 हजार वकील जुड़े हुए हैं। 

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