Chhath Puja 2019: दिल्ली-NCR के लाखों व्रतियों ने दिया अस्ताचलगामी भगवान सूर्य को अर्घ्य
व्रतियों ने अपनी संतानों की लंबी आयु की कामना करते हुए भगवान सूर्य की आराधना की।
नई दिल्ली [अरविंद कुमार द्विवेदी]। दिल्ली के साथ एनसीआर के शहरों गाजियाबाद, नोएडा, गुरुग्राम, फरीदाबाद और सोनीपत में रहने वाले लाखों छठ व्रतियों ने शनिवार को अस्ताचलगामी भगवान सूर्य की आराधना की। इसके बाद व्रतियों ने अपने एवं अपने परिवार की खुशहाली की कामना करते हुए अर्घ्य दिया। व्रतियों ने अपनी संतानों की लंबी आयु की कामना करते हुए भगवान सूर्य की आराधना की। अर्घ्य देने के लिए मंगलवार दोपहर से ही भक्त छठ पूजा घाटों पर जुटने लगे थे।
कालिंदी कुंज घाट समेत विभिन्न इलाकों में बनाए गए कृत्रिम घाटों पर हजारों की संख्या में भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। कालिंदी कुंज समेत विभिन्न घाटों पर सुरक्षा-व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। चप्पे-चप्पे पर सीसीटीवी कैमरों एवं पुलिस के जवानों द्वारा निगरानी की जा रही थी। छठ घाटों पर छठ मैया के गीत गूंज रहे थे। कालिंदी कुंज घाट पर दोपहर से ही भक्तों की भारी भीड़ उमड़ने लगी थी। घाट तक पहुंचने में लोगों को किसी तरह की दिक्कत न हो इसके लिए वॉलेंटियर्स लगाए गए थे। कालिंदी कुंज घाट पर पूजा की तैयारियों के मद्देनजर दक्षिणी दिल्ली नगर निगम व बाढ़ नियंत्रण विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने व्यवस्था की थी।
बता दें कि पिछले कई दिनों से छठ मैया की भक्ति में पूरी दिल्ली डूबी नजर आ रही है। छठ महापर्व से जुड़ा खरना शुक्रवार को पूरे भक्तिभाव व विधि-विधान से संपन्न किया गया। इसके साथ ही व्रतियों का कठिन निर्जला उपवास शुरू हो गया है।
व्रत रखने वाले परिवारों में भक्ति के साथ उत्साह का माहौल देखा गया। परिवार का हर सदस्य पूजा की तैयारी में सहायता देने में जुटा रहा। दूर रहने वाले लोग भी छठ पर्व के लिए विशेष रूप से घर आ गए हैं।
खरना में बड़ी शुद्धता के साथ मिट्टी के चूल्हे पर गुड़ व दूध से बनी खीर व पूड़ी के साथ ही ठेकुआ, टिकरी और मौसमी फल भगवान सूर्य को चढ़ाया गया। व्रतियों ने पूजा की शुरुआत गोधूलि बेला में भगवान सूर्य के प्रतिरूप को लकड़ी की पटिया पर स्थापित कर की।
इस अनुष्ठान में व्रती अकेली ही भाग लेती हैं। अनुष्ठान करते समय व्रती को कोई भी टोकता नहीं है। इस अनुष्ठान का बड़ी सख्ती से पालन करना होता है। खरना करने के बाद खीर को सबसे पहले व्रती महिलाओं ने ग्रहण किया। इसके बाद इसे प्रसाद के रूप में लोगों में वितरित किया गया।
रोशनी से जगमग हुए घाट
छठ घाट रोशनी से जगमगा रहे हैं। घाट के रास्ते से लेकर यमुना का किनारा जगमग हो गया है। यमुना नदी के आइटीओ व कुदेसिया घाट के अलावा गली-मोहल्ले के पार्को में बने अस्थायी घाट पर प्रकाश की व्यवस्था की गई है। श्रद्धालुओं के ठहरने के लिए घाटों पर टेंट का भी इंतजाम किया गया है। घाट पर बांस की बल्लियों से बाड़ लगाकर किनारों को सीमित किया गया है, जिससे व्रती महिलाएं ज्यादा गहरे पानी में न जा सके। सुरक्षा के भी पूरे इंतजाम किए गए हैं। घाटों पर दिल्ली पुलिस के जवानों की तैनाती कर दी गई है। सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं। घाटों पर सुरक्षा की दृष्टि से मेटल डिटेक्टर गेट भी लगाए गए हैं, आपात चिकित्सा के लिए एंबुलेस व चिकित्सकों की भी तैनाती रहेगी। बोट के साथ गोताखोर भी मौजूद रहेंगे।
घाटों पर बिखरेगी पूर्वाचल की माटी की महक
घाटों पर पूर्वाचल के लोक संस्कृति की महक भी बिखरेगी। डूबते सूर्य को अघ्र्य देने के बाद बड़ी संख्या में लोग घाटों पर ही रुक जाते हैं, ताकि भोर में वे उगते सूर्य को आसानी से अघ् र्य दे सकें। ऐसे में घाटों में लोक गायक भोजपुरी भाषा में भक्ति गीत प्रस्तुत कर अपनी माटी की महक छोड़ते हैं। आइटीओ घाट पर ही प्रसिद्ध लोक गायिका संजोली पांडेय व 40 कलाकारों की टीम गीत-संगीत की प्रस्तुति देंगी।
गाय के दूध से होगा अर्घ्य
सूर्य को अघ्र्य देने में गाय के दूध का इस्तेमाल होता है। इसके लिए जहां व्रती अपने साथ विशेष रूप से दूध लेकर आते हैं तो पूजा समितियों की ओर से भी नि:शुल्क दूध उपलब्ध कराया जाता है। इस बारे में छठ पूजा समिति के बैरिस्टर सिंह ने बताया कि इसके लिए 50 लीटर से अधिक गाय के दूध की व्यवस्था की जाती है।