पॉलीग्राफ टेस्ट से भी नहीं सुलझी देश की सबसे बड़ी मर्डर मिस्ट्री, क्या सुशांत की मौत का राज खुुलेगा?

Rhea Chakraborty Polygraph test ज्यादातर मामलों में पॉलीग्राफ या लाई डिटेक्टर टेस्ट हत्या या सुसाइड जैसे मामलों को सुलझाने में असफल ही रहता है।

By JP YadavEdited By: Publish:Sun, 30 Aug 2020 11:53 AM (IST) Updated:Mon, 31 Aug 2020 07:08 AM (IST)
पॉलीग्राफ टेस्ट से भी नहीं सुलझी देश की सबसे बड़ी मर्डर मिस्ट्री, क्या सुशांत की मौत का राज खुुलेगा?
पॉलीग्राफ टेस्ट से भी नहीं सुलझी देश की सबसे बड़ी मर्डर मिस्ट्री, क्या सुशांत की मौत का राज खुुलेगा?

नई दिल्ली/नोएडा, ऑनलाइन डेस्क। Sushant Singh Rajput Death Case: बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की हत्या हुई है या फिर उन्होंने आत्महत्या की है? इस सवाल का जवाब तलाशने के लिए केंद्रीय जांच एजेंसी (Central Bureau of Investigation) मुख्य  आरोपित रिया चक्रवर्ती का पॉलीग्राफ टेस्ट करवाने पर विचार कर रही है। सीबीआइ के अधिकारियों की मानें तो पॉलीग्राफ टेस्ट की मदद से वह सुशांत सिंह राजपूत की मौत का सच सामने लाने में कामयाब हो सकती है। इसमें यह भी जान लेना जरूरी है कि पॉलीग्राफ टेस्ट को लाई डिटेक्टर टेस्ट या झूठ पकड़ने वाले परीक्षण के रूप में भी जाना जाता है। इस आधार पर जांच को दिशा दी जा सकती है, लेकिन इसके नतीजे किसी को दोषी साबित करने में मददगार नहीं होते। यह अक्सर देखा गया है। यही वजह है कि ज्यादातर मामलों में पॉलीग्राफ या लाई डिटेक्टर टेस्ट हत्या या सुसाइड जैसे मामलों को सुलझाने में असफल ही रहता है। इसका सबसे बड़ा सबूत है देश की सबसे बड़ी मर्डर मिस्ट्री आरुषि हत्याकांड (Aarushi Tawlar murder case), जो 12 साल बाद भी अंजाम तक नहीं पहुंची है। लोग भी सवाल उठा रहे हैं कि क्या सीबीआइ पॉलीग्राफ टेस्ट की मदद से सुशांत सिंह राजपूत की मौत का राज दुनिया के सामने ला पाएगी। 

आरुषि के माता-पिता समेत कई आरोपितों के हुए थे टेस्ट

गौरतलब है कि 2008 में हुए आरुिष-हेमराज मर्डर में सीबीआइ की पहली टीम को आरुषि तलवार हत्याकांड में कंपाउंडर कृष्णा, राजकुमार और विजय पर इसलिए शक था क्योंकि इन लोगों ने नार्को और पॉलीग्राफ टेस्ट में ऐसी कई बातें बोली थी जिसने यह पता लगता था कि ये लोग हत्या के दोषी हैं। वहीं, दूसरी ओर डॉक्टर राजेश तलवार और नुपुर तलवार के नार्को या पॉलीग्राफ में ऐसी कोई भी बात सामने नहीं आई थी, जिनसे इन लोगों के अपराध में शामिल होने की संभावना पैदा होती हो। नतीजा यह हुआ कि नार्को और पॉलीग्राफ टेस्ट के आधार पर जांच ही आगे नहीं बढ़ी। ऐसे में यह केस 12 साल बाद भी अनसुलझा है।

गौरतलब है कि दिल्ली से सटे नोएडा-ग्रेटर नोएडा के जाने-माने डॉ. राजेश तलवार और नूपुर तलवार की बेटी आरुषि और उनके घरेलू नौकर हेमराज की 15-16 मई, 2008 की रात को हत्या कर दी गई थी। लोगों को यह जानकर हैरानी होगी कि आरुषि के माता-पिता पॉलीग्राफ और साइको एनालिसिस परीक्षण दो-दो बार हुआ, लेकिन सीबीआइ इसके मदद से जांच को नतीजे तक नहीं पहुंचा पाई। इस बीच नाकों और ब्रेन मैपिंग परीक्षण करने की बात कहकर सीबीआइ ने कोर्ट में याचिका दी तो यह कहकर मना कर दिया गया कि दो-दो बार ऐसे टेस्ट हुई हैं और अब इसकी कोई आवश्यकता नहीं है।

रिया चक्रवर्ती का होगा पॉलीग्राफ टेस्ट

मिली जानकारी के मुताबिक, बॉलीवुड एक्ट्रेस रिया चक्रवर्ती से पिछले कई दिनों से लगातार सीबीआइ पूछताछ कर रही है। कहा जा रहा है कि एक-दो और पूछताछ के बाद सीबीआइ रिया चक्रवर्ती का पॉलीग्राफ टेस्ट कराने की तैयारी में है। यह बात भी सामने आ रही है कि रिया चक्रवर्ती और उनके परिवार के अलावा सुशांत के फ्लैटमेट और दोस्त सिद्धार्थ पिठानी और कुक नीरज का भी पॉलीग्राफ टेस्ट हो सकता है। ठीक उसी तरह जैसे आरुषि हत्याकांड में घर में मौजूद कृष्णा, विजय और राजकुमार का हुआ था। इसी के आरुषि के माता-पिता के भी कई टेस्ट हुए थे। 

गौरतलब है कि नोएडा के जलवायु विहार में रहने वाली महज 14 साल की नाबालिग लड़की आरुषि तलवार की 15 रात-16 मई, 2008 की आधी रात को हत्या कर दी गई थी। कुछ घंटों बाद पता चला कि उसी घर में काम कर रहे नौकर हेमराज (45) का भी मर्डर हो गया है। फिर यह मामला डबल मर्डर में तब्दील हो गया। 12 साल बाद सीबीआइ यह सवाल नहीं सुलझा पाई है कि आरुषि-हेमराज का कत्ल किसने किया?

जानें क्या होता है पॉलीग्राफ टेस्ट

पॉलीग्राफ टेस्ट मशीन को झूठ पकड़ने वाली मशीन और लाई डिटेक्टर के नाम से भी जाना जाता है। इसकी खोज जॉन अगस्तस लार्सन ने 1921 में की थी।  पॉलीग्राफ टेस्ट कितने कारगर हैं। इस बारे में पक्के आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं। कई अदालतों में इसके नतीजों को सबूत के तौर पर पेश करने की अनुमति नहीं है। भारत में भी ऐसा ही है। पॉलीग्राफ टेस्ट भरोसेभंद नहीं हैं, लेकिन इससे जांच में मदद मिलती है।

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