तिहाड़ जेल से बाहर आते ही कांग्रेसी नेता पी चिदंबरम ने समर्थकों से कहा- 'शुक्रिया'

कांग्रेसी के वरिष्‍ठ नेता और पूर्व वित्‍त मंत्री पी चिदंबरम (p chidambaram) तिहाड़ जेल से 106 दिनों बाद बाहर आ गए हैं। उनके बाहर आते हीे समर्थक उतसाहित दिख रहे हैं।

By Prateek KumarEdited By: Publish:Wed, 04 Dec 2019 08:58 PM (IST) Updated:Thu, 05 Dec 2019 07:32 AM (IST)
तिहाड़ जेल से बाहर आते ही कांग्रेसी नेता पी चिदंबरम ने समर्थकों से कहा- 'शुक्रिया'
तिहाड़ जेल से बाहर आते ही कांग्रेसी नेता पी चिदंबरम ने समर्थकों से कहा- 'शुक्रिया'

नई दिल्‍ली, ऑनलाइन डेस्‍क। INX Media money laundering case: आइएनएक्‍स मीडिया केस में आरोपित कांग्रेसी के वरिष्‍ठ नेता और पूर्व वित्‍त मंत्री पी चिदंबरम (p chidambaram) तिहाड़ जेल से 106 दिनों बाद बाहर आ गए हैं। पी चिंदबरम के बाहर आने की सूचना मिलते ही उनके कांग्रेस समर्थक तिहाड़ जेल के आगे पहुंच कर नारेबाजी करने लगे। जेल से जैसे ही चिदंबरम बाहर आए वहां मौजू समर्थकों का उन्‍होंने शुक्रिया अदा करते हुए उनका धन्‍यवाद किया। बता दें कि जेल रोड पर चिदंबरम की रिहाई के दौरान भारी जाम लग गया। वहीं भीड़ से कई लोगों की मोबाइल चोरी हो गई। बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने उनको प्रवर्तन निदेशालय के द्वारा दर्ज मामले में सशर्त जमानत दे दी है।

 

इन शर्तों पर मिली है जमानत

सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेसी नेता पी चिदंबरम को सशर्त जमानत देते वक्‍त पांच बातें कहीं हैं। हालांकि इनका पालन नहीं होने पर उनकी जमानत रद हो सकती है।

चिदंबरम सबूतों से छेड़छाड़ नहीं करेंगे। किसी भी हाल में गवाहों को प्रभावित करने का काम नहीं करेंगे। पी चिदंबरम को सार्वजनिक बयानबाजी करने से मना किया गया है। मीडिया में साक्षात्‍कार (इंटरव्‍यू) नहीं दे सकेंगे। बिना अदालत की इजाजत के देश के बाहर नहीं जाएंगे।

कब हुए थे गिरफ्तार

पूर्व केंद्रीय मंत्री चिदंबरम को सीबीआइ ने भ्रष्टाचार के मामले में 21 अगस्त को बड़े ही नाटकीय तरीके से उनके घर से गिरफ्तार किया था। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 22 अक्टूबर को चिदंबरम को जमानत दे दी थी मगर उसकी दौरान ईडी ने उन्‍हें 16 अक्टूबर को अपनी हिरासत में ले लिया था।

क्‍या है उन पर आरोप 

पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम पर आरोप है कि जब वह सत्‍ता में मंत्री थे तब अपने पद का दुरुपयोग किया था। साल 2007 में उन्‍होंने अपने रसूख का इस्‍तेमाल करते हुए आइएनएक्‍स मीडिया केस में मनी लांड्रिंग की इजाजत दी। उन पर आरोप है कि उन्‍होंने रिश्वत लेकर INX मीडिया को 305 करोड़ रुपए लेने के लिए विदेशी निवेश प्रोत्साहन बोर्ड से मंजूरी दिलाई थी। इस मामले में इडी और सीबीआइ सहित कई एजेंसियां जांच कर रही हैं।

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