पूर्व पीएम व भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के समाधि स्थल में होगी ये खास बात

भारत रत्न व देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का अंदाज सबसे निराला था। ऐसे में उनके समाधि स्थल को कमल के फूल का आकार दिया जा रहा है।

By Edited By: Publish:Sun, 11 Nov 2018 08:45 PM (IST) Updated:Mon, 12 Nov 2018 08:08 AM (IST)
पूर्व पीएम व भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के समाधि स्थल में होगी ये खास बात
पूर्व पीएम व भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के समाधि स्थल में होगी ये खास बात

नई दिल्ली [वीके शुक्ला]। भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का अंदाज सबसे निराला था। इसी अंदाज के चलते वह अपनी पार्टी ही नहीं, बल्कि विपक्षियों के भी चहेते थे। यही वजह है कि हर व्यक्ति के मन में आज भी उनके प्रति सम्मान है। उनका व्यक्तित्व तो अलग था ही, अब विजय घाट पर बनाई जा रही समाधि भी कुछ अलग होगी। यहां समाधि स्थल को कमल के फूल का आकार दिया जा रहा है। दिन-रात निर्माण कार्य चल रहा है और काफी हद तक काम पूरा हो चुका है।

बताया जा रहा है कि 25 दिसंबर से पहले हर हाल में समाधि को तैयार किया जाना है, क्योंकि 25 दिसंबर को ही वाजपेयी का जन्मदिन है और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समाधि पर पुष्पांजलि अर्पित करेंगे। समाधि स्थल पर मजदूर काम में जुटे हैं और उन्हें भी यह समाधि बनाने के काम में शरीक होने की खुशी है। इसे वे खुद स्वीकार करते हैं।

मालूम हो कि अटल बिहारी वाजपेयी का 16 अगस्त को निधन हो गया था। एम्स में उन्होंने अंतिम सांस ली थी और विजय घाट स्थित राष्ट्रीय स्मृति में उनका अंतिम संस्कार किया गया था।

समाधि स्थल तक जाने को बनेंगे दो रास्ते
इस समाधि स्थल तक जाने के लिए अलग से रास्ते बनाए जाएंगे। रिंग रोड की तरफ सर्विस रोड के साथ चारदीवारी तोड़कर दो गेट बनाए जाएंगे। एक गेट वीआइपी मूवमेंट के समय खोला जाएगा। इसके लिए सड़क बनाई जा रही है, जो समाधि स्थल के पास जाकर डी-आकार में बदल जाएगी और वहां तक वाहन पहुंचने की व्यवस्था होगी। वहीं, आम जनता दूसरे गेट से बनाई जा रही सड़क से समाधि स्थल पर पहुंच सकेगी।

ये भी होंगे आकर्षण के केंद्र
समाधि के चारों ओर कमल के फूल की पंखुड़ियों की तरह बीच में खाली स्थान छोड़कर ढाई मीटर की ऊंचाई वाली दीवारें बनाई जाएंगी। दीवारों के बीच खाली स्थान से रास्ते समाधि पर पहुंच सकेंगे। समाधि को छोड़कर आसपास दूधिया रंग की टाइल्स लगाई जाएंगी और स्थल की दीवारों व समाधि स्थल के बीच खाली जमीन पर घास लगाई जाएगी। समाधि बनाने का काम केंद्रीय लोक निर्माण विभाग कर रहा है।

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