Coroanvirus lockDown Day 4: नाइट शेल्टर्स में तब्दील होंगे दिल्ली के कई सरकारी स्कूल

Coroanvirus lockDown Day 4 कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते प्रभाव और खतरे के मद्देनजर दिल्ली के 600 सरकारी स्कूलों में नाइट शेल्टर में तब्दील किया जाएगा।

By JP YadavEdited By: Publish:Sat, 28 Mar 2020 01:24 PM (IST) Updated:Sat, 28 Mar 2020 01:39 PM (IST)
Coroanvirus lockDown Day 4: नाइट शेल्टर्स में तब्दील होंगे दिल्ली के कई सरकारी स्कूल
Coroanvirus lockDown Day 4: नाइट शेल्टर्स में तब्दील होंगे दिल्ली के कई सरकारी स्कूल

नई दिल्ली, एएनआइ। Coroanvirus lockDown Day 4: कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते प्रभाव और खतरे के मद्देनजर दिल्ली के कई सरकारी स्कूलों को नाइट शेल्टर्स में तब्दील किया जाएगा। इनमें खाने-पीने की व्यवस्था के साथ रहने का इंतजाम भी होगा। बताया जा रहा है कि दिल्ली के कुछ चुनिंदा स्कूलों को नाइट शेल्टर्स में तब्दील किया जाएगा, जिनमें 1000 से अधिक बेड लगाए जा रहे हैं। इन बेड को लगाने के दौरान कम से कम एक मीटर से अधिक की दूरी हो, इसका भी ख्याल रखा रहा है। 

इस योजना को धरातल पर लाने की कड़ी में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Delhi Deputy CM Manish Sisodia) ने शनिवार को आइपी एक्सटेंशन  स्थित सर्वोदय को-ऐड सीनियर सेकेंडरी स्कूल (Sarvodaya Co-Ed Senior Secondary School) का दौरा भी किया। इसे स्कूल को नाइट शेल्टर में तब्दील किया जा चुका है। बताया जा रहा है कि 600 स्कूलों में गरीबों के खाने की व्यवस्था होगी। इन नाइट शेल्टर्स में गरीब-बेघर रह सकेंगे।

लोगों को मुफ्त में खाना खिलाने का इंतजाम

दिल्ली सरकार ने बेघर-गरीबों के लिए मुफ्त में खाने का इंतजाम दिल्ली में जगह-जगह बने रैन बसेरों में किया है। अरविंद केजरीवाल की मानें तो शनिवार से 4 लाख लोगों को खाना खिलाने का काम किया जा रहा है।

बता दें कि दिल्ली सरकार ने लॉकडाउन होने के बाद दिल्ली में रह रहे लोगों के लिए कई अहम एलान किए हैं। इनमें ऑनलाइन शॉपिंग के बाद होम डिलिवरी, सब्जी, दूध और दवा दुकानदारों को जरूरी चीजों की आपूर्ति के लिए ई-पास का इंतजाम किया है। 

इसी के साथ हालात बिगड़ने पर दिल्ली के अस्पतालों में भी इलाज की व्यवस्था की जा रही है। इसके लिए पांच डॉक्टरों ने जो रिपोर्ट दी है, उसके हिसाब से भी काम किया जा रहा है।

वहीं, दिल्ली में कोरोना वायरस के अब तक 40 मामले सामने आ चुके हैं, जिनका विभिन्न अस्पतालों में इलाज किया जा  रहा है। 

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