दिल्ली : बीएचयू के डिप्टी रजिस्ट्रार पर 50,000 रुपये का जुर्माना

नई दिल्ली उपभोक्ता फोरम ने दक्षिण पश्चिम मंडल के वरिष्ठ पोस्ट अधीक्षक पर भी 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है। फोरम ने कहा कि 30 दिन में आदेश का पालन किया जाए।

By Edited By: Publish:Mon, 31 Dec 2018 08:30 PM (IST) Updated:Tue, 01 Jan 2019 08:05 AM (IST)
दिल्ली : बीएचयू के डिप्टी रजिस्ट्रार पर 50,000 रुपये का जुर्माना
दिल्ली : बीएचयू के डिप्टी रजिस्ट्रार पर 50,000 रुपये का जुर्माना

नई दिल्ली [सुशील गंभीर]। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) से संबंधित मेडिकल संस्थान में दाखिले के लिए इंटरव्यू पत्र समय पर जारी न करने के चलते बीएचयू के डिप्टी रजिस्ट्रार पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है। एक छात्रा की याचिका पर फैसला सुनाते हुए नई दिल्ली उपभोक्ता फोरम ने दक्षिण पश्चिम मंडल के वरिष्ठ पोस्ट अधीक्षक पर भी 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है। फोरम ने कहा कि 30 दिन में आदेश का पालन किया जाए। इसके बाद जुर्माने की रकम 9 फीसदी ब्याज के साथ अदा करनी होगी।

क्या था मामला

सेक्टर-3 आरकेपुरम नई दिल्ली निवासी नीरू ने बीएचयू के डिप्टी रजिस्ट्रार और पोस्ट ऑफिस अधीक्षक के खिलाफ उपभोक्ता फोरम में शिकायत दायर की थी। शिकायत में कहा गया था कि साल 2012-13 सत्र के लिए एमबीबीएस / बीएएमएस / बीडीएस में दाखिले के लिए आवेदन किया था और इसके लिए प्रवेश परीक्षा भी दी थी। प्रवेश परीक्षा के बाद बीएचयू से एक पत्र प्राप्त हुआ, जिसमें कहा गया कि आवेदक को प्रतिक्षा में रखा गया है।

आवेदक को 3 अगस्त 2012 को दाखिला कमेटी के सामने पेश होकर इंटरव्यू देना होगा। नीरू ने अपनी याचिका में कहा कि जब उसे पत्र प्राप्त हुआ, तब तक देर हो चुकी थी। क्योंकि पत्र इंटरव्यू वाले दिन मिला और दिल्ली से बनारस जाना संभव नहीं था।

याचिका में कहा गया कि इंटरव्यू पत्र 21 जुलाई 2012 का लिखा गया था, जिसे यूनिवर्सिटी प्रबंधन ने 26 जुलाई को जारी किया और पोस्ट ऑफिस ने इसे समय पर नहीं पहुंचाया। दोनों तरफ से हुई देरी के कारण वह इंटरव्यू नहीं दे सकी और उसका दाखिला लटक गया।

उपभोक्ता फोरम से बीएचयू और डाक विभाग को नोटिस जारी हुआ। डाक विभाग ने कहा कि उन्हें जब पत्र मिला तो तय समय में सही पते पर पहुंचा दिया, जबकि बीएचयू की तरफ से अपना पक्ष रखने के लिए कोई पेश नहीं हुआ।

फोरम ने क्या कहा
फोरम ने डाक विभाग के पक्ष को नकारते हुए कहा कि 26 अगस्त को उन्हें पत्र प्राप्त हो गया था, लेकिन उसे पते पर पहुंचाने में आठ दिन लगा दिए गए। जबकि नियमों के मुताबिक पांच दिन में यह प्रक्रिया पूरी होनी थी। फोरम ने बीएचयू को एक्स पार्टी करते हुए जुर्माना लगाया और डाक विभाग को भी सेवा में कोताही बरतने का दोषी पाते हुए जुर्माना लगाया।

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