बसपा-इनेलो की केमिस्‍ट्री से सांसत में भाजपा व कांग्रेस, हरियाणा में नए सियासी समीकरण से हलचल

लोकसभा चुनाव के दौरान यह गठबंधन भाजपा एवं कांग्रेस को जबर्दस्त टक्कर दे सकता है।

By JP YadavEdited By: Publish:Thu, 19 Apr 2018 01:32 PM (IST) Updated:Thu, 19 Apr 2018 03:54 PM (IST)
बसपा-इनेलो की केमिस्‍ट्री से सांसत में भाजपा व कांग्रेस, हरियाणा में नए सियासी समीकरण से हलचल
बसपा-इनेलो की केमिस्‍ट्री से सांसत में भाजपा व कांग्रेस, हरियाणा में नए सियासी समीकरण से हलचल

गुरुग्राम (जेएनएन)। राजनीतिक दृष्टि से गुरुग्राम से लेकर नूंह तक में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) कभी दमदार स्थिति में दिखाई नहीं दी, लेकिन उसके सहयोग से इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) की ताकत काफी बढ़ने की उम्मीद है। यह भाजपा व कांग्रेस दोनों के लिए चिंता का विषय है। यदि बसपा के अधिकतर मत इनेलो को ट्रांसफर हो गए फिर हर सीट पर जोरदार मुकाबला हो जाएगा। चाहे लोकसभा चुनाव हो या फिर विधानसभा का चुनाव।

पिछले विधानसभा चुनाव में मोदी लहर के बाद भी नूंह की तीन में से दो सीटों पर इनेलो ने कब्जा जमाया था। एक सीट पर भी बहुत कम अंतर से हार हुई थी। गुरुग्राम की चारों सीटों में से गुरुग्राम विधानसभा क्षेत्र को छोड़कर बाकी तीनों सीट पर इनेलो ने भाजपा को कड़ी टक्कर दी थी।

लोकसभा चुनाव के दौरान बसपा उम्मीदवार को 60 हजार से अधिक मत मिले थे। बता दें कि बसपा उम्मीदवार के बारे में मतदाताओं को पता था कि चुनाव नहीं जीतने वाले। इसके बाद भी 60 हजार से अधिक मत मिले। इनेलो उम्मीदवार दूसरे स्थान पर थे। अब दोनों की ताकत एक हो चुकी है।

राजनीति में जब लोगों को यह पता होता है कि अमूक उम्मीदवार की स्थिति काफी मजबूत है तो काफी मतदाता साथ लग जाते हैं। ऐसी स्थिति में लोकसभा चुनाव के दौरान यह गठबंधन भाजपा एवं कांग्रेस को जबर्दस्त टक्कर दे सकता है।

राजनीतिक जानकार भी मानते हैं कि इनेलो-बसपा गठबंधन की वजह से कांग्रेस एवं भाजपा दोनों की चिंता बढ़ेगी। वर्ष 2014 के चुनाव जैसी स्थिति न लोकसभा चुनाव के दौरान रहेगी और न ही विधानसभा चुनाव के दौरान। अब तक की स्थिति से साफ है कि वर्ष 2019 के चुनाव में किसी भी पार्टी या गठबंधन के पक्ष में आंधी नहीं चलने वाली है।

हालांकि बसपा-इनेलो गठबंधन के लंबे समय तक चलने को लेकर राजनीतिक जानकार असमंजस की स्थिति में हैं। इनेलो-बसपा गठबंधन से कार्यकर्ताओं का उत्साह काफी बढ़ गया है। राजनीति में कार्यकर्ताओं का उत्साह बहुत मायने रखता है। अगले लोकसभा एवं विधानसभा चुनाव में गठबंधन के उम्मीदवार बेहतर करेंगे।

वरिष्ठ इनेलो नेता व पूर्व डिप्टी स्पीकर गोपीचंद गहलोत का कहना है कि गठबंधन का असर पूरे प्रदेश में दिखाई देगा। भाजपा की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है। प्रदेश में अगली सरकार गठबंधन की बनेगी। कांग्रेस की क्या पोजिशन रहेगी, यह देखना है।

कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता जितेंद्र भारद्वाज के मुताबिक, प्रदेश में ही नहीं बल्कि देश में कांग्रेस के पक्ष में माहौल तेजी से बनता जा रहा है। जहां तक प्रदेश का सवाल है तो जनता फिर से कांग्रेस को सत्ता में लाने का मन बना चुकी है। गुरुग्राम एवं नूंह जिले में भी पार्टी की स्थिति काफी मजबूत रहेगी। भाजपा को जनता ने नकार दिया है। हर तरफ से कांग्रेस को फिर से सत्ता में लाने की आवाज आने लगी है। गठबंधन का कुछ भी असर नहीं दिखाई देगा।

भाजपा के जिलाध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौहान का कहना है कि केंद्र व प्रदेश की भाजपा सरकार बनाने में दलितों की भी विशेष भूमिका है। अब देश में दलितों के नाम पर राजनीति नहीं चल सकती। वे जागरूक हो चुके हैं। उनके मतों का कोई ठेकेदार नहीं हो सकता। इनेलो ने बसपा के साथ गठबंधन करके यह दर्शा दिया है कि वह हर स्तर पर पहले ही हार चुकी है। गठबंधन का कुछ भी असर नहीं होना।

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