लवकुश रामलीला में कोरोना गाइडलाइंस का नहीं हो रहा था पालन, कोतवाली थाने में दर्ज हुआ मुकदमा

लवकुश रामलीला कमेटी पर कोतवाली थाने में कोरोना गाइडलाइंस के उल्लंघन पर मामला दर्ज किया गया है। जांच के दौरान पाया गया कि यहां मौजूद कुछ लोगों ने मास्क नहीं लगाया हुआ था। इसके साथ ही शारीरिक दूरी का भी पालन नहीं किया जा रहा था।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Publish:Sun, 10 Oct 2021 04:00 PM (IST) Updated:Sun, 10 Oct 2021 04:00 PM (IST)
लवकुश रामलीला में कोरोना गाइडलाइंस का नहीं हो रहा था पालन, कोतवाली थाने में दर्ज हुआ मुकदमा
पुलिस ने कमेटी के सदस्यों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। लवकुश रामलीला कमेटी पर कोतवाली थाने में कोरोना गाइडलाइंस के उल्लंघन पर मामला दर्ज किया गया है। जांच के दौरान पाया गया कि यहां मौजूद कुछ लोगों ने मास्क नहीं लगाया हुआ था। इसके साथ ही शारीरिक दूरी का भी पालन नहीं किया जा रहा था। पुलिस ने कमेटी के सदस्यों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया।

वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि लवकुश रामलीला कमेटी की ओर से कोरोना गाइडलाइंस का पालन नहीं किया जा रहा था। शुक्रवार रात पुलिस की टीम रामलीला में मौजूद थी। वहां देखा गया कि आयोजक रामलीला देखने आ रहे लोगों से नियमों का पालन नहीं करवा रहे थे। इसके बाद आयोजकों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। हालांकि, रामलीला के आयोजकों ने पुलिस को आश्वासन दिया है कि कोरोना से संबंधित सभी नियमों का पालन किया जाएगा।

उधर कश्मीरी गेट की रामलीला धार्मिक सद्भाव के संदेश को प्रगाढ़ कर रही है। हिंदूू, मुस्लिम, सिख व ईसाई सभी समुदायों के लोग मिलकर राम के संदेश को लीला के जरिये जन-जन तक पहुंचाने की कोशिश में जुटे हैं। दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) की ओर से कुछ दिन पहले ही दिल्ली में रामलीला आयोजन की अनुमति दी। ऐसे में जहां राष्ट्रीय राजधानी की प्रतिष्ठित रामलीला समितियों ने कम समय में तैयारी असंभव होने का हवाला देते हुए आयोजन से हाथ खींच लिए, वहीं, सादगी और परंपराओं के साथ इंसानियत को एक साथ पिरोकर इस श्री नवयुवक रामलीला कमेटी ने महज हफ्ते भर में ही कश्मीरी गेट के तिकोना पार्क में राम का त्रेता युग उतार दिया। विशेष बात कि इस रामलीला को मंचित होते इस वर्ष 50 वर्ष पूरे हो गए हैं।

इसे सिख जत्थेदार अवतार सिंह ने तब शुरू किया था जब वह किशोर थे। उन्हें रामलीला में विभिन्न पात्रों को निभाते 50 साल भी हो गए हैं। इसी तरह 33 साल के सादिक को रामलीला में अभिनय करते हुए 27 साल से ऊपर हो चुके हैं। वह बताते हैं कि जब पांच-छह साल के ही थे, तभी से वह रामलीला में विभिन्न पात्रों को निभाते आ रहे हैं। उम्र के साथ रामलीला में उनकी भूमिकाएं बदलती गईं। कभी हनुमान की बानर सेना में रहे तो कभी रावण की सेना में शामिल हो गए। इसी तरह मकरध्वज, भरत, शत्रुघ्न व मेघनाद की भूमिका निभाने के बाद अब 19 साल से लक्ष्मण की भूमिका निभा रहे हैं।

उन्हें मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम का पात्र सबसे अधिक आकर्षित करता है। वे कहते हैं कि वह राम की भूमिका वे निभाना चाहेंगे। सादिक एक निजी कंपनी में एकाउंटेंट हैं। हालांकि, इस वर्ष वे रामलीला आयोजन और अभ्यास के लिए समय नहीं मिलने के कारण अभिनय नहीं करेंगे, पर वे समिति में मंत्री पद पर रामलीला आयोजन की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। उनके साथ ही जुबेर अहमद, मोहन जीत कौर व ईसाई समुदाय की चांदनी भी आयोजन की व्यवस्था ठीक रखने में दिन-रात एक किए हुए हैं।

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