हरियाणा से आई 'आफत' से दिल्ली में बाढ़ का खतरा, झुग्गियों से लेकर मंदिर तक डूबे

पुरानी दिल्ली रेलवे पुल पर सुबह 8 बजे का जलस्तर 204.56 मीटर था लेकिन 9 बजते-बजते यह 204.70 हो गया। पानी का लेवल 205.94 मीटर जा पहुंचा है। यह खतरे के निशान से ज्‍यादा है।

By JP YadavEdited By: Publish:Mon, 19 Aug 2019 09:39 AM (IST) Updated:Tue, 20 Aug 2019 01:58 PM (IST)
हरियाणा से आई 'आफत' से दिल्ली में बाढ़ का खतरा, झुग्गियों से लेकर मंदिर तक डूबे
हरियाणा से आई 'आफत' से दिल्ली में बाढ़ का खतरा, झुग्गियों से लेकर मंदिर तक डूबे

नई दिल्ली, जेएनएन। हरियाणा के हथिनी कुंड बैराज से रविवार को बहुत अधिक मात्र में छोड़े गए पानी के कारण दिल्ली में यमुना उफान पर है। सोमवार शाम यमुना का जलस्तर खतरे के निशान के ऊपर पहुंच गया। जिला प्रशासन ने सुबह 11 बजे पुराने लोहे के पुल पर बैरिकेड लगाकर वाहनों का आवागमन बंद कर दिया। पुराना लोहा पुल को अब पैदल यात्रियों के लिए बंद कर दिया गया है। पानी का लेवल 205.94 मीटर जा पहुंचा है। यह खतरे के निशान से ज्‍यादा है।

यमुना का चेतावनी स्तर 204.50 और खतरनाक स्तर 205.33 मीटर है। सोमवार सुबह आठ बजे यमुना ने 204.56 मीटर के साथ चेतावनी स्तर को पार किया। शाम साढ़े पांच बजे यमुना खतरनाक स्तर को पार कर गई। रात आठ बजे तक जलस्तर 205.50 मीटर था। रविवार शाम बैराज से छोड़ा गया आठ लाख क्यूसेक पानी पूरी तरह मंगलवार तक दिल्ली पहुंचेगा। इससे जल स्तर 207 मीटर तक जाने की उम्मीद है। 

मंगलवार सुबह यमुना का जलस्तर और बढ़ने से लोहे के पुल पर ट्रेन का परिचालन भी रुकने की आशंका है। वरिष्ठ अधिकारी स्थिति पर नजर रख रहे हैं। सुबह 10 बजे जिला प्रशासन के अधिकारियों के बीच हुई बैठक में यमुना के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए पुल को बंद करने का फैसला लिया गया। पुल बंद होने से वाहन चालकों को परेशानी ङोलनी पड़ी। शास्त्री पार्क से नई व पुरानी दिल्ली की ओर जाने वाले लोगों को कश्मीरी गेट और गीता कॉलोनी से जाना पड़ा। अतिरिक्त जिलाधिकारी अरुण गुप्ता ने बताया कि प्रशासन ने बाढ़ से निपटने की तैयारी पूरी कर ली है।

हरियाणा के यमुनानगर स्थित हथिनीकुंड बैराज से 8 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद देश की राजधानी दिल्ली में 40 साल बाद एक बार फिर बाढ़ का खतरा पैदा हो गया है। इस लिहाज से मंगलवार का दिन दिल्ली वासियों के लिए मुश्किल भरा साबित हो सकता है, खासकर दिल्ली के निचले इलाके में। इतना ही नहीं, गाजियाबाद, फरीदाबाद और ग्रेटर नोएडा में भी बाढ़ का असर दिखाई दे सकता है। इस बाबत दिल्ली सरकार के साथ गौतमबुद्धनगर, गाजियाबाद के साथ फरीदाबाद में स्थानीय प्रशासन भी सक्रिय हो गया है। 

इससे पहले सोमवार को सीएम अरविंद केजरीवाल के मुताबिक, उनकी सरकार 24 घंटे स्थिति पर नजर बनाए हुए है। उन्होंने लोगों से सोमवार शाम 6 बजे तक राज्य सरकार द्वारा बनाए गए टेंट में पहुंच जाने का आग्रह किया था। राज्य सरकार ने लोगों की मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी कर दिया है। पीड़ित किसी प्रकार की मदद के लिए 011-22421656 और 011- 21210849 पर फोन कर सकते हैं।

इस बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने यमुना किनारे रहने वाले लोगों को सुरक्षित जगहों पर जाने की अपील की है। सोमवार को दिल्ली सचिवालय में प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए केजरीवाल ने लोगों से अपील की कि वे बाढ़ क्षेत्र को तुरंत छोड़ दें। 

2: 00 बजे       205.14 (जलस्तर) 

3 : 00 बजे       205.20 (जलस्तर)

4: 00 बजे        205. 28  (जलस्तर)  

5:00 बजे        205. 32  (जलस्तर)

6:00 बजे        205. 36  (जलस्तर)

7:00 बजे        205. 40  (जलस्तर)

8:00 बजे        205. 50  (जलस्तर)

यमुना के खतरे का निशान 205.33 है और अब खबर आ रही है कि  शाम छह बजे यमुना का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है। वहीं, सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है। दिल्ली सरकार सभी जरूरी प्रबंध कर रही है। मगर जो लोग बाढ़ क्षेत्र में रह रहे हैं वे सरकार के टेंट में आ जाएं। 23160 लोग इससे प्रभावित होंगे। अगले दो दिन अधिक खतरनाक हैं, ध्यान रखने की जरूरत है। मुनादी भी कराई जा रही है।

केजरीवाल ने बताया कि इस समय लोगों के लिए 2120 टेंट लगाए गए हैं। सभी फोर्स मिलकर काम कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि लोगों के लिए हेल्पलाइन नंबर 0112 2421656 और 0112 1210849 शुरू किए गए हैं। बाढ़ से बचाव के लिए  53 नाव उपलब्ध हैं। ये 30 विभिन्न स्थानों पर लगा दी गई हैं।

यमुना का जलस्तर बढऩे के कारण लोगों को यमुना खादर से निकाला जा रहा है। वहीं, कालिंदी कुंज पर यमुना में पानी बढऩे के बाद पानी साफ हो गया है, इसलिए यहां लोग आकर नहा रहे हैं।


 

तेजी से दिल्ली पहुंच रहा है रविवार को छोड़ा गया आठ लाख क्यूसेक पानी
हरियाणा के यमुनानगर स्थित हथिनीकुंड बैराज से रविवार को छोड़ा गया आठ लाख क्यूसेक पानी तेज़ी से दिल्ली पहुंच रहा है। ऐसे में दिल्ली में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। अगले 24 घंटे में हालात खराब होने की आशंका जताई गई है, क्योंकि हरियाणा का पानी जल्द ही यमुना का जलस्तर तेजी से बढ़ा रहा है। इस बीच एहतियात बरतते हुए लोहे का पुल भी बंद कर दिया गया है।

इस बीच हालात की समीक्षा और बाढ़ के उपायों पर चर्चा के लिए दिल्ली में सत्तासीन आम आदमी पार्टी (aam aadmi party) सरकार ने बाढ़ की स्थिति को देखते हुए दिल्ली सरकार ने बुलाई आपात बैठक। बैठक की अध्यक्षता खुद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल करेंगे। इस बैठक में सभी संबंधित अधिकारियों को मौजूद रहने को कहा गया है।

पुरानी दिल्ली रेलवे पुल पर सुबह 8 बजे का जलस्तर 204.56 मीटर था, लेकिन 9 बजते-बजते यह 204.70 हो गया। इससे पहले ही यमुना अपने चेतावनी संदेश 204.50 मीटर को पार कर गई है। अधिकारी उम्मीद जता रहे है कि सोमवार रात तक यमुना अपने खतरे के निशान 205.33 को पार कर जाएगी।

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इससे पहले ही दिल्ली सरकार ने रविवार को ही राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के लिए बाढ़ की चेतावनी जारी की है। इसके साथ-साथ निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को वहां से सुरक्षित स्थान पर जाने के लिए कहा गया है, क्योंकि यमुना नदी का जलस्तर के सोमवार को खतरे के निशान को पार करने की आशंका है। अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि रविवार की शाम युमना नदी में जलस्तर 203.37 मीटर तक पहुंच गया था।सोमवार तक इसे बढ़कर 207 मीटर तक पहुंचने की आशंका है, क्योंकि हरियाणा के हथिनी कुंड बैराज से शाम 6 बजे आठ लाख 28 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है।

यमुना में बढ़ रहा जलस्तर, बाढ़ के आसार
हरियाणा के हथिनी कुंड बैराज से रविवार को 14 घंटे में 8 लाख तीन हजार 960 क्यूसेक पानी यमुना में छोड़ा गया है। शाम पांच बजे सबसे अधिक आठ लाख 43 हजार 397 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। यह पानी 36 घंटे में दिल्ली पहुंचेगा। ऐसे में पानी के दिल्ली पहुंचने पर यमुना में बाढ़ के आसार बने हुए हैं। फिलहाल दिल्ली में यमुना का जलस्तर चेतावनी के स्तर (204.50 मीटर) से 1.15 मीटर नीचे है। फिर भी मौजूदा हालात के मद्देनजर सिंचाई व बाढ़ नियंत्रण विभाग ने चेतावनी जारी की है, क्योंकि यमुना के निचले इलाके में पानी भर सकता है।

हरियाणा में यमुना में जलस्तर 203.35 मीटर है, जो खतरे के निशान (205.33) से 1.98 मीटर से नीचे है। इसी वजह से हथिनी कुंड बैराज से दोपहर एक बजे के बाद हर घंटे छह लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा जा रहा है। शाम पांच व छह बजे आठ-आठ लाख क्यूसेक से भी अधिक पानी छोड़ा गया है। मंगलवार को यह पानी दिल्ली पहुंच जाएगा। ऐसे में दिल्ली में यमुना में उफान आना निश्चित है। इसलिए बाढ़ व सिंचाई नियंत्रण विभाग सक्रिय हो गया है।

पूर्वी जिले के जिलाधिकारी दीपक शिंदे ने रविवार को खादर इलाकों में रहने वाले लोगों से इलाका खाली करने की अपील की। साथ ही लोगों से नदी के किनारे न जाने को कहा। दीपक शिंदे ने बताया कि सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग ने गीता कॉलोनी स्थित पूर्वी जिलाधिकारी कार्यालय में कंट्रोल रूम बनाया है, जो 24 घंटे काम करेगा। आपातकालीन स्थिति के लिए हेल्पलाइन नंबर 011-22051234 भी जारी किया है, कोई भी व्यक्ति जलस्तर से संबंधित जानकारी ले सकता है। अगर कोई व्यक्ति बाढ़ में फंस गया है तो वह इस नंबर पर फोन करके मदद ले सकता है। उन्होंने बताया कि पुलिस को निर्देश दिए गए हैं कि किसी भी व्यक्ति को यमुना और उसके आसपास न जाने दे। प्रशासन की टीम खादर इलाकों को खाली करने के लिए मुनादी कर रही है। उन्होंने कहा कि अभी बाढ़ की स्थिति नहीं है, लेकिन आने वाले दिनों में हो सकती है।

इन राहत शिविरों में रहेंगे लोग
रविवार देर शाम पूर्वी जिले के अधिकारियों की बैठक हुई। इसमें जिलाधिकारी ने सभी एसडीएम को निर्देश दिए कि वह अपने क्षेत्र में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थान तक पहुंचाएं। सोमवार तड़के ही खादर इलाकों में पहुंच जाएं और लोगों को वहां से निकालें। जिलाधिकारी के निर्देश पर रात के समय ही पुश्ता रोड पर राहत शिविर लगने शुरू हो गए।

यमुना में बाढ़ आई तो उस्मानपुर पुराना गांव, गढ़ी माडू, कश्मीरी गेट, लोहे वाला पुल, गांधी नगर, गीता कॉलोनी, किशन कुंज, मयूर विहार सहित अन्य खादर इलाकों में रहने वाले हजारों की संख्या में लोग प्रभावित होंगे। पूर्वी जिले के अतिरिक्त जिलाधिकारी अरुण गुप्ता ने बताया कि सबसे ज्यादा पूर्वी जिले के इलाके प्रभावित होते हैं, यहां खादर इलाकों में पांच हजार लोग रहते हैं। इनके लिए मयूर विहार, गांधी नगर, एनएच-9 सहित अन्य जगहों पर राहत शिविर लगाए जा रहे हैं, शिविर में रहने वाले लोगों को प्रशासन की ओर से खाना भी दिया जाएगा।

लोगों से अपील की गई है वह जरूरी सामान लेकर खादर इलाके को खाली कर दें। उन्होंने बताया कि कालिंदी कुंज बैराज के दस गेट रविवार तक खुले हुए थे, यमुना का जलस्तर जैसे बढ़ेगा वैसे ही समीक्षा बैठकर अन्य गेट भी खोल दिए जाएंगे, ताकि दिल्ली में बाढ़ का ज्यादा असर न हो।

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