दलबदल मामले में AAP के दो बागी विधायकों ने स्पीकर से मांगा और समय, दी ये दलील

दलबदल के आरोपों का सामना कर रहे आप के बागी विधायक देवेंद्र सहरावत और अनिल वाजपेयी ने दिल्ली विधानसभा के सचिव के समक्ष अपनी लिखित दलीलें सोमवार को पेश की।

By Edited By: Publish:Mon, 24 Jun 2019 10:07 PM (IST) Updated:Tue, 25 Jun 2019 07:40 AM (IST)
दलबदल मामले में AAP के दो बागी विधायकों ने स्पीकर से  मांगा और समय, दी ये दलील
दलबदल मामले में AAP के दो बागी विधायकों ने स्पीकर से मांगा और समय, दी ये दलील

नई दिल्ली, जेएनएन। दलबदल के आरोपों का सामना कर रहे आम आदमी पार्टी (आप) के बागी विधायक देवेंद्र सहरावत और अनिल वाजपेयी ने दिल्ली विधानसभा के सचिव के समक्ष अपनी लिखित दलीलें सोमवार को प्रस्तुत की। इस मुद्दे पर अध्यक्ष के समक्ष व्यक्तिगत सुनवाई को आगे टालने का अनुरोध किया। दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने कहा है कि इस मामले में मंगलवार को सुनवाई होगी। इसके अलावा वह कुछ नहीं कह सकते हैं।

इन दोनों को आप विधायक और पार्टी प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज की याचिका पर नोटिस जारी किया गया था। भारद्वाज ने दोनों पर लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा में शामिल होने का आरोप लगाया है। अपने जवाब में सहरावत और वाजपेयी ने कहा कि भारद्वाज की याचिका के साथ संलग्न समाचार-पत्र की कतरनें अपठनीय हैं। उन्होंने मांग की कि उन्हें टाइप की हुई और अनूदित प्रतियां उपलब्ध कराई जाएं ताकि वे दलबदल के आरोप पर अपनी प्रतिक्रिया दर्ज करा सकें।

अनिल वाजपेयी ने दिल्ली विधानसभा के सचिव को सौंपी अपनी लिखित दलील में कहा, मैं आपसे 25 जून की सुनवाई को टालने और याचिका और संलग्न दस्तावेजों की टाइप की हुई प्रतियां मुहैया कराए जाने की तारीख से छह हफ्ते का समय देने का अनुरोध करता हूं। बिजवासन विधानसभा क्षेत्र के विधायक सहरावत ने भी यही कारण बताते हुए भाजपा में शामिल होने के आरोप पर जवाब देने के लिए चार हफ्ते का वक्त मांगा है।

हालांकि, सूत्रों ने बताया कि दोनों विधायकों को सात दिन का वक्त दिया गया है जो दिल्ली विधानसभा सचिवालय के नोटिस का जवाब देने के लिए पर्याप्त है। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर कल सुनवाई होनी है। अध्यक्ष नियमों के अनुरूप काम करेंगे। वहीं भारद्वाज ने कहा है कि सहरावत और वाजपेयी भाजपा के वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में मई में उनकी पार्टी में शामिल हुए थे। इसके पूरे प्रमाण उपलब्ध हैं। हालांकि ये दोनों इस बात पर कायम हैं कि उन्होंने पार्टी की सदस्यता के लिए आवेदन नहीं किया था।

वहीं वाजपेयी और सहरावत ने दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता के साथ सोमवार को प्रेसवार्ता की। वाजपेयी का कहना है कि उन्हें संसदीय सचिव मामले में राष्ट्रपति की सिफारिश पर चुनाव आयोग अयोग्य घोषित कर चुका है। उसके बाद दिल्ली हाई कोर्ट ने चुनाव आयोग में उनका पक्ष सुने जाने के लिए मोहलत दी है। अभी यही तय नहीं है कि वह विधायक हैं या नहीं।

ऐसे में उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं की जा सकती है। उधर बताया जा रहा है कि आप ने अपने दो और बागी विधायकों के खिलाफ कार्रवाई के लिए मन बना लिया है। जल्द ही इनके खिलाफ भी दिल्ली विधानसभा में शिकायत किए जाने की संभावना है।

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