Delhi LG Resign: जानिए किस बात को लेकर एलजी व केजरीवाल सरकार में बढ़ी थी तनातनी

Delhi Lieutenant Governor Anil Baijal Resigns संविधान और सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बावजूद चुनी हुई सरकार को दरकिनार कर कौन सा कोविड मैनेजमेंट हो रहा है। एलजी को कहीं यह अधिकार नहीं है कि वो मुख्यमंत्री की पीठ के पीछे अफ़सरों की अलग से मीटिंग बुलाए।

By Pradeep ChauhanEdited By: Publish:Wed, 18 May 2022 05:41 PM (IST) Updated:Wed, 18 May 2022 05:41 PM (IST)
Delhi LG Resign: जानिए किस बात को लेकर एलजी व केजरीवाल सरकार में बढ़ी थी तनातनी
Delhi LG Resign: दिल्ली के 21 वें उपराज्यपाल ने बुधवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।

नई दिल्ली, डिजिटल जागरण डेस्क। Delhi LG Resign:  दिल्ली के 21 वें उपराज्यपाल ने बुधवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उपराज्यपाल के कार्यकाल में कई बार ऐसे मौके आए जब केजरीवाल सरकार व एलजी आमने-सामने आए गए थे। उपराज्यपाल का केजरीवाल के बीच सबसे बड़ी तनातनी का मामला कोरोना काल में सामने आया था। जिसमें एलजी ने दिल्ली सरकार को बिना सूचित किए ही अधिकारियों की एक बैठक बुला ली थी। 

दिल्ली सरकार के बिना संज्ञान में लाए बैठक बुलाने पर केजरीवाल और एलजी अनिल बैजल के बीच में तकरार बढ़ गई थी। केजरीवाल ने अनिल बैजल के इस निर्णय पर सवाल उठाते हुए टवीटर के जरिए अपनी प्रतिक्रिया दी थी। वहीं, दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया ने भी उपराज्यपाल के इस निर्णय पर नाराजगी जाहिर की थी। 

उस समय सिसोदिया ने कहा था कि ‘संविधान और सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बावजूद चुनी हुई सरकार को दरकिनार कर कौन सा कोविड मैनेजमेंट हो रहा है। उस समय सिसौदिया ने कहा कि था कि एलजी को कहीं यह अधिकार नहीं है कि वो मुख्यमंत्री की पीठ के पीछे अफ़सरों की अलग से मीटिंग बुलाए। दूसरा बैठक किस अधिकार व मकसद से बुलाई गई थी इसके बारे में दिल्ली सरकार को सूचित करना उनकी पहली प्राथमिकता थी। लेकिन उन्होंने ऐसा न करके अपनी गरिमामयी पद पर सवाल खड़ा कर दिए। 

आड-ईवन नंबर लागू करने पर भी आए थे आमने-सामने

अनिल बैजल को 31 दिसंबर 2016 दिल्ली का उपराज्यपाल नियुक्त किया गया था। लेकिन केजरीवाल सरकार से उनका छत्तीस का आकड़ा रहा। कोरोना काल में बैठक को लेकर तकरार बढ़ी थी। दिल्ली में आड-ईवन नंबर लागू करने को लेकर भी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल व उपराज्यपाल आमने-सामने आ गए थे। अधिकार क्षेत्र को लेकर केजरीवाल सरकार ने कोर्ट भी पहुंच गई थी। कई बार ऐसे अवसर आए थे, जिसमें उपराज्यपाल ने केजरीवाल सरकार के प्रस्तावों को ठुकरा दिया था।

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