नेशनल हेराल्ड केस: सोनिया व राहुल को राहत, SC का दरवाजा खटखटाएंगे स्वामी

दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने नेशनल हेराल्ड केस में सुब्रमण्यम स्वामी की याचिका खारिज करते हुए कहा कि स्वामी को कांग्रेस और AGL की बैलेंस शीट और आयकर संबंधी दस्तावेज नहीं मिलेंगे।

By Amit MishraEdited By: Publish:Mon, 26 Dec 2016 04:26 PM (IST) Updated:Tue, 27 Dec 2016 07:49 AM (IST)
नेशनल हेराल्ड केस: सोनिया व राहुल को राहत, SC का दरवाजा खटखटाएंगे स्वामी

नई दिल्ली [जेएनएन]। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने नेशनल हेराल्ड केस में सोनिया गांधी और राहुल गांधी को बड़ी राहत दी। कोर्ट ने सुब्रमण्यम स्वामी की याचिका खारिज करते हुए कहा कि स्वामी को कांग्रेस और AGL की बैलेंस शीट और आयकर संबंधी दस्तावेज नहीं मिलेंगे। फैसले के बाद स्वामी ने कहा है कि वह पटियाला हाउस कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे।

Will appeal to SC on Patiala House Court's order; National Herald took lots of benefits from govt: Subramaniam Swamy #NatioanalHerald pic.twitter.com/a2SIxLSw86

— ANI (@ANI_news) December 26, 2016

नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी को लेकर पटियाला हाउस कोर्ट फिलहाल राहत मिल गई है।

Delhi Court dismisses Subramanian Swamy's plea seeking certain documents from Congress party in #NationalHerald case. (File pic) pic.twitter.com/9VCppKxoDj

— Press Trust of India (@PTI_News) December 26, 2016

12 जुलाई को दिल्ली हाईकोर्ट ने पटियाला हाउस कोर्ट के फैसले को पलटते हुए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी को बड़ी राहत दी थी। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि CRPC के सेक्शन-91 के तहत कोई भी ऑर्डर देने से पहले आरोपी पक्ष को सुना जाना जरूरी है, जो इस मामले में नहीं किया गया। कोर्ट ने कहा कि इस मामले में सुब्रमण्यम स्वामी ने गंभीर तरीके से आवेदन नहीं लगाया और उसी तरीके से उस पर कोर्ट (पटियाला कोर्ट) ने आदेश दे दिए। स्वामी न तो गवाहों की लिस्ट के साथ इन कागजातों को जोड़ पाए और न ही यह बता पाए कि ट्रायल में इन कागजातों की क्या अहमयित है।

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दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने 11 मार्च को नेशनल हेराल्ड मामले में भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी की उस मांग को स्वीकार कर लिया था, जिसमें इंडियन नेशनल कांग्रेस (आईएनसी) और एसोसिएटिड जनरल प्रा.लि.(एजेएल) की वित्तीय जानकारी से जुड़े कुछ कागजात समन करने की मांग की गई थी। कोर्ट ने सभी संबंधित विभागों को आदेश जारी किया था कि वह संबंधित दस्तावेजों की प्रति सुब्रमण्यम स्वामी को दें।

केस में कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी, उनके पुत्र राहुल गांधी के अलावा कांग्रेस नेता मोती लाल वोरा, ऑस्कर फर्नांडिस, सुमन दुबे, सैम पित्रोदा आरोपी हैं। गांधी परिवार की तरफ से दलील दी गई थी कि उन्हें बेवजह प्रताड़ित करने के मकसद से अदालत के समक्ष यह याचिका लगाई गई है। जिन दस्तावेजों की स्वामी मांग कर रहे हैं वह कांग्रेस पार्टी और एजेएल के गोपनीय दस्तावेज हैं। यह दस्तावेज स्वामी को नहीं दिए जाने चाहिए।

स्वामी का कहना था कि षड्यंत्र के तहत सभी आरोपियों ने यंग इंडिया के नाम से एक कंपनी बनाकर नेशनल हेराल्ड अखबार की पब्लिशर एसोसिएटिड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) को अपने कब्जे में ले लिया गया, जिसके चलते करीब 90 करोड़ रुपये की संपत्ति का अधिकार यंग इंडिया को मिल गया।

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क्या था मामला

नेशनल हेराल्ड अखबार का 2008 में प्रकाशन बंद हो गया था। अखबार का मालिकाना हक एसोसिएटेड जर्नल्स के पास था। जिसे कांग्रेस पार्टी ने बिना ब्याज के 90 करोड़ का कर्ज दिया। 26 अप्रैल 2012 को यंग इंडिया कंपनी ने एसोसिएटेड जर्नल्स को 50 लाख में खरीद लिया। यंग इंडिया कंपनी में 76 फीसदी शेयर सोनिया गांधी और राहुल गांधी के हैं। ऐसे में स्वामी की ओर से सवाल उठाया जा रहा है कि राहुल और सोनिया गांधी ने अवैध ढ़ंग से कंपनी पर कब्जा किया है।

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