दिल्ली : पंखा बनाने की फैक्ट्री में धमाके से 8 लोगों की दर्दनाक मौत, पहले भी हुए हैं हादसे

सुदर्शन पार्क में पंखे के ब्लेड बनाने की एक फैक्ट्री में तेज धमाका हुआ। इससे फैक्ट्री का एक हिस्सा ढह गया। इस हादसे में आठ लोगों की मौत हो चुकी है।

By Prateek KumarEdited By: Publish:Thu, 03 Jan 2019 10:01 PM (IST) Updated:Fri, 04 Jan 2019 01:37 PM (IST)
दिल्ली : पंखा बनाने की फैक्ट्री में धमाके से 8 लोगों की दर्दनाक मौत, पहले भी हुए हैं हादसे
दिल्ली : पंखा बनाने की फैक्ट्री में धमाके से 8 लोगों की दर्दनाक मौत, पहले भी हुए हैं हादसे

नई दिल्ली, जेएनएन। दिल्ली को मोतीनगर में बृहस्पतिवार रात पंखे की ब्लेड बनाने की फैक्ट्री में जबरदस्त धमाका हुआ। धमाके में दो मंजिला इमारत का बड़ा हिस्सा ढह गया। आनन-फानन में स्थानीय लोगों ने मलबे में दबे लोगों को निकालकर नजदीकी अस्पताल पहुंचाया। वहां 8 को मृत घोषित कर दिया गया। मृतकों में एक बच्चा भी शामिल है।

धमाके की खबर मिलते ही पुलिस के अलावा दमकल की 7 गाडि़यां, कैट्स एंबुलेंस, आपदा प्रबंधन और सिविल डिफेंस का राहत दल मौके पर पहुंच गया। मलबे में कई और लोगों के दबे होने की आशंका है। देर रात तक बचाव कार्य जारी था। मृतकों की शिनाख्त नहीं हो सकी है।

पुलिस के अनुसार, भूतल पर रखे कंप्रेशर में धमाके की वजह से इमारत ढही। पुलिस के मुताबिक मोती नगर इलाके के सुदर्शन पार्क में पंखे के ब्लेड बनाने की एक फैक्ट्री है। करीब सौ वर्ग गज में बनी इस फैक्ट्री में करीब 20 लोग काम करते हैं। रात करीब पौने नौ बजे अचानक फैक्ट्री में तेज धमाका हुआ। इससे फैक्ट्री का एक हिस्सा ढह गया।

लोगों ने समझा टायर फटने से हुआ धमाका
दिल्ली, जेएनएन। सुदर्शन पार्क के जिस इलाके में हादसा हुआ है वहां फैक्टियों के साथ साथ कई रिहायशी मकान भी हैं। प्रशासनिक अमला तो मदद के लिए बाद में पहुंचा, स्थानीय लोग इसमें आगे रहे। अगर यहां के रहने वाले लोग तुरंत घटना स्थल पर न पहुंचते तो मलबे में दबे कई और लोगों की जानें चली जातीं। घटना स्थल के आसपास रहने वाले लोगों ने बताया कि ठंड के इस मौसम में तो वे लोग दिन ढलते ही घरों की खिड़कियां तक बंद कर लेते हैं। कुछ लोग तो सो गए थे, कई सोने की तैयारी कर रहे थे। लेकिन, धमाका इतना जबरदस्त था कि घटना स्थल से करीब 50 मीटर की दूरी तक के घरों की दीवारें भी थर्रा गईं। कई लोगों ने पहले समझा कि टायर फटा होगा। पर जब बाहर निकले तो शोर शराबा सुनकर लगा कि कुछ बड़ा हादसा हुआ है।

इमारत ढहने से उठा धूल का गुबार
लोगों का कहना है कि इमारत ढहने से धूल का गुबार भी उड़ा, लेकिन कोहरे के कारण लोग इसे समझ नहीं सके। केवल नजदीक मौजूद लोगों ने इसे महसूस किया। जब मलबे के आसपास से चीख पुकार सुनाई दी तो मौजूद लोगों ने दबे लोगों को निकालने का काम तत्काल शुरू कर दिया। स्थानीय लोगों द्वारा बचाव कार्य की इस पहल की तारीफ प्रशासन ने भी की।

रिहायशी इलाकों में चल रहीं फैक्टियां
मोतीनगर इलाके में इससे पहले भी पंखे बनाने की फैक्ट्री में हादसे हो चुके हैं। करीब साढ़े तीन वर्ष पूर्व मोतीनगर थाना क्षेत्र में पंखे बनाने की फैक्ट्री में हुए हादसे का कारण कंप्रेशर का फटना था। इस घटना में भी कई लोगों की जानें गयी थी। तब भी रिहायशी इलाकों में चल रही फैक्टियों के खिलाफ कार्रवाई की बात सरकारी एजेंसियों ने कही थी। लेकिन, इस पर कभी अमल नही हुआ।

एक कमरे के मकान में चल रही
क्षेत्र में कई जगह एक कमरे के मकान में फैक्ट्री चल रही है। संकरी गलियों में चल रहीं इन फैक्टियों में हादसे का हमेशा डर रहता है। इन जगहों पर सुरक्षा नियमों का पालन नही होता। सबसे बड़ा खतरा यह होता है कि हादसे के समय घटना स्थल तक पहुंचने में बचावकर्मियों को दिक्कत होती है।

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