असम में वायुसेना के लापता हुए विमान में हरियाणा के पंकज भी हैं सवार, परिजन परेशान

मां-बाप की इकलौती संतान पंकज वायुसेना के एयर ट्रैफिक सर्विस में तैनात हैं। उनके लापता होने से माता-पिता सहित परिजनों का हाल-बेहाल है जबकि ग्रामीण उनकी सलामती की दुआ कर रहे हैं।

By JP YadavEdited By: Publish:Wed, 05 Jun 2019 05:27 PM (IST) Updated:Thu, 06 Jun 2019 07:20 AM (IST)
असम में वायुसेना के लापता हुए विमान में हरियाणा के पंकज भी हैं सवार, परिजन परेशान
असम में वायुसेना के लापता हुए विमान में हरियाणा के पंकज भी हैं सवार, परिजन परेशान

सोनीपत [संजय निधि]। असम के जोरहाट एयरबेस से उड़ान भरने के बाद लापता हुए भारतीय वायुसेना के विमान में गोहाना उपमंडल के गांव कोहला के पंकज सांगवान (22) भी सवार हैं। फिलहाल विमान का कोई सुराग नहीं मिल पाया है। मां-बाप की इकलौती संतान पंकज वायुसेना के एयर ट्रैफिक सर्विस में तैनात हैं। उनके लापता होने से माता-पिता सहित परिजनों का हाल-बेहाल है, वहीं ग्रामीण उनकी सलामती की दुआ कर रहे हैं।

विमान के साथ इकलौते बेटे के लापता होने की सूचना मिलने के बाद से ही पंकज की मां सुनीता कुमारी और पिता धर्मबीर सांगवान के आंसू नहीं थम रहे हैं। किसी तरह खुद को संभालते हुए पिता धर्मबीर ने बताया कि पंकज 1 जुलाई 2015 को वायुसेना में भर्ती हुआ था और इन दिनों असम के जोरहाट एयरबेस पर तैनात है। 3 जून को शाम करीब 8 बजे एयर कमांडर ने फोन पर पंकज के विमान के लापता होने की सूचना उन्हें दी। इसके बाद से ही परिजनों का रो-रोक हाल बुरा है। परिजन दिन में कई बार जोरहाट एयरबेस कार्यालय में फोन कर विमान और पंकज के बारे में पूछ रहे हैं। अभी तक पंकज का कोई सुराग नहीं मिल पाया है। पंकज के लापता होने की सूचना से उनके दादा कपूर सिंह सदमे में हैं। घर में पंकज के बारे में पता करने वालों का तांता लगा हुआ है।

मां से कहा था, काम से खुश हैं अधिकारी  

लापता होने से एक दिन पहले ही पंकज ने मां से फोन पर लंबी बातचीत की थी। करीब 40-45 मिनट की इस बातचीत में उसने मां से कहा था कि उनके काम से अधिकारी बहुत खुश हैं। आंखों में आंसू लिए मां सुनीता ने बताया कि पंकज हमेशा ईमानदारी और कड़ी मेहनत में विश्वास रखता है। उसने ट्रेनिंग के समय भी 2500 बच्चों में पहला स्थान प्राप्त किया है। उसने बातया था कि अधिकारी उसके काम की प्रसंशा करते हैं।

28 जून को छुट्टियों में घर आने वाला था पंकज 

2 जून की सुबह ही पंकज ने अपने चचेरे भाई मोहित से भी फोन पर बात की थी। फोन पर उसने बताया था कि 28 जून को वह छुट्टयों में घर आ रहा है। उसकी छुट्टियां मंजूर हो गईं हैं। पंकज ने यह बात मां सुनीता को भी बताई थी, लेकिन अब विमान के साथ पंकज के लापता होने की सूचना मिलने के बाद से ही वह सदमे में है। यही नहीं, पूरे गांव का माहौल ही गमगीन बना हुआ है।

आशीष तंवर को लेकर परिवार के लोग चिंतित 

भारतीय वायुसेना के लापता हुए विमान एएन-32 के पायलट पलवल के गांव दीघोट निवासी आशीष तंवर को लेकर परिवार के लोग चिंतित हैं। विमान के लापता होने की सूचना के बाद से ही आशीष के गांव व पलवल के सेक्टर-दो स्थित निवास पर दुख का माहौल बना हुआ है। आशीष की पत्नी संध्या, उनके पिता राधेलाल व चाचा जयनारायण भी असम के जोरहाट पहुंच गए हैं।

दीघोट निवासी आशीष तंवर का पूरा परिवार ही सेना में है। आशीष तंवर दिसंबर 2013 में वायुसेना में भर्ती हुए थे तथा मई 2015 में कमीशन मिलने के बाद उन्हें पायलट पद पर नियुक्ति मिली। आशीष ने उत्तर प्रदेश के मेरठ के सेंट्रल स्कूल से 12वीं पास कर कंप्यूटर साइंस से बीटेक की डिग्री ली व वायुसेना में भर्ती की परीक्षा दी। आशीष के परिवार के अधिकांश सदस्य सेना में कार्यरत रहते हुए देश सेवा कर रहे हैं।

मां- बाप की इकलौती संतान आशीष हमेशा से देश सेवा में जाने का सपना रखते थे। उनकी पत्नी संध्या वायुसेना में रडार ऑपरेटर के पद पर कार्यरत हैं। आशीष की बहन अंजुला तंवर भी वायुसेना में स्क्वाड्रन लीडर हैं। पिता राधेलाल तथा ताऊ उदयवीर सेना से सूबेदार मेजर के पद से सेवानिवृत हैं। चाचा जयनारायण व कृपाल सिंह भी भारतीय सेना में सेवा दे रहे हैं। ताऊ ने बताया कि आशीष के लापता होने के बाद से पूरा परिवार चिंता में है
 

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