Delhi Air Pollution: साल के अंतिम दिन 'गंभीर श्रेणी' में जा सकती है दिल्ली-एनसीआर में हवा

Delhi Air Pollution 31 दिसंबर को दिनभर हवा बेहद खराब श्रेणी में उच्चतम स्तर पर रहने का अनुमान है। शाम के वक्त नववर्ष की पूर्व संध्या पर कुछ समय के लिए प्रदूषण का स्तर गंभीर श्रेणी में भी पहुंच सकता है।

By JP YadavEdited By: Publish:Wed, 30 Dec 2020 03:09 PM (IST) Updated:Wed, 30 Dec 2020 03:09 PM (IST)
Delhi Air Pollution:  साल के अंतिम दिन 'गंभीर श्रेणी' में जा सकती है दिल्ली-एनसीआर में हवा
दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण के स्तर में आंशिक बढ़ोतरी हुई।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। Delhi Air Pollution: दिल्ली-एनसीआर में पिछले तीन दिन से हवा की गुणवत्ता खराब श्रेणी में बरकरार है। सफर इंडिया के मुताबिक बुधवार को न्यूनतम तापमान में गिरावट होने के साथ-साथ हवा की गति कम होने का अनुमान है। इस वजह से बुधवार को प्रदूषण का स्तर बढ़कर बेहद खराब श्रेणी में पहुंच सकता है। वहीं, 31 दिसंबर को दिनभर हवा बेहद खराब श्रेणी में उच्चतम स्तर पर रहने का अनुमान है। शाम के वक्त नववर्ष की पूर्व संध्या पर कुछ समय के लिए प्रदूषण का स्तर गंभीर श्रेणी में भी पहुंच सकता है। 

इससे पहले सोमवार को प्रदूषण के स्तर में आंशिक बढ़ोतरी हुई, लेकिन एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआइ) खराब श्रेणी में ही बना रहा। इस वजह से प्रदूषण से थोड़ी राहत रही। वहीं, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार सोमवार को दिल्ली में एक्यूआइ 265 दर्ज किया गया, जो खराब श्रेणी में मध्यम स्तर पर है। एक दिन पहले दिल्ली में एक्यूआइ 253 दर्ज किया गया था। गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा व नोएडा में भी पिछले दिन के मुकाबले एक्यूआइ में आंशिक बढ़ोतरी हुई। एनसीआर के शहरों में गुरुग्राम में एक्यूआइ सबसे कम 214 दर्ज किया गया। वहीं, फरीदाबाद का 291, गाजियाबाद का 283, ग्रेटर नोएडा का 272 व नोएडा का 258 रहा।

 बता दें कि इस साल पूर्व के कई सालों की तुलना में वायु प्रदूषण को लेकर हालात काबू में रहे हैं। खासकर दीपावली पर भी हालात उस तरह नहीं हुए, जैसा कि उम्मीद की जा रही थी। दीपावली के 2 दिन बाद हुई बारिश के चलते दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण को लेकर हालात काबू में आ गए थे।

पराली ने किया था वायु प्रदूषण में इजाफा

अक्टूबर और नवंबर महीने में पंजाब और हरियाणा के साथ उत्तर प्रदेश में भी पराली जलाए जाने के चलते दिल्ली-एनसीआर के वायु प्रदूषण में इजाफा हुआ था। हालांकि, अब पराली जलाना बिल्कुल बंद है। ऐसे में दिल्ली में वायु प्रदूषण के लिए स्थानीय कारक भी जिम्मेदार हैं।

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