बुखार छूटने पर बगैर जांच के कोरोना के मरीजों को मिलेगी अस्‍पताल से छुट्टी, आरडीए ने जताया एेतराज

केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय के इस नए दिशा निर्देश पर एम्‍स के रेजिडेंट डॉक्‍टर्स एसोसिएशन (आरडीए) के पदाधिकारी ने कड़ा ऐतराज जताया है और इस फैसले को गलत बताया है।

By Prateek KumarEdited By: Publish:Sat, 09 May 2020 11:11 PM (IST) Updated:Sun, 10 May 2020 07:00 AM (IST)
बुखार छूटने पर बगैर जांच के कोरोना के मरीजों को मिलेगी अस्‍पताल से छुट्टी, आरडीए ने जताया एेतराज
बुखार छूटने पर बगैर जांच के कोरोना के मरीजों को मिलेगी अस्‍पताल से छुट्टी, आरडीए ने जताया एेतराज

नई दिल्‍ली, राज्‍य ब्‍यूरो। कोरोना से पीड़ित मरीजों का बुखार छुटने व सांस लेने की परेशानी दूर होने पर उन्‍हें दोबारा जांच कराए बगैर कोविड केयर सेंटर व अस्‍पतालों से छुट्टी दी जा सकती है। इसके अलावा घर जाने के बाद अब सिर्फ सात दिन ही आइसोलेशन में रहना होगा।

आरडीए ने जताया ऐतराज

केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय के इस नए दिशा निर्देश पर एम्‍स के रेजिडेंट डॉक्‍टर्स एसोसिएशन (आरडीए) के पदाधिकारी ने कड़ा ऐतराज जताया है और इस फैसले को गलत बताया है। वहीं, कुछ वरिष्‍ठ डॉक्‍टर फैसले को सही भी ठहरा रहे हैं। इस बीच अहम बात यह है कि इस फैसले के बाद कोरोना के मरीजों की तीन की जगह सिर्फ एक जांच होगी। इस तरह दो जांच की किट बच जाएगी।

तीन जांच था अनिवार्य

डॉक्‍टर कहते हैं कि पहली जांच मरीज में संक्रमण का पता लगाने के लिए किया जाता है। इसके बाद मरीज के ठीक होने पर लगातार दो जांच निगेटिव होने के बाद ही अस्‍पताल से छुट्टी देने का प्रावधान था। इस तरह हर मरीज की कम से कम तीन जांच कराना अनिवार्य था।

जारी हुआ नया दिशा निर्देश

नए दिशा निर्देश के अनुसार हल्‍के संक्रमण से पीड़ित मरीज को यदि तीन दिन से बुखार नहीं है और उसे पहली बार लक्षण आए 10 दिन हो चुके हैं तो उसे बगैर जांच के अस्‍पताल से छुट्टी दी जा सकती है। इसी तरह जिन मरीजों को बुखार के साथ-साथ सांस लेने में परेशानी हो और वे ऑक्‍सीजन थेरेपी पर हों तो ऐसी स्‍थिति में यदि मरीज को तीन दिन में बुखार उतर जाए और चार दिनों तक ऑक्‍सीजन थेरेपी की जरूरत नहीं पड़े तो उसे भी बगैर जांच के छुट्टी दी जा सकी है। सिर्फ गंभीर मरीजों के ठीक होने पर कम से कम एक जांच के बाद ही छुट्टी मिलेगी। राजीव गांधी सुपर स्‍पेशियलिटी अस्‍पताल के एक वरिष्‍ठ डॉक्‍टर ने कहा कि यह देखा गया है कि ज्‍यादातर मरीजों को तीन दिन में बुखार खत्‍म हो जाता है।

14 दिन की जगह अब सिर्फ 7 दिन का आइसोलेशन

पहले अस्‍पतालों से छुट्टी देने के बाद पीड़ित व्यक्‍ति को 14 दिन तक घर में आइसालेट रहने का निर्देश दिया जाता था। अब एक सप्‍ताह का समय कम कर दिया गया है। अब अस्‍पताल से छुट्टी के बाद सिर्फ सात दिन होम आइसोलेशन में रहना पडेगा।

समुदाय में संक्रमण फैलने का खतरा बढा

इस फैसले पर एम्‍स आरडीए के सचिव डॉ श्रीनिवास राजकुमार ने कहा कि जांच के बगैर अस्‍पताल से छुट्टी देने का फैसला भारी पड़ सकता है। इससे समुदाय में संक्रमण बढ सकता है। सरकार 40 दिनों में क्‍या कर रही थी? जांच की सुविधाएं भी नहीं बढ़ा पाई? क्या सरकार दो लाख लोगों का बलिदान देने के लिए तैयार है?

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