Swati maliwal: 5 साल तक महिलाओं के हक के लिए लड़ती रहीं DCW चीफ स्वाति मालीवाल

स्वाति महिलाओं के खिलाफ हो रहे अत्याचारों पर हर उस सरकार के खिलाफ आवाज उठाती हैं जहां से महिला को न्याय न मिल रहा हो।

By JP YadavEdited By: Publish:Tue, 28 Jul 2020 02:33 PM (IST) Updated:Tue, 28 Jul 2020 02:33 PM (IST)
Swati maliwal: 5 साल तक महिलाओं के हक के लिए लड़ती रहीं DCW चीफ स्वाति मालीवाल
Swati maliwal: 5 साल तक महिलाओं के हक के लिए लड़ती रहीं DCW चीफ स्वाति मालीवाल

नई दिल्ली [रीतिका मिश्रा]। दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने सोमवार को अध्यक्ष पद पर कार्य करते हुए पांच साल पूरे कर लिए। स्वाति ने साल 2015 में 31 साल की उम्र में दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष के पद पर कमान संभाली थी तब दिल्ली की जनता के लिए उनका नाम भले ही नया हो, लेकिन अब महिलाओं को सुरक्षित करने की उनकी लगन और महिलाओं से जुड़े हर मामलों पर उनकी निष्पक्षता से आज हर दिल्लीवासी को उनका नाम कंठस्थ है। स्वाति हर बार अपने अलग अंदाज से महिलाओं से लेकर बच्चियों पर हो रहे जुर्म और अत्याचारों के खिलाफ आवाज बुलंद करती आयी हैं। उन्होंने अध्यक्ष बनते ही जीबी रोड के तमाम कोठों को नोटिस जारी करके अपने इरादे जाहिर कर दिए थे। स्वाति महिलाओं के खिलाफ हो रहे अत्याचारों पर हर उस सरकार के खिलाफ आवाज उठाती हैं, जहां से महिला को न्याय न मिल रहा हो। वह न्याय दिलाने के लिए कभी कड़ा रुख अपनाती है, तो कभी शांतिपूर्ण तरीके से भूख हड़ताल करती हैं। आम आदमी पार्टी में भी उनका कद काफी मजबूत है। दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के बाद उन्होंने मुख्यमंत्री के जनता संवाद में आने वाले लोगों की समस्याओं के समाधान की जिम्मेदारी भी बखूबी संभाली थी।

स्वाति मालीवाल अपने काम के प्रति जितनी सक्रिय जमीनी स्तर पर रहती हैं उतनी ही वो सोशल मीडिया पर भी रहती हैं। अमेरिका के राष्ट्रपित डोनाल्ड ट्रंप के स्वागत के लिए आगरा में हजारों स्कूली बच्चों को घंटों धूप में खड़े रखे जाने की आलोचना करने के साथ-साथ कई और मामले थे, जिन्हें स्वाति मालीवाल ने जोरशोर से उठाया।

आम आदमी पार्टी में उनके कद का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जन लोकपाल आंदोलन के लिए बनी इंडिया अगेंस्ट करप्शन की कोर कमेटी की वह सबसे कम उम्र सदस्य थीं। उस समय इस कमेटी के अन्य सदस्यों में अरविंद केजरीवाल, प्रशांत भूषण और किरण बेदी जैसे बड़े बड़े नाम थे, लेकिन स्वाति ने भी अपना नाम और काम दोनों कमाया। 

यह भी जानें

स्वाति मालीवाल का जन्म 15 अक्टूबर 1984 को गाजियाबाद हुआ, लेकिन उनकी शिक्षा-दीक्षा अलग-अलग शहरों में हुई है। 2002 में उन्होंने एमीटी स्कूल, नोएडा से इंटरमीडियएट किया। 2006 में दिल्ली के आईपी विश्विवद्यालय से सूचना प्रौद्योगिकी में इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की। कॉलेज में पढ़ाई के दौरान ही समाजसेवा की ओर उनका रुझान हुआ और वह पर्यावरण संरक्षण के लिए काम करने वाले गैर सरकारी संगठन ग्रीनपीस से जुड़ गईं। इसके बाद अरविंद केजरीवाल के एनजीओ ‘परिवर्तन’ के लिए काम किया। इस दौरान उन्होंनने जन वितरण प्रणाली में सुधार लाने और सूचना का अधिकार के प्रति लोगों को जागरूक किया। दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के बाद स्वाति मालीवाल को मुख्यमंत्री जन शिकायत प्रकोष्ठ का प्रमुख बनाया गया मुख्यमंत्री के जनता संवाद में आने वाले लोगों की समस्याओं के समाधान की जिम्मेदारी उन्हीं को सौंपी गई। 2015 में उन्हें दिल्ली महिला आयोग का अध्यक्ष बनाया गया और अध्यक्ष बनते ही उन्होंने दिल्ली की सबसे बदनाम और स्याह बस्ती जीबी रोड के तमाम कोठों को नोटिस जारी करके अपने इरादे जाहिर कर दिए। 2018 में उनके कार्यकाल में विस्तार कर दिया गया। इससे पहले वह उस समय सुर्खियों का हिस्सा बनीं जब बच्चियों से बलात्कार करने वालों को फांसी देने और कुछ अन्य मांगों के साथ दस दिन की भूख हड़ताल पर रहीं।

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