Railway News: गरीब रथ में सफर करने वालों के लिए खुशखबरी, मिलेगा कंफर्म टिकट

Railway News अतिरिक्त कोच लगने से जहां रेलवे की आय बढे़गी वहीं यात्रियों को कंफर्म टिकट मिल सकेगा। इसके लिए इस ट्रेन में विशेष इंजन लगाया जाएगा।

By JP YadavEdited By: Publish:Thu, 16 Jul 2020 01:31 PM (IST) Updated:Thu, 16 Jul 2020 01:31 PM (IST)
Railway News: गरीब रथ में सफर करने वालों के लिए खुशखबरी, मिलेगा कंफर्म टिकट
Railway News: गरीब रथ में सफर करने वालों के लिए खुशखबरी, मिलेगा कंफर्म टिकट

नई दिल्ली [संतोष कुमार सिंह]। Railway News: गरीब रथ ट्रेनों से अब न वायु प्रदूषण होगा और न ध्वनि प्रदूषण। इसके साथ ही ट्रेन परिचालन की लागत में भी कमी आएगी। एक अतिरिक्त कोच लगने से जहां रेलवे की आय बढे़गी वहीं, यात्रियों को कंफर्म टिकट मिल सकेगा। इसके लिए इस ट्रेन में विशेष इंजन लगाया जाएगा जिससे ट्रेन के कोच में रोशनी के लिए और पंखे व एयर कंडीशनर (एसी) चलाने के लिए जनरेटर की जरूरत नहीं पड़ेगी। इंजन में इस्तेमाल किए गए इस तकनीक को हेड ऑन जनरेशन (Head on generation) कहा जाता है।

इस तरह काम करती है एचओजी प्रणाली

इलेक्ट्रिक इंजन के ऊपर लगा पेंटो ग्राफ बिजली की लाइन से इंजन को बिजली आपूर्ति करता है। इसका उपयोग इंजन को चलाने में किया जाता है। परंपरागत रूप से कोच में एसी व पंखे चलाने व रोशनी के लिए ट्रेन में जनरेटर लगाया जाता है। एचओजी तकनीक से जनरेटर की जरूरत नहीं पड़ती है। पेंटो ग्राफ के जरिये मिलने वाली बिजली से ही पूरी कोच की आवश्यकता पूरी हो जाती है। वहीं जनरेटर कार की जगह यात्रियों के लिए कोच लगाकर ट्रेन की यात्री क्षमता बढ़ाई जा सकती है।

ऊर्जा पर होने वाले खर्च में कमी

रेलवे में सबसे ज्यादा खर्च वेतन व पेंशन पर होता है। दूसरा सबसे बड़ा खर्च ऊर्जा पर है, जिसे कम करने की कवायद चल रही है। एचओजी तकनीक भी इसी दिशा में एक कदम है। पिछले कई वर्षों से इस काम किया जा रहा है। दिल्ली मंडल में लिंक हॉफमैन बुश (Link Hoffman Bush) कोच वाली 44 ट्रेनों के 54 रैक को इस तकनीक में परिवर्तित किया गया है। अब गरीब रथ ट्रेनों में भी यह बदलाव किया जा रहा है।

आरडीएसओ से मिली अनुमति

लॉकडाउन की अवधि में कोचिंग विभाग की तकनीकी टीम ने गरीब रथ को भी एचओजी तकनीक में परिवर्तित करने की दिशा में काम किया है। दिल्ली मंडल ने इसके लिए तकनीकी निर्देश, ड्राइंग और योजना तैयार करके जून के पहले सप्ताह में अनुसंधान अभिकल्प और मानक संगठन (आरडीएसओ) को भेजा था। 22 जून को आरडीएसओ ने इसे अनुमोदित कर दिया है।

150 कोच में किए जाएंगे बदलाव

दिल्ली के मंडल रेल प्रबंधक के एससी जैन (SC Jain, Divisional Railway Manager, Delhi) का कहना है कि गरीब रथ ट्रेनों के 150 कोच और 18 इंजनों में जरूरी बदलाव की प्रक्रिया शुरू हो गई है। अगले साल जनवरी में दिल्ली मंडल की चारों ट्रेनों में यह सुविधा शुरू हो जाएगी। इस पर लगभग तीन करोड़ रुपये खर्च होंगे। वहीं, इस तकनीक से इन ट्रेनों के संचालन से दिल्ली मंडल को 12 करोड़ रुपये की बचत होगी। इसके साथ ही प्रत्येक वर्ष पांच हजार टन कार्बन डाईऑक्साइड के उत्सर्जन में कमी आएगी। इस तरह से यह पर्यावरण के अनुकूल है।

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