दिल्ली में कृत्रिम बारिश कराने की योजना पर केंद्र सरकार अभी भी कायम

दिल्ली में प्रदूषण के जानलेवा स्थिति में पहुंचने पर बचाव के जिन अहम उपायों को लेकर सरकार काम करने में जुटी है, उनमें एक कृत्रिम बारिश भी है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Publish:Fri, 30 Nov 2018 10:47 PM (IST) Updated:Sat, 01 Dec 2018 07:45 AM (IST)
दिल्ली में कृत्रिम बारिश कराने की योजना पर केंद्र सरकार अभी भी कायम
दिल्ली में कृत्रिम बारिश कराने की योजना पर केंद्र सरकार अभी भी कायम

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। दिल्ली में प्रदूषण के जानलेवा स्थिति में पहुंचने पर बचाव के जिन अहम उपायों को लेकर सरकार काम करने में जुटी है, उनमें एक कृत्रिम बारिश भी है। यह अलग बात है कि पिछले दिनों पूरी तैयारी होने के बाद भी यह योजना साकार नहीं हो सकी है। वजह बादलों ने अंतिम समय में धोखा जो दे दिया था।

बावजूद इसके सरकार इस प्रयोग से पीछे हटने के मूड़ में कतई नहीं है। साथ ही साफ किया है, कि जब भी दिल्ली के ऊपर बादलों का जमाबड़ा होगा, कृत्रिम बारिश कराई जाएगी।

केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय के मुताबिक, कृत्रिम बारिश की उनकी योजना को बादल भले ही कच्चा दे रहे है, लेकिन वह अभी इससे पीछे नहीं हटे है। वह पूरी योजना को अमलीजामा पहनाने की योजना पर कायम है। उन्हें सिर्फ मौसम विभाग से बादलों की मौजूदगी के मिलने वाले संकेतों का इंतजार है। जैसे ही वह इसकी जानकारी देंगे, वह तुरंत ही बारिश करा देंगे।

हालांकि इसे अभी प्रयोग के तौर पर ही आजमाया जाना है, लेकिन भविष्य में यह प्रदूषण के खतरनाक स्थिति में पहुंचने पर बचाव का एक बडा हथियार भी हो सकता है। मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक आईआईटी कानपुर इस पूरी योजना पर काम कर रहा है। उनकी ओर से इससे जुड़े सफल प्रयोगों का दावा भी किया गया है। जिसमें प्रदूषण के स्तर में भारी कमी की बात भी कही जा रहा है।

हालाकि सारी स्थिति आजमाए जाने वाले इस प्रयोग से ही साफ हो पाएगी। इनमें इसरो भी एक बड़ा सहयोगी है। खासबात यह है कि यह यह कृत्रिम बारिश बादलों के ऊपर सूखी बर्फ के साथ एक रसायन को मिश्रित कर छिड़काव के बाद होती है। इससे जुड़ी पूरी प्रक्रिया में करीब 25 से 30 मिनट का समय लगता है।

गौरतलब है कि पर्यावरण मंत्रालय ने पिछले हफ्ते यानि 21 नवम्बर के आसपास ही दिल्ली में कृत्रिम बारिश कराने की योजना बनाई थी, लेकिन बादलों के जमा न होने के चलते योजना को टाल दिया था। हालांकि तभी से बादलों के आने का इंतजार किया जा रहा है, लेकिन इसके बाद से दिल्ली में बादलों की मौजूदगी नहीं दिखी

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