Nirbhaya Case: 8 साल पूरे होने पर निर्भया की मां बोलीं- सभी को मिलकर दुष्कर्म के खिलाफ आवाज उठाने की जरूरत

Nirbhaya Case समाचार एजेंसी एएनआइ से बातचीत में उन्होंने कहा- मेरी बेटी को न्याय दिलाया गया है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि मैं चुप बैठूंगीं। मैं सभी दुष्कर्म पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए लड़ता रहूंगी। सभी को मिलकर दुष्कर्म के खिलाफ आवाज उठाने की जरूरत है।

By JP YadavEdited By: Publish:Wed, 16 Dec 2020 08:36 AM (IST) Updated:Wed, 16 Dec 2020 08:40 AM (IST)
Nirbhaya Case: 8 साल पूरे होने पर निर्भया की मां बोलीं- सभी को मिलकर दुष्कर्म के खिलाफ आवाज उठाने की जरूरत
दक्षिण दिल्ली में 16 दिसंबर, 2012 को हुए निर्भया केस को 8 साल पूरे हो चुके हैं।

नई दिल्ली, एएनआइ। दक्षिण दिल्ली में 16 दिसंबर, 2012 को हुए निर्भया केस को 8 साल पूरे हो चुके हैं। इस बीच निर्भया की मां ने कहा है- 'मेरी बेटी के साथ हुए जघन्य अपराध को आज 8 साल हो चुके हैं। हमारा मामला स्पष्ट था और फिर भी न्याय पाने के लिए 8 साल लग गए। सरकार और अदालतों को यह सोचने की ज़रूरत है कि इसमें इतना समय क्यों लगा? और कानूनों में बदलाव करना चाहिए। समाचार एजेंसी एएनआइ से बातचीत में उन्होंने कहा- 'मेरी बेटी को न्याय दिलाया गया है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि मैं चुप बैठूंगीं। मैं सभी दुष्कर्म पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए लड़ता रहूंगी। सभी को मिलकर दुष्कर्म के खिलाफ आवाज उठाने की जरूरत है।'

वहीं, निर्भया के पिता का कहना है कि उनकी बेटी से दुष्कर्म और हत्या मामले में दोषियों को फांसी तो मिल चुकी है, लेकिन देश में महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों को देखकर लगता है कि अब तक कुछ नहीं बदला है। निर्भया के पिता ने भी कहा है कि ऐसे अपराध के खिलाफ लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई। निर्भया मामले के बाद बनाए गए कानून के संदर्भ में उन्होंने कहा कि मुझे लगा था कि इस मामले के बाद हमारे देश में बदलाव आएगा. लेकिन जब मैं खबरें देखता हूं तो हर रोज एक बेटी पर बर्बरतापूर्ण हमले का नया मामला सामने आता है।

दिल्ली में 16 दिसंबर, 2012 की रात को छात्रा से चलती बस में सामूहिक दुष्कर्म हुआ था

दिल्ली में 16 दिसंबर, 2012 की रात पैरामेडिकल छात्रा से चलती बस में सामूहिक दुष्कर्म हुआ था। उससे इस कदर दरिंदगी हुई थी कि बाद में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी। इस मामले में निचली अदालत से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक से चारों अभियुक्तों मुकेश, पवन गुप्ता, अक्षय सिंह और विनय कुमार शर्मा को मृत्युदंड दिया गया। आखिरकार चारों को 20 मार्च को तिहाड़ जेल संख्या 3 में फांसी पर चढ़ा दिया गया।

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