2018 Burari Death Case: मास्टरमाइंड ललित था Delusional Disorder का शिकार ! उसके बुने जाल में चली गई 11 जानें

2018 Burari Death Case साइकॉटिक डिसऑर्डर में समूह के सभी व्यक्ति किसी एक व्यक्ति पर आप मुझ पर विश्वास करते हैं और वही इस बुराड़ी कांड में होगा।

By JP YadavEdited By: Publish:Wed, 01 Jul 2020 07:33 PM (IST) Updated:Wed, 01 Jul 2020 07:33 PM (IST)
2018 Burari Death Case: मास्टरमाइंड ललित था Delusional Disorder का शिकार ! उसके बुने जाल में चली गई 11 जानें
2018 Burari Death Case: मास्टरमाइंड ललित था Delusional Disorder का शिकार ! उसके बुने जाल में चली गई 11 जानें

नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। 2018 Burari Death Case: देश-दुनिया को हिला देने वाले बुराड़ी फांसी कांड को लेकर 2 साल बाद भी कयास ही लगाए जा रहे हैं कि ललित के कहने पर सभी 10 लोगों ने फांसी लगाई थी और 11वां शख्स ललित खुद था। विशेषज्ञ अनुमान लगाते हैं कि शायद ललित Shared psychotic disorder or Dillusion नामक बीमारी की चपेट में था।  Shared psychotic disorder or Dillusion की चपेट में आ लोग कल्पना को ही सच मानने लगते हैं।

दरअसल, ऐसे लोग काल्पनिक चीजों को सच मानकर मानकर चलते हैं। ललित भी परिवार के सदस्यों पर हावी था। इस बीमारी की चपेट में आने के चलते ही कई बार अपने पिता की ही तरह बात करता था और व्यवहार भी करता था। वहीं, लगता है कि परिवार के बाकी सदस्य भी शेयर्ड साइकॉटिक डिसऑर्डर से ग्रसित थे। इस तरह के साइकॉटिक डिसऑर्डर में समूह के सभी व्यक्ति किसी एक व्यक्ति पर आप मुझ पर विश्वास करते हैं और वही इस बुराड़ी कांड में हुआ होगा, जिसमें सभी ने आंख मूंदकर ललित की हर बात पर विश्वास किया। इसी के चलते ललित समेत सभी 11 लोगों ने फांसी लगाई और फिर उनकी मौत हो गई।

सोशल एंड क्लचरल एंथ्रोपॉलोजिस्ट डॉ. अनुपमा भारद्वाज (Dr. Anupma S. Bhardwaj, Social and cultural Anthropologist) का मानना है कि बुराड़ी कांड में ललित सबसे प्रमुख व्यक्ति था। दरअसल, ललित एक प्रकार के मानसिक डिसऑर्डर से ग्रस्त था, जिसे  दिगभ्रम कहते हैं।

 

जांच के दौरान परिवार के करीबियों और रिश्तेदारों से पूछताछ में पुलिस को पता चला था कि सामूहिक आत्महत्या से कुछ महीने पहले ललित अपने पिता की आवाज में भी बात करता था। इसी के साथ घर में निर्मित मंदिर के पास से धार्मिक अनुष्ठान, तंत्र-मंत्र और मोक्ष से जुड़ी बातें रजिस्टर में लिखता था।

ललित का अपनी मां नारायणी देवी समेत परिवार के अन्य सदस्यों से कहना था कि पिता की मौत के बाद पिता उसे दिखाई देते थे। वह तो यह भी दावा करता था कि उसके स्वर्गीय पिता उसके सपने में आते हैं और उन्हीं की बातें उसने रजिस्टर में लिखी हैं।

जांच में पुलिस इस निष्कर्ष पर पहुंची थी कि परिवार ने ललित के बहकावे में आकर तंत्र-मंत्र और धार्मिक अनुष्ठान के जरिए मोक्ष पाने के लिए सामूहिक रूप से आत्महत्या कर ली। इस अनुष्ठान के दौरान परिवार का कोई भी सदस्य मरना नहीं चाहता था , बल्कि सिर्फ मोक्ष पाना चाहता था।

ललित ने रजिस्टर में लिखा था- पिताजी ने कहा है कि आखिरी समय पर झटका लगेगा, आसमान हिलेगा, धरती हिलेगी। लेकिन तुम घबराना मत, मंत्र जाप तेज कर देना, मैं तुम्हे बचा लूंगा। जब पानी का रंग बदलेगा तब नीचे उतर जाना, एक दूसरे की नीचे उतरने में मदद करना। तुम मरोगे नहीं, बल्कि कुछ बड़ा हासिल करोगे।  ऐसा करने के क्या हुआ यह बता 1 जुलाई, 2018 की सुबह चला, जब परिवार के 11 सदस्य फांसी पर लटके नजर आए।

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