Delhi Violence: कौन हैं इशरत जहां, जिन पर लगा भीड़ को उकसाने का आरोप, हिंसक हो गए थे लोग

Delhi Violence इशरत जहां कांग्रेस से लंबे समय से जुड़ी रही हैं। पेशे से अधिवक्ता इशरत जहां अपने क्षेत्र में काफी सक्रिय रही हैं।

By Mangal YadavEdited By: Publish:Sun, 01 Mar 2020 10:42 AM (IST) Updated:Sun, 01 Mar 2020 01:44 PM (IST)
Delhi Violence: कौन हैं इशरत जहां, जिन पर लगा भीड़ को उकसाने का आरोप, हिंसक हो गए थे लोग
Delhi Violence: कौन हैं इशरत जहां, जिन पर लगा भीड़ को उकसाने का आरोप, हिंसक हो गए थे लोग

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हिंसा भड़काने के मामले में आम आदमी पार्टी से निलंबित पार्षद ताहिर हुसैन के बाद अब कांग्रेस की पूर्व पार्षद इशरत जहां की संलिप्तता सामने आई है। जगतपुरी इलाके में हुई हिंसा के मामले में शनिवार को इशरत को गिरफ्तार कर लिया गया। इशरत जहां कांग्रेस से लंबे समय से जुड़ी रही हैं। पेशे से अधिवक्ता इशरत जहां अपने क्षेत्र में काफी सक्रिय रही हैं।

जानकारी के अनुसार, इशरत जहां साल 2012 में दिल्ली के घोंडली से कांग्रेस के टिकट पर पार्षद चुनी गई थी। वह साल 2017 तक पार्षद रहीं। पिछले चुनाव में कांग्रेस ने उनका टिकट काट दिया था। इसके बाद भी वह कांग्रेस से ही जुड़ी रहीं। सीएए के खिलाफ वह काफी मुखर रही हैं।

इशरत जहां की मौजूदगी में चली थीं  गोलियां 

आरोप है कि उत्तर पूर्वी जिले में हिंसा के बीच 26 फरवरी को जगतपुरी इलाके के खजूरी में कांग्रेस की पूर्व पार्षद इशरत जहां की मौजूदगी में गोलियां चली थीं। इस मामले में दर्ज एफआइआर के मुताबिक इशरत जहां ने भीड़ को उकसाते हुए कहा कि हम चाहें मर जाएं, लेकिन हम यहां से नहीं हटेंगे, चाहे पुलिस कुछ भी कर ले, हम आजादी लेकर रहेंगे। इसी दौरान प्रदर्शनकारियों में शामिल खालिद नामक शख्स ने भीड़ से कहा कि पुलिस पर पथराव करो।

इसके बाद पुलिस पर पथराव शुरू हो और गोलियां भी चलने लगीं। पुलिस ने इस मामले में इशरत के अलावा खालिद, समीर प्रधान, सलीम, शरीफ, विक्रम ठाकुर, अजार उर्फ भूरा, इशाक, हाजी इकबाल, हाशिम, समीर, बिलाल, यामीन कूलर वाला, साबू अंसारी व अन्य लोगों को आरोपित बनाया गया है। सभी के खिलाफ दंगे, हत्या के प्रयास समेत विभिन्न धाराएं लगाई गई हैं। इनमें से कुछ लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। वहीं कुछ फरार चल रहे हैं।

एसआइ की शिकायत पर केस दर्ज

जगतपुरी थाने के एक एसआइ की शिकायत पर यह केस दर्ज किया गया है। उनके मुताबिक 26 फरवरी को वरिष्ठ अधिकारी व सुरक्षाबल खुरेजी पेट्रोल पंप के पास फ्लैग मार्च निकाल रहे थे। यहां पर सीएए के विरोध में कई दिनों से धरना चल रहा था। मार्च के दौरान पुलिसकर्मी लोगों को समझाते हुए यहां स्थित स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की ब्रांच तक पहुंचे थे। तभी पता चला कि मस्जिद वाली गली में काफी भीड़ हो गई है। मार्च कर रही टीम तुरंत वहां पहुंची। यहां भीड़ जमा थी, जहां इशरत जहां समेत अन्य आरोपित मौजूद थे। उन सभी को सड़क खाली करने के लिए कहा गया, लेकिन उन्होंने हटने से मना कर दिया। आरोपित भीड़ को सड़क पर बैठने के लिए उकसाते रहे।

हेड कांस्टेबल योगराज पर चला दी गोली

थाना प्रभारी ने उन्हें हटने के लिए कहा तो भी वे नहीं मानें। तभी भीड़ में से एक शख्स ने वहां मौजूद हेड कांस्टेबल योगराज पर गोली चला दी। हालांकि, योगराज बाल-बाल बच गए। इसके बाद पुलिस ने बल प्रयोग किया, लेकिन भीड़ ने पत्थरबाजी शुरू कर दी। हालात बेकाबू होते देख पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे। इसके बाद भीड़ तितर-बितर हुई। पथराव में कांस्टेबल विनोद घायल हो गए।

मौके पर ही एसआइ ममता ने इशरत जहां को दबोच लिया। साथ ही खालिद और साबू अंसारी को भी पकड़ लिया गया। मामले की जांच के बाद पुलिस ने केस दर्ज किया और आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया गया। पेशे से वकील इशरत जहां की तरफ से कोर्ट में जमानत अर्जी डाली गई, लेकिन इसे खारिज करते हुए इशरत को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।

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