आखिर दिल्ली पुलिस ने कैसे अंजाम दिया 'ऑपरेशन शाहीनबाग क्लीन', पढ़िए- Inside Story

ShaheenBaghEmpty सोमवार रात 2 बजे से ऑपरेशन शाहीनबाग क्लीन चलाया गया। पहले से तैयार योजना के मुताबिक दिल्ली पुलिस पूरे दल बल के साथ शाहीन बाग पहुंच गई थी।

By JP YadavEdited By: Publish:Tue, 24 Mar 2020 11:17 AM (IST) Updated:Tue, 24 Mar 2020 01:08 PM (IST)
आखिर दिल्ली पुलिस ने कैसे अंजाम दिया 'ऑपरेशन शाहीनबाग क्लीन', पढ़िए- Inside Story
आखिर दिल्ली पुलिस ने कैसे अंजाम दिया 'ऑपरेशन शाहीनबाग क्लीन', पढ़िए- Inside Story

नई दिल्ली [गौरव बाजपेयी]। #ShaheenBaghEmpty: दक्षिण दिल्ली के शाहीन बाग में 15 दिसंबर से चल रहा धरना-प्रदर्शन खत्म करने के लिए दिल्ली पुलिस ने अचानक ही कदम नहीं उठाया, बल्कि पूरी योजना के साथ सोमवार रात को 'ऑपरेशन शाहीनबाग क्लीन' चलाया गया। पहले से तैयार योजना के मुताबिक, दिल्ली पुलिस पूरे दल बल के साथ रात 2 बजे ही शाहीन बाग पहुंच गई थी और प्रदर्शनकारियों को हटाने का काम शुरू कर दिया गया। सुबह जब शाहीन बाग पूरी तरह खाली हो गया, तो आसपास के लोगों को इसका पता चला। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, कुल मिलाकर शाहीन बाग में धरना खत्म करने का ऑपरेशन पूरे पांच घंटे तक चला और जब सुबह 7 बजे सूचना पर मीडिया कर्मी पहुंचे तो धरनास्थल पर हालात सामान्य थे और वहां पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात था।

धारा-144 लागू होने के बाद पुलिस ने अपनाया सख्त रुख

पुलिस सूत्रों की मानें तो एक ओर 100 दिनों से शाहीन बाग में सड़क पर ही लगातार प्रदर्शन के चलते लोगों को असुविधा हो रही थी, तो लॉक डाउन और धारा-144 लागू होने के बाद दिल्ली पुलिस भी कटघरे में आ गई। यह भी बड़ा सवाल था कि आखिर अब किस नियम के तहत शाहीन बाग में धरना प्रदर्शन जारी रखने की अनुमति दी जाए। इसके बाद पुलिस अधिकारियों ने सोमवार रात में ही पूरी योजना बना ली कि कैसे शाहीन बाग में धरना-प्रदर्सश खत्म करवाया जाए?

रात 2 बजे शुरू हुआ था ऑपरेशन

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, शाहीन बाग में धरना खत्म करवाने की योजना के तहत पुलिस पूरे दल बल के साथ रात 2 बजे ही पहुंच गई थी। पुलिस कई ट्रक लेकर भी आई थी और वहां पहुंचते ही कार्रवाई शुरू कर दी गई। ट्रक ले जाने का मकसद वहां से धरना स्थल पर मौजूद सामान भी साथ लेकर आना था, ताकि वहां पर पुनः धरना देने की कोई स्थिति नहीं बन सके। फिर योजना के अनुमार ऐसा ही हुआ। पुलिस ने धरना खत्म करवाने के साथ वहां पर मौजूद मेज, टेबल और अन्य सामान को ट्रकों में भरा और थाने लेकर आ गई।

5 घंटे तक चला ऑपरेशन

बताया जा रहा है कि धरना तो पुलिस ने आधे घंटे में ही खत्म करवा दिया था, लेकिन वहां पर रखा सामान समेटने में उसे पूरे पांच घंटे लग गए। वहां पर रखे सामान की संख्या का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है, इसके लिए कई ट्रकों की जरूरत पड़ी। पुलिस ने इतनी सफाई से पूरे ऑपरेशन को अंजाम दिया कि इसकी भनक भी कुछ दूरी पर सो रहे लोगों को नहीं लगी। इसके बाद पूरे सामान को ट्रक में लोड करने में पूरे पांच घंटे लग गए।

बस स्टॉप को बना दिया था स्थाई कमरा

शाहीन बाग में प्रदर्शनकारियों को हटाने के दौरान पुलिस को वहां पर कई चौंकाने वाली चीजें भी मिलीं। सबसे हैरानी की बात तो यह मिली कि यहां पर चल रहे प्रदर्शन के दौरान लोगों ने बस स्टॉप पर स्थाई निर्माण करके पक्का कमरा बना दिया था। पुलिस को इस स्थाई निर्माण को हटाने में काफी समय लगा। पुलिस का मानना है कि इस स्थाई निर्माण के काम में कई दिनों का समय लगा होगा।

ऑपरेशन के दौरान जुट गए थे 1000 लोग

पुलिस का कहना है कि सामान आदि हटाने के अंतिम चरण में यहां पर तकरीबन 1000 लोगों का जमावड़ा हो गया था, लेकिन किसी ने ज्यादा विरोध नहीं किया।

मीडिया से बचाकर किया गया ऑपरेशन

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, दिन में शाहीन बाग में प्रदर्शनकारियों पर इसलिए कार्रवाई नहीं की गई, क्योंकि  इससे हंगामा होने का खतरा रहता। यही वजह थी पूरे ऑपरेशन का मीडिया से बचाया गया। इतना ही नहीं, दिल्ली में शाहीन बाग के अलावा, हौजरानी, जाफराबाद समेत 7 स्थानों से प्रदर्शनकारियों को हटाया है, लेकिन गुपचुप तरीके से। 

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