Death Warrant in Nirbhaya case: जानें- क्या है ब्लैक डेथ वारंट? जिसके जारी होते ही मौत के करीब पहुंचे चारों

Nirbhaya verdict जानकारों की मानें तो डेथ वारंट या ब्लैक वारंट (Death warrant or Black warrant) जारी होने के बाद अब दोषियों के फांसी से बचने की संभावना नहीं के बराबर है।

By JP YadavEdited By: Publish:Tue, 07 Jan 2020 09:41 PM (IST) Updated:Wed, 08 Jan 2020 09:33 AM (IST)
Death Warrant in Nirbhaya case: जानें- क्या है ब्लैक डेथ वारंट? जिसके जारी होते ही मौत के करीब पहुंचे चारों
Death Warrant in Nirbhaya case: जानें- क्या है ब्लैक डेथ वारंट? जिसके जारी होते ही मौत के करीब पहुंचे चारों

नई दिल्ली [विनीत त्रिपाठी]। Death Warrant in Nirbhaya verdict : निर्भया मामले में मंगलवार को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने अहम फैसला सुनाते हुए चारों दोषियों की फांसी के लिए डेथ वारंट जारी कर दिया। फैसले के तहत आगामी 22 जनवरी की सुबह 7 बजे चारों दोषियों अक्षय, विनय, मुकेश और पवन को तिहाड़ जेल की संख्या-3 में फांसी दी जाएगी। जानकारों की मानें तो डेथ वारंट या ब्लैक वारंट (Death warrant or Black warrant) जारी होने के बाद अब दोषियों के फांसी से बचने की संभावना नहीं के बराबर है। हालांकि, उनके पास सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पेटिशन दाखिल करने के लिए राष्ट्रपति महोदय के पास दया याचिका दायर करने का विकल्प भी हैं, लेकिन वहां से राहत की उम्मीद भी कम ही दिखाई दे रही है।

क्या है ब्लैक वारंट

दोषियों को सजा देने के लिए उसका दिन और समय तय करने के संबंध में संबंधित जिला के मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट द्वारा ब्लैक वारंट जारी किया जाता है। इस संबंध में जेल प्रशासन की तरफ से मजिस्ट्रेट के समक्ष आग्रह पत्र दायर किया जाता है। आग्रह पत्र पर जेल प्रशासन द्वारा सुझाव के तौर पर दी गई तिथि एवं समय पर मजिस्ट्रेट अपने स्वविवेक से मुहर लगाता है और इसके बाद सजा की तिथि एवं समय तय कर दिया जाता है। डेथ-वारंट जारी करने के 14 दिन के अंदर फांसी देने का प्रावधान है।

सूत्रों के हवाले से जो खबर आ रही है उसके मुताबिक, तिहाड़ जेल संख्या-3 में फांसी के लिए तख्ता तैयार कर लिया गया है, जिस पर चार दोषियों को एकसाफ फांसी दी जा सकेगा। यह पहला मौका होगा, जब चार दोषियों को तिहाड़ जेल में एक साथ फांसी की सजा दी जाएगी। इससे पहले 1982 में रंगा-बिल्ला को सामूहिक दुष्कर्म और हत्या में तिहाड़ जेल में एक साथ फांसी दी गई थी। 

निर्भया दुष्कर्म मामले में अब बाकी हैं ये कानूनी प्रक्रियाएं

कानून के जानकारों की मानें तो चारों दोषियों अक्षय, विनय, पवन और मुकेश के पास अब भी कुछ कानूनी विकल्प खुले हैं, लेकिन इसके जरिए अब वह ज्यादा दिनों तक बच नहीं पाएंगे। जिस तरह से बीते दिनों एक ही दिन में सुनवाई करके सुप्रीम कोर्ट ने एक दोषी की पुनिर्वचार याचिका काे खारिज कर दिया। उससे साफ है कि अगर दोषी कानूनी विकल्प के लिए जाते हैं तब भी उन्हें ज्यादा दिनों तक राहत नहीं मिलने वाली। निचली अदालत से लेकर सर्वोच्च अदालत तक दोषियों को कोई राहत नहीं मिली।

युवती से सामूहिक दुष्कर्म मामले में निचली अदालत ने नाबालिग को तीन साल के लिए बाल सुधार गृह में भेजने की सजा सुनाई थी, जबकि अन्य चार दोषियों मुकेश, पवन, विनय और अक्षय को फांसी की सजा सुनाई गई थी। दिल्ली हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने सभी दोषियों की चुनौती याचिका खारिज कर फांसी की सजा बरकरार रखा था। दरअसल, अब दोषियों के पास सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पेटिशन डालने के अलावा राष्ट्रपति महोदय के पास दया याचिका दायर करने का ही विकल्प बचा है। इन दोनों ही विकल्पों के खारिज होते ही चारों दोषियों अक्षय, विनय, पवन और मुकेश को फांसी पर लटका दिया जाएगा। इस फांसी के लिए तिहाड़ जेल प्रशासन पूरी तरह तैयारी पहले ही कर चुका है। यहां तककि  मेरठ में रहने वाले जल्दाल पवन से भी बात चुकी है। वह फांसी से तकरीबन तीन दिन पहले दिल्ली आएगा और फांसी की पूरी प्रक्रिया को अंजाम दे देगा।

 Delhi Nirbhaya Case News: डेथ वारंट पर कोर्ट का फैसला, 22 जनवरी सुबह 7 बजे दोषियों को मिलेगी फांसी

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