अलीगढ़ में बच्ची की निर्मम हत्या : प्रदेश कांग्रेस ने मानवाधिकार आयोग में दर्ज कराई श‍िकायत

प्रतिनिधिमंडल सोमवार को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग पहुंचा। इस दौरान अलीगढ़ के टप्पल में हाल ही में हुई दो वर्षीय बच्ची की निर्मम हत्या के मुद्दे पर एक शिकायत भी दर्ज कराई गई।

By Edited By: Publish:Mon, 10 Jun 2019 07:07 PM (IST) Updated:Mon, 10 Jun 2019 09:08 PM (IST)
अलीगढ़ में बच्ची की निर्मम हत्या : प्रदेश कांग्रेस ने मानवाधिकार आयोग में दर्ज कराई श‍िकायत
अलीगढ़ में बच्ची की निर्मम हत्या : प्रदेश कांग्रेस ने मानवाधिकार आयोग में दर्ज कराई श‍िकायत

नई दिल्ली (राज्य ब्यूरो)। प्रदेश अध्यक्ष शीला दीक्षित के निर्देश पर प्रदेश कांग्रेस के विधिक एवं मानव अधिकार विभाग का एक प्रतिनिधिमंडल सोमवार को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग पहुंचा। इस दौरान अलीगढ़ के टप्पल में हाल ही में हुई दो वर्षीय बच्ची की निर्मम हत्या के मुद्दे पर एक शिकायत भी दर्ज कराई गई। साथ ही मृतका के परिवार को उचित मुआवजा और सुरक्षा दिलाने की मांग भी रखी गई।

विभाग के चेयरमैन एडवोकेट सुनील कुमार ने अपनी शिकायत में कहा कि अलीगढ़ में हुई घटना में सर्वोच्च न्यायालय की ओर से बचपन बचाओ आंदोलन बनाम केंद्र सरकार में बच्चों के लापता होने पर दिए गए दिशा-निर्देशों का पालन नहीं किया गया। यदि इनका पालन होता तो अलीगढ़ में बच्ची की जान बच सकती थी।

उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि दिल्ली पुलिस और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार दिल्ली में प्रतिदिन औसतन 20 बच्चे लापता होते हैं। उन्होंने मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि पिछले 72 घंटे में बरेली, बाराबंकी, भोपाल व हमीरपुर में सात, आठ और 10 वर्ष की बच्चियों से बलात्कार जैसा घिनौना अपराध हुआ है।

छोटी उम्र की बच्चियों के साथ होने वाली घटनाओं से प्रदर्शित होता है कि राज्यों के पुलिस विभाग किस तरह अपराध रोकने में असफल रहे हैं। सुनील कुमार ने कहा कि दिल्ली में कांग्रेस के 15 वर्ष के शासनकाल में शीला दीक्षित के मुख्यमंत्री रहते हुए न सिर्फ बाल अपराध न के बराबर थे, बल्कि महिलाओं पर होने वाले अपराधों में भी कमी आई थी।

विभाग ने अपनी शिकायत में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से मांग की है कि देश के सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को आदेश दिया जाए कि सर्वोच्च न्यायालय के बचपन बचाओ आंदोलन बनाम केंद्र सरकार में बच्चों के लापता होने पर दिए गए दिशा-निर्देशों का पालन तत्काल प्रभाव से किया जाए। मृतका के परिवार वालों को उचित मुआवजा दिया जाए और उनको सुरक्षा भी मुहैया कराई जाए।

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