Kisan Andolan: प्रदर्शन की वजह से 90 दिन से परेशान हो रहे आम लोग, भीड़ दिखाने को खड़े हैं ट्रैक्टर
सिंघु बार्डर पर बैठे प्रदर्शनकारियों को बुधवार को 90 दिन हो गए। इन 90 दिनों में स्थानीय लोगों व राहगीरों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा है। इस दौरान कई लोग बेरोजगार हो गए हैं तो कई दिल्ली छोड़कर अपने घर चले गए हैं।
जागरण संवाददाता, बाहरी दिल्ली। सिंघु बार्डर पर बैठे प्रदर्शनकारियों को बुधवार को 90 दिन हो गए। इन 90 दिनों में स्थानीय लोगों व राहगीरों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा है। इस दौरान कई लोग बेरोजगार हो गए हैं, तो कई दिल्ली छोड़कर अपने घर चले गए हैं। पिछले वर्ष 27 नवंबर को प्रदर्शनकारियों ने दिल्ली में बैरिकेड तोड़ने का प्रयास किया था।
इस दौरान सुरक्षा बलों के जवानों पर ट्रैक्टर चढ़ाने का प्रयास किया गया था। इसके दो दिनों के बाद 29 नवंबर को किसान मजदूर संघर्ष कमेटी (पंजाब) का जत्था गांवों के रास्ते दिल्ली में प्रवेश कर गया था और सिंघु बार्डर-नरेला रोड पर पहुंच गया था। उन्होंने यहां पर मंच लगाकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी थी। तब से राष्ट्रीय राजमार्ग एक पर दो मंचों का संचालन हो रहा है।
प्रदर्शनकारियों के नेता इन दिनों सिंघु बार्डर पर भीड़ जुटाने की पूरी कोशिश करते नजर आर रहे हैं, जब भीड़ नहीं जुट रही तो भीड़ दिखाने के लिए सड़कों पर खाली ट्रैक्टर खड़े कराए जा रहे हैं। बहरहाल, धरना स्थल के पंडाल तो खाली ही नजर आ रहे हैं।
करीब 24 दिन के बाद सिंघु बार्डर पर दिल्ली की सीमा में पंजाब से एक सौ से ज्यादा ट्रैक्टर ट्राली तो आ गए हैं, लेकिन धरना स्थल पर कोई बैठने को तैयार नहीं है। कुछ कृषि कानून विरोधी अगर धरना स्थल पर बैठते भी हैं तो कुछ समय बाद उठकर टेंट व ट्राली में चले जाते हैं।
दरअसल जब से किसानों ने सीमाओं पर धरना देकर प्रदर्शन करना शुरू किया है उसके बाद से ही ट्रैफिक व्यवस्था का बुरा हाल हो गया है। आम लोगों को अपने वाहन के साथ आने जाने के लिए अतिरिक्त समय लेकर चलना पड़ रहा है उसके बाद भी वो परेशान हो रहे हैं। जाम की वजह से रास्ते में घंटे लग जाते हैं।