जवाब नहीं मिलने पर मंत्री ने कहा 'लंदन से लौटे हो क्या, जो वेतन का नहीं पता'

मंत्री ने सुपरवाइजरों को बुलाकर कहा वह ठेकेदारों की दलाली नहीं चलने नहीं देंगे। अगर किसी कर्मचारी को नौकरी से निकाला तो सुपरवाइजरों के खिलाफ वह पुलिस मे एफआइआर दर्ज करवाएंगे।

By Edited By: Publish:Wed, 19 Dec 2018 08:20 PM (IST) Updated:Wed, 19 Dec 2018 08:36 PM (IST)
जवाब नहीं मिलने पर मंत्री ने कहा 'लंदन से लौटे हो क्या, जो वेतन का नहीं पता'
जवाब नहीं मिलने पर मंत्री ने कहा 'लंदन से लौटे हो क्या, जो वेतन का नहीं पता'

दिल्ली, जेएनएन। दिल्ली के श्रम मंत्री गोपाल राय ने दिलशाद गार्डन स्थित दिल्ली सरकार के जीटीबी अस्पताल का श्रम विभाग के अधिकारियों व विधायक सरिता सिंह के साथ औचक निरीक्षण किया। मंत्री के आते ही अस्पताल में हड़कंप मच गया, निजी कंपनियों के अधिकारी और अस्पताल प्रशासन अपना हिसाब किताब ठीक करने में जुट गए।

मंत्री ने पूछा कब मिला है वेतन
गोपाल राय चिकित्सा अधीक्षक के कमरे में गए और अस्पताल में सेवा देने वाली निजी कंपनियों के सुरक्षाकर्मी, नर्सिग अर्दली, सफाई कर्मचारी व अन्य विभागों के सुपरवाइजरों को बुलाया, जिनके अधीन अनुबंध कर्मचारी कार्य कर रहे हैं। मंत्री ने सुपरवाइजरों से पूछा कि ठेका कर्मचारियों का वेतन कितना है और किस तारीख को उन्हें वेतन मिल रहा है, इस सवाल का जवाब किसी सुपरवाइजर के पास नहीं था।

जवाब नहीं मिलने से भड़के मंत्री
मंत्री ने सुपरवाइजर से कहा कि आज ही लंदन से आए हो क्या, जो कर्मचारियों का वेतन तक नहीं मालूम। वेतन काम करने का लेते हो या कुर्सी पर बैठने का। मंत्री ने मौके पर ही इन विभागों के अकाउंट विभाग के अधिकारियों से पूछा कि कर्मचारियों को कितना वेतन दिया जा रहा है, उनके पास भी इसका जवाब नहीं था।

उन्होंने सुपरवाइजरों से पूछा कि उनका वेतन किस तारीख तक आ जाता है, इस पर सभी ने जवाब दिया एक से लेकर पांच तारीख तक। मंत्री ने फटकार लगाते हुए सुपरवाइजरों से दस्तावेज मांगे। इसके बाद मंत्री ने अनुबंध पर कार्य कर रहे कर्मचारियों को 20-20 के समूह में कॉन्फ्रेंस रूम में बुलाकर बातचीत की।

नहीं मिल रहा न्‍यूनतम मजदूरी
कर्मचारियों ने मंत्री को बताया कि नए न्यूनतम मजदूरी दर के अनुसार उन्हें वेतन नहीं मिल रहा है और महीने में एक भी छुट्टी नहीं दी जा रही। मंत्री ने जब वेतन की पर्ची मांगी तो कर्मचारियों ने कहा उन्हें नहीं मिलती, सभी ने बैंक से आने वाले मैसेज को दिखाया।

कर्मचारियों ने मंत्री को बताया कि अपने साथ होने वाले शोषण के खिलाफ आवाज उठाते हैं, तो नौकरी से निकालने की धमकी दी जाती है। मंत्री को ऐसा कोई कर्मचारी नहीं मिला जिसे न्यूनतम मजदूरी दर के अनुसार वेतन दिया जा रहा हो।

मंत्री ने सुपरवाइजरों को बुलाकर कहा वह ठेकेदारों की दलाली नहीं चलने नहीं देंगे। साथ ही चेतावनी दी अगर उन्होंने किसी कर्मचारी को नौकरी से निकाला या तबादला किया तो सुपरवाइजरों के खिलाफ वह पुलिस मे एफआइआर दर्ज करवाएंगे।

उन्होंने सभी कर्मचारियों को अपना फोन नंबर देकर न्यूनतम वेतन या अन्य समस्या को लेकर सीधे संपर्क करने को कहा। इसके साथ ही मंत्री ने श्रम विभाग के अधिकारियों को आदेश दिया कि इन कंपनियों के मालिकों को नोटिस जारी करने के साथ जुर्माना लगाया जाए।

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