Coronavirus LockDown: GB रोड की महिलाओं को लेकर स्वाति मालीवाल ने पुलिस से पूछे सवाल

Coronavirus LockDown पुलिस को निर्देश दिया है कि वह यहां रहने वाली महिलाओं और बच्चों के लिए खाने-पीने और रहने की पर्याप्त व्यवस्था करें।

By JP YadavEdited By: Publish:Fri, 03 Apr 2020 10:59 AM (IST) Updated:Fri, 03 Apr 2020 11:05 AM (IST)
Coronavirus LockDown: GB रोड की महिलाओं को लेकर स्वाति मालीवाल ने पुलिस से पूछे सवाल
Coronavirus LockDown: GB रोड की महिलाओं को लेकर स्वाति मालीवाल ने पुलिस से पूछे सवाल

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। Coronavirus LockDown : कोरोना वायरस के बढ़ते प्रभाव और खतरे के मद्देनजर दिल्ली-एनसीआर में आगामी 14 अप्रैल तक दिल्ली-एनसीआर समेत पूरे भारत में लॉकडाउन है। इस लॉकडाउन से समाज का हर तबका खासतौर पर आर्थिक रूप से ज्यादा प्रभावित हो रहा है।

महिला आयोग ने पुलिस से मांगी महिलाओं की स्थिति की जानकारी

ऐसे में कोरोना वायरस के प्रकोप के बीच दिल्ली महिला आयोग ने स्वत: संज्ञान लेते हुए जीबी रोड में रहने वाली महिलाओं की स्थिति को लेकर दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया है। नोटिस में आयोग ने जीबी रोड में रह रही महिलाओं की स्थिति की जानकारी मांगी है। साथ ही यह भी निर्देश दिया है कि वह यहां रहने वाली महिलाओं और बच्चों के लिए खाने-पीने और रहने की पर्याप्त व्यवस्था करें।

पुलिस मुहैया कराए स्वास्थ्य सुविधा: DCW

दिल्ली महिला आयोग ने दिल्ली पुलिस को जीबी रोड पर रह रहीं महिलाओं के लिए मेडिकल सुविधा की पूरी व्यवस्था करने के लिए कहा गया है। आयोग ने कहा कि जीबी रोड में रह रही महिलाओं को लॉकडाउन के कारण कई मुश्किलों से जूझना पड़ रहा है। यह महिलाएं भयावह हालात में छोटे-छोटे कमरों में रहने को मजबूर हैं, जो कोरोना वायरस के संकट के दौरान उनके लिए बेहद खतरनाक है।

पुलिस कराए सोशल डिस्टेंसिंग का पालन

दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल के मुताबिक,  उन्होंने दिल्ली पुलिस से गुजारिश की है कि वह यहां पर रह रहीं महिलाओं से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन उसी तरह कराएं जैसा देश में हर जगह हो रहा है। उन्होंने यहां पर महिलाओं की हालत को लेकर चिंता भी जताई है। 

जीबी रोड पर रहती हैं 2000 महिलाएं और उनके बच्चे

एक आकलन के मुताबिक, दिल्ली के जीबी रोड पर वर्तमान में तकरीबन 2000 महिलाएं और उनके बच्चे भी रहते हैं। ऐसे में लॉकडाउन की स्थिति में आखिर कैसे इन महिलाओं का गुजारा होगा? इस पर भी महिला आयोग ने चिंता जताई है। 

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