कम दाम में सोना दिलाने का झांसा देकर करोबारी से 3.48 करोड़ की ठगी

ठगों ने बताया था कि 4.50 करोड़ का सोना उन्हें 3.48 करोड़ रुपये मिल जाएगा। दंपत्ती समेत पांच लोगों ने पीड़ित को नौ किलो सोना दिलाने का झांसा दिया था। जेवर कारोबारी की शिकायत पर आर्थिक अपराध शाखा ने मुकदमा दर्ज कर मामले की छानबीन शुरू कर दी है।

By Prateek KumarEdited By: Publish:Wed, 18 Nov 2020 07:19 AM (IST) Updated:Wed, 18 Nov 2020 07:19 AM (IST)
कम दाम में सोना दिलाने का झांसा देकर करोबारी से 3.48 करोड़ की ठगी
ठगों ने विश्वास जीत रुपये लेकर हुए फरार।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। ठगों ने कम दाम में सोना दिलाने का झासा देकर करोल बाग के जेवर के कारोबारी से 3.48 करोड़ रुपये हड़प लिए। दंपत्ती समेत पांच लोगों ने पीड़ित को नौ किलो सोना दिलाने का झांसा दिया था। ठगों ने बताया था कि 4.50 करोड़ का सोना उन्हें 3.48 करोड़ रुपये मिल जाएगा। विश्वास जीतने के बाद जब कारोबारी से ठगों को रुपये मिल गए तो उन्होंने पीड़ित से संपर्क खत्म कर दिया।

जेवर कारोबारी संदीप जैन की शिकायत पर आर्थिक अपराध शाखा (इओडब्ल्यू) ने सोमवार को मुकदमा दर्ज कर मामले की छानबीन शुरू कर दी है। पुलिस मुख्य आरोपित अमित पोद्दार सहित अन्य की तलाश में जुट गई है। 

पुलिस के मुताबिक राजौरी गार्डन निवासी संदीप जैन का करोल बाग इलाके में सोने के जेवरात बनाने की कंपनी है। कारोबारी करीब एक वर्ष से आरोपित अमित पोद्दार से सोने के गहने का कारोबार कर रहे थे। अमित नियमित तौर पर जेवरात के रुपये संदीप को देता था। जिससे कारोबारी को अमित पर विश्वास हो गया था। इसी दौरान गत 11 मार्च को अमित अपनी पत्नी, साला व अन्य लोगों के साथ संदीप के पास गया था। उसने पीड़ित को बताया कि उसने काफी कम दाम में नौ किलो सोना खरीद रखा है। 12 मार्च को उसे सोने के रुपये उक्त पार्टी को देने हैं। 4.50 करोड़ का सोना उसे मात्र 3.48 करोड़ में मिल रहा है। लेकिन, समस्या यह है कि उसके पास सोना खरीदने के रुपये नहीं है।

उसने संदीप जैन को 3.40 करोड़ रुपये देकर सोना लेने पर राजी कर दिया। बाद में आरोपित पीड़ित को अपने कार्यालय पर ले गया और सोना देने वाले शख्स से मिलवाया। उस शख्स ने पीड़ित को कहा कि पेमेंट होते ही सोना एक घंटे के अंदर उन्हें मिल जाएगा। संदीप ठगों के झासे में आकर रुपये आरोपित के बताए खाते में स्थानांतरित कर दिया। लेकिन काफी समय बीतने के बावजूद शख्स सोना लेकर पीड़ित के पास नहीं आया। वहीं, ठग कार्यालय बंद कर फरार हो गए। घटना के आठ महीने बाद भी जब पीड़ित को रुपये अथवा सोना नहीं मिला तो उन्होंने ठगी की शिकायत पुलिस में की।  

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