स्वदेशी तकनीक से विकसित विमान और राडार बनेंगे ताकत, हैं तैयार हम: धनोआ

वायुसेना प्रमुख ने कहा कि सिर्फ वर्तमान परिस्थितियों के लिए ही नहीं बल्कि भविष्य को लेकर भी वायुसेना पूरी तरह से तैयार है। वायुसेना अपनी शक्ति बढ़ा रही है।

By Edited By: Publish:Mon, 08 Oct 2018 06:57 PM (IST) Updated:Mon, 08 Oct 2018 10:48 PM (IST)
स्वदेशी तकनीक से विकसित विमान और राडार बनेंगे ताकत, हैं तैयार हम: धनोआ
स्वदेशी तकनीक से विकसित विमान और राडार बनेंगे ताकत, हैं तैयार हम: धनोआ

गाजियाबाद/साहिबाबाद (सौरभ पांडेय)। विंटेज विमानों को संजोने के साथ लगातार नवीनतम स्वदेशी तकनीक विकसित कर रही भारतीय वायुसेना आने वाले पांच वर्षों में विश्व की सर्वश्रेष्ठ वायुसेना बनने की ओर अग्रसर है। मेक इन इंडिया के तहत स्वदेशी तकनीक से विकसित किए गए विमान और राडार वायुसेना की ताकत बनने जा रहे हैं।

हिन्दुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल), भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल), रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) वायुसेना की ताकत बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। लड़ाकू विमान तेजस और इजराइली तकनीक पर विकसित राडार स्पाइडर का भारतीय स्वरूप इसके उदाहरण हैं। ये बातें वायुसेना प्रमुख बीएस धनोआ ने कहीं। उन्होंने जवानों को वायुसेना मेडल देकर सम्मानित भी किया।

गाजियाबाद के हिंडन एयरफोर्स स्टेशन में भारतीय वायुसेना के 87वें स्थापना दिवस पर वायुसेना प्रमुख ने वर्ष 2018 को यादगार बताते हुए सभी जवानों को बधाई दी। उन्होंने पश्चिमी वायु कमांड के प्रमुख सी हरि कुमार, आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत, नेवी चीफ एडमिरल सुनील लांबा का स्वागत किया।

वायुसेना और शक्तिशाली होने जा रही है
इसके बाद वायुसेना प्रमुख बीएस धनोआ ने कहा कि इस वर्ष हुए युद्धाभ्यास गगन शक्ति ने वायुसेना को नई ऊर्जा दी है। यही कारण है कि वायुसेना दिवस की थीम गगन शक्ति ही है। नेपाल, ऑस्ट्रेलिया और अन्य देशों के साथ किए गए अभ्यास से वायुसेना को नया आत्मविश्वास मिला है। मिग-29 और मिराज 2000 के अपग्रेड होने से वायुसेना और शक्तिशाली होने जा रही है।

भविष्य को देखते हुए जारी है तैयारी
वायुसेना प्रमुख ने कहा कि सिर्फ वर्तमान परिस्थितियों के लिए ही नहीं बल्कि भविष्य को लेकर भी वायुसेना पूरी तरह से तैयार है। वायुसेना के लिए एरोस्पेस का उपयोग बेहद महत्वपूर्ण है। एरोस्पेस के विषय में वायुसेना का अध्ययन लगातार जारी है। साथ ही साइबर के क्षेत्र में लगातार बढ़ रही चुनौतियों को लेकर भी वायुसेना अपनी शक्ति बढ़ा रही है। लगातार ऐसे राडार विकसित किए जा रहे हैं, जो एरोस्पेस और साइबर चुनौतियों के प्रति भी बेहद उपयोगी साबित होंगे।

गर्व का अनुभव
वायुसेना प्रमुख बीएस धनोआ ने कहा कि न सिर्फ देश की सुरक्षा के मुद्दों पर बल्कि आपातकालीन स्थितियों में भी वायुसेना का योगदान लगातार बढ़ता जा रहा है। पिछले दिनों केरल में आई बाढ़ हो या हिमाचल प्रदेश में आई आपदा वायुसेना ने हर मोर्चे पर पूरी मेहनत से काम कर लोगों की जान बचाई है। दोनों राज्यों की आपदाओं में वायुसेना ने जिस तरह से काम किया है उसके बाद वह खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं।

आकाश ही नहीं, खेल में भी दी दुश्मनों को मात
बीएस धनोआ ने कहा कि वायुसैनिक सिर्फ आकाश नहीं बल्कि खेलों में भी अपने प्रतिद्वंद्वियों को मात देने में सक्षम है। हाल ही में हुए एशियाई गेम्स और कॉमनवेल्थ गेम्स में भारतीय वायु सैनिकों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए एक स्वर्ण, दो रजत और चार कांस्य पदक जीतकर दिखा दिया है कि वह हर क्षेत्र में अव्वल हैं। वायुसेना प्रमुख ने वादा किया कि देश के हर मोर्चे पर वायुसेना डटकर दुश्मन का सामना करने को तैयार है।

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