जानिए- कैसे उत्तर भारत ने बढ़ाई दिल्ली-NCR के 4 करोड़ से अधिक लोगों की मुसीबत

मौसम विभाग का अनुमान है कि अगले दो दिनों में भी अधिकतम तापमान 40 के आसपास बना रहेगा। इसके बाद पश्चिमी विक्षोभ के असर से इसमें गिरावट आने का अनुमान है।

By JP YadavEdited By: Publish:Thu, 09 May 2019 10:16 AM (IST) Updated:Fri, 10 May 2019 08:11 AM (IST)
जानिए- कैसे उत्तर भारत ने बढ़ाई दिल्ली-NCR के 4 करोड़ से अधिक लोगों की मुसीबत
जानिए- कैसे उत्तर भारत ने बढ़ाई दिल्ली-NCR के 4 करोड़ से अधिक लोगों की मुसीबत

नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। मौसम में उतार-चढ़ाव के बीच उत्तर भारत के कई हिस्सों में चल रही धूल भरी आंधी का असर दिल्ली की हवा पर भी देखने को मिल रहा है। दिल्ली-एनसीआर में आसमान में धूल कणों की मात्र बढ़ गई है। यही वजह है कि बुधवार को दिल्ली का एयर इंडेक्स 357 तक जा पहुंचा था। इस स्तर की हवा को बहुत खराब श्रेणी में रखा जाता है। शुक्रवार को भी तेज हवा के साथ धूल के कण वातावरण में मौजूद हैं।

मौसम विभाग के विशेषज्ञों की मानें तो दिल्ली की हवा अभी अगले दो दिन और इसी स्थिति में रह सकती है। सप्ताहांत में पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने की संभावना है। इसके चलते हवा की सेहत में भी सुधार होगा। पश्चिमी विक्षोभ के चलते 13 और 14 तारीख को तेज हवा के साथ बारिश होने के भी आसार हैं।

वहीं, बुधवार को दिल्लीवासियों को खासी गर्मी झेलनी पड़ी। यहां अधिकतम तापमान 41.8 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया जो कि सामान्य से तीन डिग्री ज्यादा है। जबकि न्यूनतम तापमान 23.6 डिग्री सेल्सियस रहा जो कि सामान्य से एक डिग्री सेल्सियस कम है। मौसम विभाग का अनुमान है कि अगले दो दिनों में भी अधिकतम तापमान 40 के आसपास बना रहेगा। इसके बाद पश्चिमी विक्षोभ के असर से इसमें गिरावट आने का अनुमान है।

वायु प्रदूषण घोंट रहा बाशिंदों का दम
गाजियाबाद का दम घोंटने वाला वायु प्रदूषण कम नहीं हो रहा है। बुधवार को भी गाजियाबाद के लोनी का इलाका वायु मंडल में धूल के मोटे कण रहने के कारण देश का सबसे प्रदूषित शहर रहा और कुछ ऐसा ही हाल बृहस्पतिवार को भी है। लोनी का एयर क्वालिटी इंडेक्स भी 467 दर्ज किया गया। लगातार बढ़ती गर्मी के कारण हरियाली भी कम हो रही है। प्रशासन की ओर से वाले प्रदूषण रोकने के उपाय भी आचार संहिता लगने के बाद से बंद हो गए हैं।

कम हो रही हरियाली, बढ़ा रहा प्रदूषण
पर्यावरण संरक्षण के लिए काम करने वाले राज शर्मा का कहना है कि जिला गाजियाबाद लगातार वायु प्रदूषण का शिकार हो रहा है। इसका मुख्य कारण दिनों दिन कम होती हरियाली है। नगर निगम, जीडीए और आवास विकास की ओर से जिस मात्र में हरियाली को बढ़ावा देना था वह नहीं दी जा रही है। वहीं हिंडन पुल और प्रमुख मार्गों पर बनाए गए वर्टिकल गार्डन भी भीषण गर्मी के आगे सूख रहे हैं। दैनिक जागरण ने कुछ दिनों पूर्व हिंडन पुल पर बने वर्टिकल गार्डन की बदहाली की तस्वीर छापी थी। उसके बावजूद भी प्रशासन ने कोई कदम नहीं उठाया। बता दें कि हिंडन पुराने पुल का निर्माण कार्य शुरू हो गया है। निर्माण कार्य के चलते इस मार्ग पर धूल और गंदगी भी बढ़ेगी। हिंडन के नए पुल पर निर्माण होने से धूल फैल रही है।

नहीं हो रहा पानी का छिड़काव, उड़ रही है धूल
जिलाधिकारी रितु माहेश्वरी ने वायु प्रदूषण के प्रकोप को कम करने के लिए दीपावली से पूर्व ही नगर निगम एवं नगर पालिका को उनके क्षेत्र में पानी के टैंकरों से छिड़काव करने का निर्देश दिया था। सर्दी के मौसम के दौरान आदेश का कुछ असर दिखा लेकिन होली के बाद से पानी का छिड़काव एकदम बंद हो गया है। पानी का छिड़काव ना होने के कारण टूटी सड़कों और निर्माण सामग्री फैले होने से वायु प्रदूषित हो रही है।

अधिकारी नहीं ले रहे संज्ञान
कौशांबी आरडब्ल्यूए के अध्यक्ष विनय कुमार मित्तल ने बताया है कि कौशांबी सहित पूरे जिले के वायु प्रदूषण को लेकर लगातार एनजीटी और कोर्ट की नाराजगी जाहिर कर रही है। वहीं भूरेलाल कमेटी भी विभिन्न तरह के उपाय व सावधानी बरतने के निर्देश दे चुकी है, लेकिन प्रशासनिक व विभागीय लापरवाही के चलते इस पर मजबूती से अमल नहीं हो रहा है।

लोनी है सबसे अधिक प्रभावित
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी विवेक कुमार राय ने बताया है कि मंगलवार को जिलाधिकारी की देखरेख में कलेक्ट्रेट में एक बैठक हुई थी, जिसमें दोबारा से वायु प्रदूषण के बारे पर चर्चा हुई। उन्होंने बताया है कि लोनी इलाके में धूल अधिक प्रभावित कर रही है। जिससे पीएम-10 की मात्र बढ़ोतरी आई है।

ये करें उपाय
खुले में कूड़ा और गंदगी न जलाएं। वाहनों का जहरीला धुआं निकलने से रोकें।  धूल व कूड़ा जहां पड़ा हो वहां पानी का छिड़काव अवश्य करें। प्रमुख मार्गों पर लगी हरियाली व ग्रीन बेल्ट में पानी का छिड़काव हो।

इनका भी रखें ध्यान
निर्माण स्थलों तक जाने के लिए पक्की सड़क होनी चाहिए। धूल उड़ने से बचाव के बिना मिट्टी की खुदाई नहीं होगी। कोई भी निर्माण सामग्री बिना ढके नहीं रखी जाएगी। पानी छिड़काव की व्यवस्था हो। लोनी का इलाका वायुमंडल में धूल के कारण देश का सबसे प्रदूषित शहर वाले प्रदूषण रोकने के उपाय आचार संहिता लगने के बाद से बंद

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