इस बार 'आप' से हो गई चूक, काम नहीं आई केजरीवाल की धरने वाली सियासत

केजरीवाल की धरने की सियासत का रंग फीका रह गया। बिजली-पानी की समस्या को लेकर जनता परेशान रही और केजरीवाल के धरने की जमकर आलोचना भी कर रही थी।

By Amit MishraEdited By: Publish:Tue, 19 Jun 2018 10:45 PM (IST) Updated:Tue, 19 Jun 2018 10:45 PM (IST)
इस बार 'आप' से हो गई चूक, काम नहीं आई केजरीवाल की धरने वाली सियासत
इस बार 'आप' से हो गई चूक, काम नहीं आई केजरीवाल की धरने वाली सियासत

नई दिल्ली [जेएनएन]। दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल की धरने की सियासत इस बार काम नहीं आई। यही वजह रही कि केजरीवाल को बिना कुछ हासिल हुए नौवें दिन राजनिवास के प्रतीक्षालय से धरना खत्म कर बैरंग लौटना पड़ा। अपने पक्ष में नतीजा न निकलने से हताश केजरीवाल धरना खत्म कर बिना मीडिया को कुछ बताए सीधे अपने घर पहुंचे। धरना खत्म होने का एलान भी मुख्यमंत्री ने स्वयं नहीं किया। उपमुख्यमंत्री सिसोदिया ने ही अपने आवास से धरना खत्म करने की घोषणा की। यही नहीं, धरने के दौरान नौ दिनों से बात-बात पर ट्वीट कर रहे केजरीवाल ने धरना खत्म करने का ट्वीट भी नहीं किया।

धरने की सियासत का रंग फीका रह गया

दरअसल, इस बार केजरीवाल की धरने की सियासत का रंग फीका रह गया। धरने के दूसरे दिन कार्यकर्ताओं से सिविल लाइंस मेट्रो स्टेशन पर भारी संख्या में पहुंचने की अपील की गई थी। बाद में तय हुआ कि मुख्यमंत्री के घर के बाहर प्रार्थना की जाएगी। इसमें मात्र 200 लोग ही पहुंचे। आम लोग तो दूर, पार्टी के कार्यकर्ता ही इस प्रार्थना सभा में नहीं पहुंचे। जब यह बात मीडिया में आई तो अगले दिन राजनिवास तक मार्च के लिए विधायकों को और पार्षदों को भीड़ लाने का आदेश दे दिया गया। तब कहीं जाकर इस मार्च के लिए पार्टी भीड़ जुटा सकी। इसके बावजूद आम लोगों में पार्टी के पक्ष में माहौल नहीं बना।

जनता परेशान रही 

रविवार को प्रधानमंत्री आवास तक मार्च का एलान करने के साथ ही आम आदमी पार्टी को ताकत दिखाने के लिए मा‌र्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआइएम) और अन्य क्षेत्रीय राजनीतिक दलों का सहारा भी लेना पड़ा। इसके बाद भी जनता की सहानुभूति केजरीवाल को नहीं मिली। बिजली-पानी की समस्या को लेकर जनता परेशान रही और केजरीवाल के धरने की जमकर आलोचना भी कर रही थी। वहीं, भाजपा, कांग्रेस और स्वराज इंडिया पानी की समस्या को लेकर वार्ड और मंडल स्तर पर लोगों से जुड़े रहे। 

यह भी पढ़ें: नौ दिनों से एलजी हाउस में डटे केजरीवाल ने खत्म किया धरना, ऐसे निकला सुलह का रास्ता

chat bot
आपका साथी