37 साल पहले तिहाड़ में हुई थी चौंकाने वाली घटना, फांसी के 2 घंटे बाद तक जिंदा था शख्स

1982 में रंगा-बिल्ला को हत्या और दुष्कर्म के मामले में फांसी दी गई थी जिसमें बिल्ला की तत्काल मौत हो गई जबकि रंगा 2 घंटे तक जिंदा रहा।

By JP YadavEdited By: Publish:Wed, 08 Jan 2020 02:52 PM (IST) Updated:Wed, 08 Jan 2020 03:15 PM (IST)
37 साल पहले तिहाड़ में हुई थी चौंकाने वाली घटना, फांसी के 2 घंटे बाद तक जिंदा था शख्स
37 साल पहले तिहाड़ में हुई थी चौंकाने वाली घटना, फांसी के 2 घंटे बाद तक जिंदा था शख्स

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट द्वारा मंगलवार को निर्भया मामले के चारों दोषियों अक्षय, मुकेश, विनय और पवन को फांसी के डेथ वारंट जारी होने के बाद फांसी को लेकर चर्चा तेज हो गई है। लोगों फांसी के बारे में जानकारियां हासिल कर रहे हैं कि यह कैसे और किस प्रक्रिया के तहत दी जाती है। फांसी की प्रक्रिया में इस बात का ध्यान रखा जाता है कि किसी तरह की अमानवीय या फिर कानून के विरोध में बात नहीं जाए। यही वजह है कि तिहाड़ जेल संख्या-3 में जेल प्रशासन पुख्ता तैयारी कर रहा है, क्योंकि यहां पर पहली बार चार लोगों को एक साफ फांसी दी जाएगी। बता दें कि इससे पहले 1982 में रंगा-बिल्ला को हत्या और दुष्कर्म के मामले में फांसी दी गई थी, जिसमें बिल्ला की तत्काल मौत हो गई, जबकि रंगा 2 घंटे तक जिंदा रहा। 

सुनील गुप्ता ने ब्लैक वारंट नामक अपनी किताब में लिखा है कि तिहाड़ में रंगा और बिल्ला को फांसी के फंदे पर लटकाया गया था। नियमों के मुताबिक, फंदे पर लटकाने के करीब दो घंटे बाद जब वहां मौजूद चिकित्सक फांसी घर में जांच करने गए कि दोनों की मौत हुई या नहीं तो पाया गया कि रंगा की नाड़ी (पल्स) चल रही थी। इसके बाद रंगा के फंदे को नीचे से खींचा गया और जिससे उसकी मौत हुई।

इसको लेकर दिल्ली के हरिनगर में स्थित दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल में वर्तमान में फॉरेंसिक विभाग के अध्यक्ष बीएन मिश्र के मुताबिक, जब किसी को फांसी दी जाती है तो उसकी गर्दन की हड्डियों में अचानक झटका लगता है। फिर इस झटके से गर्दन की सात हड्डियों में से एक जिसे सेकेंड वर्टिब्रा कहा जाता है, उसमें से ऑडोंट्वाइड प्रोसेस नामक हड्डी निकलकर स्पाइनल कॉर्ड में धंस जाती है। इसके बाद इसके धंसते ही न्यूरोलॉजिकल शॉक का शिकार हो जाता है और फिर तत्काल शरीर की नियंत्रण क्षमता समाप्त हो जाती है। इसके बाद शख्स की मौत हो जाती है। यह पूरी प्रक्रिया कुछ सेकेंड में पूरी हो जाती है। 

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