जानिये- दिल्ली पुलिस के जवानों को क्यों दी गई चना, गुड़ और च्यवनप्राश खाने की सलाह

Delhi Farmers Protest दिल्ली पुलिस के अब तक 7500 पुलिसकर्मी व आइपीएस कोरोना संक्रमित हो चुके हैं जिनमें 30 कर्मियों की जान भी जा चुकी है। 6800 कर्मी व आइपीएस ठीक होकर वापस ड्यूटी पर लौट चुके हैं।

By JP YadavEdited By: Publish:Tue, 15 Dec 2020 01:38 PM (IST) Updated:Tue, 15 Dec 2020 01:38 PM (IST)
जानिये- दिल्ली पुलिस के जवानों को क्यों दी गई चना, गुड़ और च्यवनप्राश खाने की सलाह
दिल्ली की सीमा पर इन दिनों चल रहे किसान आंदोलन ने पुलिस महकमे की चिंता बढ़ा दी है।

नई दिल्ली [राकेश कुमार सिंह]। राजधानी दिल्ली की सीमा पर इन दिनों चल रहे किसान आंदोलन ने पुलिस महकमे की चिंता बढ़ा दी है। दरअसल, आंदोलन में किसानों की भीड़ और कोरोना संक्रमण से बचाव के नियमों का पालन नहीं करने की वजह से ड्यूटी पर तैनात पुलिस कर्मियों में संक्रमण का खतरा बढ़ गया है। इसे देखते हुए अधिकारी अब ऐसे पुलिसकर्मियों को इम्युनिटी बढ़ाने के लिए चना, गुड़ और च्यवनप्राश खाने की सलाह दे रहे हैं। खास बात यह है कि पुलिस आयुक्त खुद इस पर विशेष ध्यान दे रहे हैं। उन्हें डर है कि कहीं एक बार फिर खाकी में कोरोना का वायरस दौड़ गया तो मुसीबत और बढ़ जाएगी। दिल्ली पुलिस के अब तक 7500 पुलिसकर्मी व आइपीएस कोरोना संक्रमित हो चुके हैं, जिनमें 30 कर्मियों की जान भी जा चुकी है। 6800 कर्मी व आइपीएस ठीक होकर वापस ड्यूटी पर लौट चुके हैं। बाकी जवानों का अभी इलाज चल रहा है।

झपटमारों से परेशानी

राजधानी में झपटमारी की घटनाएं तो लगभग रोज ही हो रही हैं, लेकिन शनिवार को हुई एक झपटमारी ने पुलिस को हैरान कर दिया है। दरअसल, यह झपटमारी किसी आम व्यक्ति की नहीं बल्कि रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की सुरक्षा में तैनात सेना के जवान के साथ हुई है। हुआ यूं कि जवान भूपेंद्र शर्मा जब ड्यूटी खत्म कर गूगल मैप की मदद से अकबर रोड से रिश्तेदार के पास विनोद नगर जा रहे थे। उसी समय पांडवनगर में बाइक सवार दो झपटमार उनका मोबाइल छीन ले गए। यह घटना पांडवनगर पुलिस की सक्रियता पर भी सवाल है, क्योंकि पुलिस आयुक्त ने स्ट्रीट क्राइम पर नियंत्रण रखने के लिए गश्त को बढ़ाने और झपटमारों की धरपकड़ के सभी जिले की पुलिस को आदेश दिए हैं। यही नहीं इसके लिए क्राइम ब्रांच को भी सक्रिय कर दिया गया है, इसके बाद भी झपटमारी की वारदातों को बदमाश लगातार अंजाम दे रहे हैं।

वाहन चेकिंग के दौरान पुलिस कर्मी लोगों पर रौब झाड़ते अक्सर दिखाई दे जाते हैं। पिछले दिनों ऐसे ही एक मामले में इंस्पेक्टर साहब फंस गए। दरअसल, हुआ यह कि विशेष आयुक्त ऑपरेशन एवं लाइसेंसिंग मुक्तेश चंद्र परिवार के साथ एक बस में आगरा से दिल्ली आ रहे थे। उसी समय अक्षरधाम से पहले नोएडा लिंक रोड पर कल्याणपुरी सर्किल के सिपाही ने चेकिंग के लिए बस रोकी तो चालक ने सभी दस्तावेज होने की बात कही। इस पर सिपाही ने पुलिसिया भाषा में चालक की लानत-मलानत कर डाली। चालक ने विशेष आयुक्त का आइकार्ड दिया तो उसे देखे बिना ही सिपाही और ज्यादा भड़क गया। अंत में जब विशेष आयुक्त खुद ही सामने आए तो सभी पुलिस कर्मियों के होश उड़ गए। लेकिन, विशेष आयुक्त ने जनता से अभद्र व्यवहार करने के लिए ट्रैफिक इंस्पेक्टर सुभाष मीणा को लाइन हाजिर व अन्य कर्मियों को तीसरी बटालियन में भेज दिया।

जहांगीरपुरी थाने की पुलिस ने एक एफआइआर लिखकर अपने ही गले में फंदा डाल लिया है। अब उस एफआइआर के आधार पर अफसर उल्टा एसएचओ से जवाब मांग रहे हैं। दरअसल, पत्रकार कमल ने पिछले दिनों सट्टेबाज कुलदीप के खिलाफ मारपीट की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसके जवाब में कुलदीप ने जो क्रास एफआइआर दर्ज कराई है। उसमें लिखा है ‘ मैं पहले अधिक सट्टेबाजी करता था अब कभी-कभी करता हूं। घटना वाले दिन मैं एक दुकान के बाहर खड़ा था तो कमल ने वीडियो बना लिया और पैसे मांगने लगा। इसलिए मेरे बंदों ने उसकी पिटाई कर दी।’ इस तरह की एफआइआर दर्ज किए जाने का मामला जब सामने आया तो मीडिया से लेकर अफसरों तक ने जहांगीरपुरी थाने के पुलिसकर्मियों पर सवाल उठाने शुरू कर दिए। इससे नया विवाद खड़ा हो गया। इससे पहले 163 किलो गांजा गायब करने पर इस थाने की पुलिस सुर्खियों में रही थी।

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