भजनपुरा में इमारत गिरने पर घायल बच्चे बोले, खौफनाक था मंजर

भजनपुरा में इमारत गिरने पर घायल बच्चे बोले ने कहा कि खौफनाक

By Pooja SinghEdited By: Publish:Sun, 26 Jan 2020 11:16 AM (IST) Updated:Sun, 26 Jan 2020 11:16 AM (IST)
भजनपुरा में इमारत गिरने पर घायल बच्चे बोले, खौफनाक था मंजर
भजनपुरा में इमारत गिरने पर घायल बच्चे बोले, खौफनाक था मंजर

पूर्वी दिल्ली, शुजाउद्दीन।  भजनपुरा के सुभाष विहार स्थित कोचिंग सेंटर में रोज की तरह शनिवार को भी बच्चे पढ़ रहे थे। छुट्टी होने में चंद मिनट रह गए थे, इतने में छत गिर गई और सब तबाह हो गया। कई बच्चों की आवाजें मलबे में ही दब गईं। वहीं कई जख्मी हालत में अस्पताल में भर्ती हैं। इन बच्चों में इस हादसे को लेकर खौफ है। रह-रहकर वह मंजर उनकी आंखों के सामने आ रहा है। हादसे में घायल सिदरा ने बताया कि वह पिछले दो वर्षों से ट्यूशन पढ़ रही है। अपनी दो बहनों के साथ वह तीन से चार बजे के बैच में पढ़ती है।

अचानक तेज आवाज हुई और छत उनके ऊपर आ गिरी। किसी को भागने की भी मोहलत नहीं मिली। वहीं यास्मीन को लगा कि वह जिंदा नहीं बचेगी, लेकिन ऊपर वाले की दुआ से बच गई। सौरव ने बताया कि पत्थर लगने से उनके सिर पर गंभीर चोटें आई हैं। लोगों ने किसी तरह उन्हें मलबे से निकाला। उन्होंने बताया कि हादसे के वक्त शिक्षक उमेश उन्हें पढ़ा रहे थे। जिस जगह उमेश थे, उधर मलबा ज्यादा गिरा। पिता ने मौके पर पहुंचकर बचाई बच्चियों की जान: यास्मीन, सिदरा और बुशरा तीनों सगी बहनें हैं। तीनों हादसे के दौरान मलबे में बुरी तरह दब गईं। जैसे ही इनके पिता जुम्मन को घटना के बारे में पता चला वह दौड़कर मौके पर पहुंचे।

बेटियां लोहे के गाटर के नीचे दबी हुईं थीं और दर्द से कराह रहीं थीं। पिता ने स्थानीय लोगों की सहायता से अपनी बेटियों को निकाला और अस्पताल लेकर पहुंच गए। यास्मीन और सिदरा के दाहिने पैर की हड्डी टूट गई है, जबकि बुशरा को भी कई जगह चोट लगी है। यास्मीन और बुशरा का कहना है उनके पिता अगर समय पर नहीं पहुंचते तो उनकी भी जान जा सकती थी।

भाई और बच्चों के बारे में पूछ रहा सेंटर संचालक: इस हादसे में कोचिंग सेंटर का संचालक हरिशंकर भी घायल हुआ है। अस्पताल में भर्ती हरिशंकर बार-बार बच्चों व अपने भाई उमेश के बारे में डॉक्टरों व पुलिस से पूछ रहा है।

छोटे बेटे की मौत, बड़ा बेटा अस्पताल में

इस हादसे में लक्ष्मी नामक महिला की मानो दुनिया ही उजड़ गई। छोटे बेटे कृष्णा (9) की हादसे में मौत हो गई, जबकि बड़ा बेटा नितिन (12) जीटीबी अस्पताल में जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहा है। वहीं बेटी उमा भी जग प्रवेश अस्पताल में भर्ती है, उसे भी अंदरूनी छोटे आई हैं। लक्ष्मी अपने बेटे की मौत की खबर को सहन नहीं कर पा रही हैं। बार- बार रोते रोते बेहोश हो रही हैं। लक्ष्मी ने कहा कि इस हादसे ने उनका सब कुछ छीन लिया। उन्होंने कहा कि रोज उनके बच्चे पढ़कर लौट आते थे, लेकिन ट्यूशन सेंटर के मालिक की एक गलती ने सब तबाह कर दिया।

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