Delhi News: अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप होगा दिल्ली में 20 झीलों का विकास, पर्यावरण मंत्री ने बताई पूरी प्लानिंग

अभी तक की आई रिपोर्ट के अनुसार अतिक्रमण सीवेज डिस्चार्ज और ठोस कचरे की डंपिंग मुख्य समस्या के तौर पर देखी गई हैं। इन समस्याओं के निवारण और झीलों के विकास के लिए जिलास्तरीय शिकायत निवारण कमेटी गठित की गई है।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Publish:Wed, 25 May 2022 12:29 PM (IST) Updated:Wed, 25 May 2022 12:29 PM (IST)
Delhi News: अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप होगा दिल्ली में 20 झीलों का विकास, पर्यावरण मंत्री ने बताई पूरी प्लानिंग
वेटलैंड अथारिटी आफ दिल्ली ने 1045 में से 1018 झीलों की मैपिंग का काम किया पूरा।

नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। झीलों के विकास के संबंध में पर्यावरण मंत्री गोपाल राय की अध्यक्षता में दिल्ली सचिवालय में संबंधित एजेंसियों की बैठक हुई। बैठक में दिल्ली पार्क एंड गार्डन सोसायटी (डीपीजीएस), वेटलैंड अथारिटी आफ दिल्ली, पर्यावरण विभाग के अधिकारियों, लैंड आनिंग एजेंसीज, दिल्ली नगर निगम (एमसीडी), केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी), लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी), दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए), दिल्ली राज्य औद्योगिक एवं ढांचागत विकास निगम (डीएसआइआइडीसी) एवं राजस्व विभाग के अधिकारी मौजूद रहे।

बैठक के बाद गोपाल राय ने बताया कि पहले चरण में दिल्ली की 20 झीलों को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप पुनर्जीवित, विकसित और संरक्षित करने का निर्णय लिया गया। पर्यावरण मंत्री ने बताया कि वेटलैंड अथारिटी और पर्यावरण विभाग ने कुल 1045 में से करीब 1018 झीलों की मैपिंग का कार्य पूरा कर लिया है। इन 1045 झीलों को यूआईडी नंबर भी आवंटित कर दिए गए हैं। आगे इसी परियोजना के आधार पर बाकी झीलों का भी विकास किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि पहले चरण की 20 झीलों में संजय झील, हौजखास झील, भलस्वा झील, स्मृति वन (कुंडली), स्मृति वन (वसंत कुंज), टिकरी खुर्द झील, नजफगढ़ झील, वेलकम झील, दर्यापुर कलां झील, पुठ कलां (सरदार सरोवर झील), मुंगेशपुर, धीरपुर, संजय वन का एमपी ग्रीन एरिया, अवंतिका सेक्टर- एक रोहिणी के जिला पार्क, बरवाला, वेस्ट विनोद नगर (मंडावली, फजलपुर), मंडावली गांव, राजौरी गार्डन, बरवाला और झटिकरा की झीलें शामिल हैं।

गोपाल राय ने बताया कि झीलों को पुनर्जीवित के लिए सबसे महत्वपूर्ण है कि उन झीलों से संबंधित शिकायतों पर कार्य किया जाए। अभी तक की आई रिपोर्ट के अनुसार अतिक्रमण, सीवेज डिस्चार्ज और ठोस कचरे की डंपिंग मुख्य समस्या के तौर पर देखी गई हैं। इन समस्याओं के निवारण और झीलों के विकास के लिए जिलास्तरीय शिकायत निवारण कमेटी गठित की गई है, जो समय-समय पर इन झीलों की निगरानी और निरीक्षण करेंगी। साथ ही झीलों से संबंधित शिकायतें निपटाएंगी।

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