संसद में उठा दिल्ली में भूख से तीन बच्चियों की मौत का मामला

दिल्ली के लोकसभा सांसदों ने इस मुद्दे पर दिल्ली में सत्तासीन आम आदमी पार्टी सरकार को घेरते हुए हमला किया।

By JP YadavEdited By: Publish:Thu, 26 Jul 2018 03:26 PM (IST) Updated:Thu, 26 Jul 2018 03:39 PM (IST)
संसद में उठा दिल्ली में भूख से तीन बच्चियों की मौत का मामला
संसद में उठा दिल्ली में भूख से तीन बच्चियों की मौत का मामला

नई दिल्ली (जेएनएन)। देश की राजधानी दिल्ली में भूख से तड़पकर एक ही परिवार की तीन बच्चियों की जान चली गई। इंसानियत को शर्मसार करने वाली मंडावली इलाके की यह घटना संसद के मानसून सत्र के दौरान भी गूंजी। दिल्ली के लोकसभा सांसदों ने इस मुद्दे पर दिल्ली में सत्तासीन आम आदमी पार्टी सरकार को घेरते हुए हमला किया। भाजपा सांसदों रमेश बिधूड़ी, प्रवेश वर्मा और महेश गिरी ने संसद में मामला उठाते हुए राशन घोटाले की बात कही। उन्होंने कहा कि घोटाले के चलते ही जरूरतमंदों-गरीबों तक राशन नहीं पहुंच रहा है। जिस इलाके की यह घटना है वह दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का विधानसभा क्षेत्र लगता है। वहीं, हरियाणा के रोहतक से सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि तीन बच्चियों की मौत के लिए दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार दोनों जिम्मेदार हैं।

वहीं,  भुखमरी के शिकार परिवार को दिल्ली सरकार तुरंत 25 हज़ार की आर्थिक मदद देगी, साथ ही मानसिक रूप से बीमार मां का दिल्ली सरकार इलाज भी करवाएगी। इसके अलावा, बच्चों के पिता की तलाश के लिए पुलिस और डीएम को आदेश दिए गए हैं। 

वहीं, - आंगनबाड़ी विभाग को आदेश दिया गया है कि पता करो कि उक्त परिवार का नाम लिस्ट में था या नहीं। यदि था तो उन्हें राशन क्यों नहीं मिला। यदि नहीं था तो नाम कैसे छूट गया? 

यहां पर बता दें कि तीनों सगी बहनों शिखा (8), मानसी (4) और पारुल (2) की मौत मंगलवार को हुई थी। इस बीच शवों का पोस्टमार्टम करने वाले लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल के डॉक्टरों ने बुधवार को जो प्राथमिक जानकारी दी, उससे हड़कंप मच गया। डॉक्टरों ने बताया कि बच्चियां कई दिनों से भूखी थीं। उनके पेट में खाने का एक भी दाना नहीं था। उनके शरीर पर न तो चोट के निशान थे और न ही शरीर में जहर का अंश मिला है। ऐसे में संभव है कि भूख से ही तीनों बच्चियों की मौत हुई हो।

यह बात पुलिस के गले नहीं उतरी, इसलिए मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने बुधवार को गुरु तेग बहादुर (जीटीबी) अस्पताल में मेडिकल बोर्ड द्वारा दोबारा पोस्टमार्टम कराया। उसकी वीडियोग्राफी भी की गई और विसरा को भी सुरक्षित कर जांच के लिए भेज दिया गया है। पहले पोस्टमार्टम की रिपोर्ट तीन दिन और मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट आने में अमूमन 14 दिन लगते हैं। रिपोर्ट बेशक बाद में आए, लेकिन शुरुआती जांच में भूख के कारण बच्चियों की हुई मौत वाकई सरकार, प्रशासन और समाज पर सवाल उठाती है। उधर, दिल्ली सरकार ने इस मामले की मजिस्ट्रेट जांच का आदेश दिया है।

पुलिस के अनुसार, बच्चियों के पिता मंगल परिवार के साथ काफी समय से ए -83, गली संख्या -14, साकेत ब्लॉक, मंडावली में रहते थे। मां वीणा देवी मानसिक रूप से कमजोर हैं और पिता शराब के आदी हैं। किराया नहीं दे पाने के कारण मकान मालिक मुकुल मेहरा ने शनिवार को कमरे से निकाल दिया। उसी दिन मंगल पूरे परिवार के साथ पंडित चौक इलाके में रहने वाले अपने दोस्त नारायण के कमरे पर आ गए।

वहां परिवार को रहने की जगह तो मिली, लेकिन खाना नहीं मिला। रुपये नहीं होने के कारण पूरा परिवार भूखा था। भूख के कारण तीनों बच्चियां भूख से बीमार हो गईं। उल्टी-दस्त होने के बाद मां वीणा देवी ने तीनों बच्चियों को मोहल्ला क्लीनिक में दवा दिलाई, लेकिन पैसे नहीं होने के कारण बच्चियों के लिए खाना नहीं जुटा सकीं। रविवार को नारायण ने परिवार के लिए एक वक्त के खाने का इंतजाम किया, लेकिन बच्चियां बीमार होने के कारण खाना नहीं खा सकीं।

मंगलवार सुबह 11 बजे बच्चियां बेहोश हो गई तो मां रिक्शे से तीनों को लाल बहादुर शास्त्री (एलबीएस) अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। मंगलवार को ही पोस्टमार्टम करवाया गया, लेकिन शवों को परिजनों को नहीं सौंपा गया। घर में मिली दवा को जांच के लिए भेजा बच्चियों के पिता मंगल काम ढूंढ़ने के लिए मंगलवार सुबह घर से निकले थे, जो अब तक घर नहीं पहुंचे। पुलिस उन्हें तलाश रही है।

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि बच्चियों की मां मानसिक रूप से कमजोर हैं, इसलिए ठीक तरह से स्थिति स्पष्ट नहीं कर पा रही हैं। मंगल के आने पर ही पता चलेगा कि इन्हें घर से निकाला गया था या उन्होंने घर छोड़ा था। इस वक्त जहां परिवार रह रहा था, वहां कुछ दवाई मिली है। उन दवाईयों को कब्जे में लेकर फारेंसिक जांच के लिए एफएसएल लैब भेज दिया गया है।

मां को मीडिया से रखा दूर

पुलिस ने बच्चियों की मां को मीडिया के सामने नहीं आने दिया। वहीं, पड़ोसियों के अनुसार, पुलिस सुबह ही बच्चियों की मां और मंगल के दोस्त नारायण यादव को बुलाकर अपने साथ ले गई थी। दोबारा पोस्टमार्टम होने तक उन्हें मंडावली थाने में रखा गया। पुलिस ही उन्हें शव गृह लेकर गई और उनके खाने पीने का इंतजाम किया।

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