डॉक्टरों ने बुजुर्ग के दिल से निकाला 6 सेंटीमीटर का फंगल बाल, कहा- 10 लाख में से एक को होती है यह बीमारी

गुरुग्राम स्थित फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट अस्पताल के डाक्टरों ने इस साल जनवरी में बुजुर्ग के दिल की सर्जरी कर फंगल बाल (Fungal Ball) को निकाला और दोबारा नया वाल्व लगाया। डॉक्टरों का कहना है कि बुजुर्ग पूरी तरह से ठीक है।

By Umesh KumarEdited By: Publish:Wed, 10 Aug 2022 11:58 AM (IST) Updated:Wed, 10 Aug 2022 11:58 AM (IST)
डॉक्टरों ने बुजुर्ग के दिल से निकाला 6 सेंटीमीटर का फंगल बाल, कहा- 10 लाख में से एक को होती है यह बीमारी
डॉक्टरों ने बुजुर्ग के दिल से निकाला 6 सेंटीमीटर फंगल बाल। (सांकेतिक फोटो)

नई दिल्ली, जागरण डिजिटल डेस्क। नोएडा के रहने वाले 70 वर्षीय एक बुजुर्ग को कोरोना से ठीक होने के बाद दिल में फंगल संक्रमण होने का मामला सामने आया है। इसकी वजह से बुजुर्ग के दिल के आयोर्टिक वाल्व में ट्यूमर (Tumor Aortic Valve) की तरह 6 सेंटीमीटर के आकार की फंगल बाल (Fungal Ball) विकसित हो गई थी।

गुरुग्राम स्थित फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट अस्पताल के डाक्टरों ने इस साल जनवरी में बुजुर्ग के दिल की सर्जरी कर फंगल बाल को निकाला और दोबारा नया वाल्व लगाया। मंगलवार को दिल्ली में आयोजित प्रेस वार्ता में डॉक्टरों ने इसे दिल के वाल्व में फंगल संक्रमण का दुर्लभ मामला बताया और कहा कि सर्जरी के बाद सुरेश चंद्रा नामक बुजुर्ग अब पूरी तरह स्वस्थ हैं।

10 लाख में से एक को होती यह बीमारी

अस्पताल के कार्डियोथोरेसिक सर्जरी विभाग के विशेषज्ञ डॉ. उद्गीथ धीर ने बताया कि बुजुर्ग को पहले भी दिल के वाल्व में बीमारी थी। इस वजह से करीब पांच साल पहले उनका एक आयोर्टिक वाल्व बदला गया था। ऐसे मरीजों के वाल्व में संक्रमण होने का खतरा होता है, लेकिन करीब 10 लाख में से एक मरीज ही इसके शिकार होते हैं।

कोरोना से ठीक होने के बाद हुआ था संक्रमण

डॉक्टरों का कहना है कि यह संक्रमण होने पर मरीज के बचने की संभावना 50 प्रतिशत होती है। पिछले साल बुजुर्ग को कोरोना हो गया था। ठीक होने के कुछ समय बाद उनका वजन कम होने लगा। बुखार और खांसी की समस्या रहने लगी। पहले उन्हें इलाज के लिए दूसरे अस्पतालों में भर्ती किया गया था, जहां सीटी स्कैन जांच करने के बाद डाक्टरों ने फेफड़े में फाइब्रोसिस होने की बात बताई थी।

गुरुग्राम में की गई सर्जरी

शुरुआत में इसका इलाज चलता रहा। जब स्वास्थ्य में सुधार नहीं हुआ तो स्वजन उनको लेकर गुरुग्राम स्थित फोर्टिस अस्पताल में पहुंचे, जहां ब्लड कल्चर जांच करने पर पता चला कि मरीज को फंगल संक्रमण है। फिर डाक्टरों ने ट्रांस इसोफेगल इकोकार्डियोग्राम (टीइइ) जांच की तो वाल्व में फंगल बाल होने की बात पता चली।

13 जनवरी को बुजुर्ग की सर्जरी कर वाल्व को बदला गया। इस दौरान मरीज को हार्ट लंग मशीन पर रखा गया और विशेष फिल्टर की मदद से शरीर में मौजूद फंगल संक्रमण को दूर किया गया। अब बुजुर्ग स्वस्थ हैं।

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