Nirbhaya Case: जज ने दोषी के वकील एपी सिंह से कहा- 'आप आग से खेल रहे हैं, सतर्क रहें'

Nirbhaya Case निर्भया के चारों दोषियों (विनय कुमार शर्मा पवन कुमार गुप्ता मुकेश सिंह और अक्षय सिंह) को आखिरकार मंगलवार सुबह 6 बजे होने वाली फांसी से राहत मिल ही गई।

By JP YadavEdited By: Publish:Mon, 02 Mar 2020 08:19 AM (IST) Updated:Mon, 02 Mar 2020 06:48 PM (IST)
Nirbhaya Case: जज ने दोषी के वकील एपी सिंह से कहा- 'आप आग से खेल रहे हैं, सतर्क रहें'
Nirbhaya Case: जज ने दोषी के वकील एपी सिंह से कहा- 'आप आग से खेल रहे हैं, सतर्क रहें'

नई दिल्ली [सुशील गंभीर]। सोमवार को कई घंटे की लंबी सुनवाई के बाद निर्भया के चारों दोषियों (विनय कुमार शर्मा, पवन कुमार गुप्ता, मुकेश सिंह और अक्षय सिंह) को आखिरकार मंगलवार सुबह 6 बजे होने वाली फांसी से राहत मिल ही गई। सुनवाई के दौरान दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा ने पवन गुप्ता की ओर से पेश वकील सिंह से कहा- 'आप आग से खेल रहे हैं, आपको सतर्क रहना चाहिए। किसी के द्वारा एक गलत कदम, और आपको परिणाम पता हैं।'

जानिए- कोर्ट में सुनवाई के दौरान क्या-क्या हुआ सुनवाई के दौरान तिहाड़ जेल प्रशासन से जुड़े अधिकारियों ने कोर्ट में कहा कि दया याचिका दायर होने के बाद मामला सरकार के पास चला गया है और जज का इसमें कोई रोल नहीं है। तिहाड़ जेल के अधिकारियों ने कहा कि जब राष्ट्रपति महोदय पवन की याचिका पर रिपोर्ट मांगेंगे तो इस पर स्वतः ही फांसी पर रोक लग जाएगी। सुनवाई के दौरान तिहाड़ के अधिकारियों ने कोर्ट को बताया कि राष्ट्रपति ने दोषी पवन की दया याचिका खारिज कर दी है, लेकिन तिहाड़ जेल प्रशासन को इसकी जानकारी नहीं मिली है। ऐसे में जेल अधिकारियों का कहना है कि औपचारिक सूचना के बाद जेल प्रशासन इस सूचना से पटियाला हाउस कोर्ट को अवगत कराएगा और इस बात का निर्देश लेगा कि दोषियों को कब फांसी पर लटकाया जाए?  जज के फैसला सुनाने से पहले लोक अभियोजक ने कहा कि इस अदालत के पास अब फांसी पर रोक लगाने की ताकत नहीं है। दिल्ली हाई कोर्ट ही ऐसा कर सकती है। वहीं, तिहाड़ जेल प्रशासन ने कहा कि गेंद अब सरकार के पाले में है। सुनवाई के दौरान दोषियों के वकील एपी सिंह ने कोर्ट में कहा कि विचार करें, अभी चारों को फांसी नहीं दे सकते। दो दोषियों की दया याचिका बाकी है। इस पर जज ने कहा कि दोपहर बाद सुनवाई के लिए डिटेल के साथ अदालत में आएं।  सुनवाई के दौरान जज साहब ने कहा कि याकूब मेनन के मामले में भी दया याचिका पेंडिग होने के दौरान फांसी दी गई थी, तब सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा था? इस पर एपी सिंह ने कहा कि मैं ऐसी स्थिति में नहीं हूं कि अदालत की सहायत कर सकूं। जो आदेश अदालत देगी उसे माना जाएगा। क्योंकि मैं अदालत से ऊपर नहीं हूं। सुनवाई के दौरान जज ने दोषियों के वकील एपी सिंह से पूछा- जब अदालत ने डेथ वारंट पर अनिश्चितकालीन रोक लगा दी थी, तब आपने न तो क्यूरेटिव पिटीशन दायर की और न ही दया याचिका। फिर से डेथ वारंट जारी हुआ तो आप फिर से हरकत में आ गए। दोपहर बाद एक बार फिर सुनवाई शुरू हुई तो कोर्ट को बताया गया कि पवन ने राष्ट्रपति के पास दया याचिका दायर कर दी है। इस बीच दोषियों के परिजनों ने पटियाला हाउस कोर्ट के बाहर दया के लिए गुहार लगाई और बैनर भी दिखाए, जिस पर फांसी बचाने के लिए अपील लिखी थी। सुनवाई के दौरान दोषियों की ओर से पेश अधिवक्ता एपी सिंह ने अदालत में कहा कि पवन की क्यूरेटिव पिटीशन खारिज होने के बाद अभी उसके पास दया याचिका का विकल्प बकाया है। इसके अलावा अक्षय की भी दया याचिका पर फैसला नहीं हुआ है, इसलिए 3 मार्च को फांसी पर रोक लगाई जाए। इस पर जज ने पूछा कि फांसी रोकने के लिए कोई ठोस वजह है तो बताएं? इस पर एपी सिंह ने कहा कि दिल्ली जेल मैनुअल कहता है कि किसी अपराध में शामिल दोषियों को एक साथ ही फांसी दी जा सकती है। बता दें कि डेथ वारंट पर रोक के लिए दायर याचिका पर अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा (Additional Sessions Judge Dharmendra Rana) ने पिछली सुनवाई में तिहाड़ जेल प्रशासन से 2 मार्च तक जवाब मांगा था।

कानून के साथ खिलवाड़ कर रहे दोषियों के वकील : निर्भया की मां

इससे पहले निर्भया की मां ने कहा था कि पूरी दुनिया देख रही है कि दोषियों के वकील किस प्रकार अपनी दलीलों से कोर्ट को गुमराह कर रहे हैं। दोषियों के वकील कानून के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। कोर्ट के आदेश का ही पालन नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा कि दोषी फांसी के लिए तय तिथि से एक या दो दिन पूर्व दया याचिका दाखिल करते हैं। मेरा सवाल है कि आखिर उन्हें इतना समय क्यों दिया जा रहा है। बावजूद हमलोग का सुप्रीम कोर्ट पर पूरा भरोसा है।

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